विविधता और समावेश के जरिए नेतृत्व का

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट प्रोग्राम में विद्यार्थियों को दुनिया के विकास से जुड़े असली मुद्दों से रूबरू होने के लिए विविध पृष्ठभूमियों, अनुभवों, पहचानों और दृष्टिकोणों को आधार बनाया जाता है।

स्टीवन रैडलेट

अगस्त 2021

विविधता और समावेश के जरिए नेतृत्व का

स्टीवन रैडलेट (बाएं), जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट प्रोग्राम के निदेशक हैं। अरविन टिओंगसन (दाएं), जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट प्रोग्राम के उप निदेशक हैं।

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी का ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट (जीएचडी) प्रोग्राम, मजबूत अकादमिक कौशल पर आधारित मास्टर्स डिग्री का एक अभिनव प्रोग्राम है। यह मानव विकास और वैश्विक गरीबी जैसे मसलों पर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के अलावा अलाभकारी संस्थाओं में विकास से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले पेशेवरों की अगली पीढ़ी को तैयार करने के नजरिए से डिजाइन किया गया है। साल 2012 में अपनी शुरुआत के साथ जीएचडी प्रोग्राम ने अंतरराष्ट्रीय विकास के विषय क्षेत्र में दुनिया के विशिष्ट डिग्री प्रोग्रामों में खुद को स्थापित कर लिया है। पाठ्यक्रम, पाठ्येत्तर गतिविधियों, फैकल्टी मेंटरिंग और व्यावहारिक फील्डवर्क के अनुभव के माध्यम से हमारे ग्रेजुएट ज्ञान, कौशल और विश्व के विकास के मसलों पर नेतृत्व करने और वैश्विक समुदाय में अंतर लाने के लिए जरूरी अनुभव हासिल करते हैं।

दो साल का जीएचडी पाठ्यक्रम, अर्थशास्त्र, राजनीतिक अर्थशास्त्र, क्वांटिटेटिव एनेलिसिस, इवेल्यूवेशन, डवलपमेंट फाइनेंस और प्रोजेक्ट डिजाइन और मैनेजमेंट जैसे मूल विषयों का मिश्रण है। पाठ्यक्रम का लक्ष्य इन विषयों में विद्यार्थियों को मजबूत आधार देने के अलावा विद्यार्थियों को खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, क्वांटिटेटिव एनेलिसिस, क्लाइमेट चेंज और ह्यूमेनेटेरियन क्राइसिस जैसे अपने पसंद के विषय क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन पर फोकस करने की छूट भी देना है। इन पाठ्यक्रमों को हमारे एथिक्स रिट्रीट, स्किल वर्कशॉप, सेमिनार और वैकल्पिक भाषा पाठ्यक्रमों के जरिए और मजबूती दी जाती है। ये सब मिलकर विद्यार्थी को एक सफल डवलपमेंट कॅरियर का कौशल उपलब्ध कराते हैं। हमें जॉर्जटाउन स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस का हिस्सा होने पर गर्व है जिसकी उत्कृष्टता की विश्व भर में प्रतिष्ठा है।

जीएचडी प्रोग्राम का जोर विकास से संबंधित असली मुद्दों पर काम करने के लिए विद्यार्थियों को व्यावहारिक अवसर उपलब्ध कराने पर रहता है। विद्यार्थियों को वॉशिंगटन डी.सी. में विकास के मसले पर काम कर रहे विभिन्न संस्थानों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलता है और अपनी गर्मियां वे दुनिया के विभिन्न विकासशील देशों में तमाम प्रोजेक्टों पर फील्ड में काम करते हुए बिताते हैं। इसके अलावा, विद्यार्थी अपने दूसरे साल के प्रोजेक्ट के लिए कई महीनों तक वास्तविक क्लाइंट के साथ वतक् बिताते हैं जो उनके खुद के संस्थान के लिए भी फायदेमंद होता है। इसका परिणाम यह होता है कि हमारे विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम को व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण अनुभव हसिल करने के साथ समाप्त करते हैं और साथ ही उनके पास संपर्कों की संपदा भी मौजूद होती है जो उनके लिए रोज़गार प्राप्त करने में मददगार साबित होती है।

जीएचडी के अनुभव के मूल में विद्यार्थियों, फैकल्टी और कर्मचारियों के बीच संबंधों को माना जा सकता है। जैसा कि हमारे वेल्यू स्टेटमेंट में वर्णित है, हम जो कुछ भी एक समुदाय के रूप में करते हैं उसके मूलाधार में चार चीजें होती हैं, सेवा, समावेश, नवोन्मेष और नैतिकता। हमारे विद्यार्थियों का समूह काफी छोटा, तकरीबन 30 विद्यार्थियों का होता है जिसके कारण उनके बीच करीबी संवाद और एक सामुदायिक सोच विकसित होती है। विद्यार्थी, फैकल्टी और कर्मचारी एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। वे एक-दूसरे से सीखते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।

