फोटोलाइट से साफ हवा

आदर्श शुक्ला अपनी फोटोलाइट कोटिंग का इस्तेमाल कर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद कर रहे हैं।

जैसन चियांग

मई 2019

फोटोलाइट से साफ हवा

आदर्श शुक्ला की फोटोलाइट कोटिंग से किसी भी इमारत की सतह को लाइट-एक्टिवेटेड एयर प्यूरीफायर में बदला जा सकता है। इससे भवनों के अंदर और बाहर का वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है। फोटोग्राफ: साभार आदर्श शुक्ला

आदर्श शुक्ला एक उद्यमी और टेक्नोलॉजी के प्रति उत्साही व्यक्ति हैं, जो नवप्रवर्तित टेक्नोलॉजी के जरिये जन-समस्याओं को सुलझाने में जुटे हैं। प्रौद्योगिकी के प्रति उनके इस लगाव ने उन्हें नई दिल्ली में वाईएनए इंटरप्राइजेज की स्थापना के लिए प्रेरित किया। इसका एक अत्याधुनिक उत्पाद है फोटोलाइट, यानी एक पारदर्शी कोटिंग, जिसका मकसद दृश्य प्रकाश का इस्तेमाल कर शहरों में वायु प्रदूषण कम करना है। कोटिंग में एक प्रकाश उत्प्रेरित तत्व होता है, जो किसी भी इमारत की सतह को एक वायु शोधक के रूप में बदल देता है। यह आस-पास के इलाके की अंदरूनी और बाहरी वायु गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करती है, साथ ही यह बिजली की खपत और वायु शोधकों पर हमारी निर्भरता घटाती है।

शुक्ला ने नई दिल्ली के अमेरिकन सेंटर स्थित नेक्सस स्टार्ट-अप इनक्यूबेटर में प्रशिक्षण लिया है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास, ऑस्टिन के आईसी2 इंस्टीट्यूट के साथ गठबंधन के तहत संचालित हो रहा है। इंटरव्यू के मुख्य अंश:

क्या आप अपनी पृष्ठभूमि के बारे में कुछ बताएंगे और यह भी कि आपने वायु प्रदूषण के संकट को दूर करने की दिशा में सक्रिय होने का फैसला कैसे किया?

मैं लखनऊ में बड़ा हुआ। वहां से मैंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। बाद में मैं नई दिल्ली आ गया। मेरी शहरी जिंदगी रोजाना की चुनौतियों और प्रतिकूलताओं से भरी हुई थी। इसी ने टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से समाज की बुनियादी समस्याओं को दूर करने के प्रति मेरी दिलचस्पी जगाई।

प्रदूषण संकट के संदर्भ में मेरे काम की शुरुआत दरअसल छुट्टियों में हिमालय की एक सैर से शुरू हुई, जहां मैंने ताजगी भरी स्वच्छ हवा का अहसास किया। वहां दो ह़फ्ते गुजारने के बाद जब मैं नई दिल्ली लौटा, तो मुझे यहां की हवा में दुर्गंध का अहसास हुआ और एक घुटन-सी महसूस होने लगी। उस घटना ने मुझे अहसास कराया कि अपनी रोजाना की जिंदगी में कितने प्रदूषण से हमें जूझना पड़ता है।

वायु प्रदूषण से जुड़े क्या ऐसे अज्ञात तथ्य है, जिसके बारे में आपको लगता है कि अधिक जागरूकता की ज़रूरत है?

हर बार जब हम वायु प्रदूषण की बात करते हैं, हम फेफड़े की बीमारियों, एलर्जी और मौतों के बारे में सोचते हैं। वाष्पशील कार्बनिक यौगिक और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी प्रतिक्रियाशील गैसें खामोश कातिल हैं, जो आहिस्ता-आहिस्ता असर डालती हैं और हमारे दिमाग की सोचने की निर्णयात्मक क्षमता को कुंद कर देती हैं। ये प्रदूषक खास तौर से बच्चों में दिमागी बीमारी और बुजुर्गों में डिमेंशिया के खतरे पैदा कर रहे हैं। खराब अंदरुनी वातावरण वाले व्यावसायिक स्थल ऐसे प्रदूषकों के ज्यादा संपर्क में होते हैं, और इसका नतीजा प्रति-कर्मचारी सालाना उत्पादकता में कमी के रूप में सामने आता है।

क्या आप हमें बताएंगे कि आप फोटोलाइट तक कैसे पहुंचे?

फोटोलाइट के पीछे का मूल आइडिया दरअसल एक ऐसा टिकाऊ, मापा जाने लायक और आसानी से लागू हो सकने वाला समाधान तैयार करना था, जिससे शहरों की वायु गुणवत्ता को नियंत्रित किया जा सके। इसे दिमाग में रखते हुए ही मैंने वायु फिल्टरों पर शोध करना शुरू कर दिया और यह नैनोटेक्नोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री के साथ प्रयोग पर खत्म हुआ।

मैंने एक पारदर्शी उच्च-क्षमता वाली कोटिंग तैयार की, जो किसी भी इमारत की छत की सतह को प्रकाश से सक्रिय वायु शोधक में तब्दील कर देती है। यह अपनी प्रकृति में अविषाक्त है और इसका प्रयोग शीशे की सतह पर भी किया जा सकता है, बिना उनकी पारदर्शिता को प्रभावित किए हुए। अंदरुनी वातावरण की नुकसानदेह प्रतिक्रियाशील गैसों को नियंत्रित करने के लिहाज से फोटोलाइट काफी प्रभावी हल है और यह फफूंद और वायरसों से भी बचाता है।

प्रतिदिन की ज़िंदगी में फोटोलाइट की क्या व्यावहारिक उपयोगिताएं हैं?

हम अपना लगभग 80 से 90 फीसदी वक्त इमारतों के अंदर बिताते हैं। जरा एक ऐसी दुनिया की कल्पना कीजिए, जिसका अंदरुनी वातावरण आपकी सेहत व आपके जीवन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाए, बल्कि आपको और अधिक उत्पादक बनाए! जब भी आप कोई घर, स्कूल और व्यावसायिक केंद्र बना रहे हों, या उनका पुनर्निर्माण कर रहे हों, तो उसके भीतर के बेहतर वातावरण के लिहाज से फोटोलाइट एक सरल समाधान हो सकता है। इसका आसान इस्तेमाल और इसकी अविषाक्त प्रकृति इसे तकनीकी ज्ञान से वंचित लोगों के लिए भी सुलभ बना देती है, जो गंदी बाथरूम टाइलों, फफूंद या खुली रसोई की गंध की समस्या से परेशान हैं।

नेक्सस इनक्यूबेटर के साथ काम करने के सबसे बड़े फायदे क्या रहे?

नेक्सस इनक्यूबेटर के साथ काम करने का अनुभव मेरे लिए बेमिसाल रहा। इसने मुझे भारत में उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ा। इस कार्यक्रम से मुझे सीधे मेंटॉरशिप के जरिये फे्रमवर्क तैयार करने में मदद मिली और इसी की बदौलत एक टेक्नोलॉजी और समस्या-निवारक उत्पाद के बीच के फर्क को मैं समझ सका।

भविष्य को देखते हुए आपने फोटोलाइट के लिए क्या लक्ष्य रखा है? आप किस वैश्विक पर्यावरणीय या स्वास्थ्य चुनौती से निपटने को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित हैं?

फोटोलाइट के साथ मेरा मकसद ऐसे समाधान ढूंढ़ना है, जो एक बेहतर, उत्पादक वातावरण पैदा करने में मददगार हो सके और जीवन-स्तर में सुधार ला सके। मैं विशाल महासागरों से बेहद प्रभावित हूं और बेहतर भविष्य के लिए मैं कुदरत के इस अक्षत उपहार के इस्तेमाल के रास्ते ढूंढ़ना चाहूंगा।

जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं। वह सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।



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