जीएचडी प्रोग्राम की सबसे महत्वपूर्ण पूंजी उसके विद्यार्थी हैं। हम दुनिया भर की विभिन्न पृष्ठभमियों और विशद अनुभव वाले विद्यार्थियों को जानबूझ कर चुनते हैं ताकि विद्यार्थी एक-दूसरे से उतना ही सीख सकें जितना वे अपने शिक्षकों से सीखते हैं। जैसा कि हमारे वेल्यू स्टेटमेंट से जाहिर होता है कि हम भिन्न पृष्ठभूमियों, अनुभवों, पहचान और दृष्टिकोणों की कद्र करते हैं क्योंकि इन मतांतरों से विकास के मसले पर हमारी सोच समृद्ध होती है और इससे हमारे समुदाय में विविधता को मजबूती मिलती है। हमारा लक्ष्य विकास को लेकर ऐसे नज़रिए को तैयार करना है जो विनम्रता और सम्मान पर आधारित होने के साथ हम जिस समुदाय में काम करते हैं, उसके लोगों की आवाज को मजबूती और दृढ़ता दे सके। हमारा विश्वास है कि विकास के लिए ऐसी कोशिशें सबसे ज्यादा कारगर होती हैं जो परस्पर सम्मान. समावेश और स्थानीय स्वामित्व पर आधारित होती है और ज्ञान और विचारों के लिए जहां खुला संवाद होता है।

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, पिछले कई वर्षों में हमने अपने विद्यार्थियों के संगठन, फैकल्टी, हमारे पाठ्यक्रमों और विकास को लेकर अपने दृष्टिकोण में विविधता लाने के लिए काफी मेहनत की है। हमने जो सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, उनमें विद्यार्थियों के संगठन को कहीं ज्यादा अंतरराष्ट्रीय बनाते हुए उसमें विविधता को स्थान देने का प्रयास करना शामिल है। आने वाले वर्ष में, 62 विद्यार्थियों के हमारे दो समूहों में 21 विद्यार्थी (34 प्रतिशत) अंतर्राष्ट्रीय हैं, 18 विद्यार्थी (29 प्रतिशत) अल्पसंख्यक अमेरिकी ( अश्वेत, मूल निवासी और कलर्ड या बीआईपीओसी) हैं और 23 विद्यार्थी (37 प्रतिशत) श्वेत अमेरिकी हैं। अगर हम पांच साल पहले से इसकी तुलना करें तो 52 विद्यार्थियों के दो समूहों में उस समय 16 विद्यार्थी (31 प्रतिशत) अंतरराष्ट्रीय थे, 4 विद्यार्थी (8 प्रतिशत) अमेरिकी बीआईपीओसी थे जबकि 32 विद्यार्थी (62 प्रतिशत) श्वेत अमेरिकी थे। हालांकि छात्राओं की संख्या इन वर्षों में लगातार 60 से 65 प्रतिशत के बीच बनी रही।

हमने अपने शिक्षकों के समुदाय में भी विविधता लाने की कोशिश की है। इस वर्ष हमारे पाठ्यक्रमों का 48 प्रतिशत हिस्सा अंतरराष्ट्रीय या अमेरिकी बीआईपीओसी शिक्षकों ने पढ़ाया है जबकि पांच वर्ष पहले यह हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी। इसी दौर में महिला शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की हिस्सेदारी 30 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गई। हमने अपने शिक्षकों को लगातार इस बात के लिए प्रोत्साहित किया है कि वे हमारे पाठ्यक्रमों को और ज्यादा विविध बनाने और कक्षाओं में संजीदा मसलों पर बहस को बढ़ावा दें। इसके अलावा हमारी कोशिश नस्ल, न्याय, प्रतिरोध और नैतिकता जैसे विषयों से संबधित सामग्री को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की है। उदाहरण के लिए, हम इस बात से बेहद उत्साहित हैं कि इस वर्ष पतझड़ के अंत तक हम इथिकल लीडरशिप इन डवलपमेंट जैसा नया और जरूरी पाठ्यक्रम शुरू करने वाले हैं जिसे प्रोफेसर मोहिनी मल्होत्रा पढ़ाएंगी, जबकि इसी वसंत में प्रोफेसर शरीन जोशी ने सोशल आईडेंटिटी एंड इनक्लूज़न इन डवलपमेंट पॉलिसी का एक नया इलेक्टिव कोर्स शुरू किया है।

जीएचडी में, हमारा प्रयास एक समावेशी, उन्मुक्त और सहयोगी समुदाय की रचना करने का है। जॉर्जटाउन अंतरराष्ट्रीय और अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की मदद के लिए कई तरह की सेवाएं उपलब्ध कराता है और हमारे शिक्षक तमाम मसलों पर बातचीत के लिए लगातार विद्यार्थियों से मुलाकात करते रहते हैं। हमारे दो विद्यार्थी सामाजिक न्याय के मसले को देखने के लिए बतौर जीएचडी स्टूडेंट असिस्टेंट के रूप में काम करते हैं। उनका काम पाठ्यक्रमों, आयोजनों और भर्तियों के बारे में शिक्षकों और कर्मचारियों को अपना अनुभव और नज़रिया बताना है ताकि हम उसे समाजिक न्याय की दृष्टि से और मजबूत बना सकें। हमारी लगातार कोशिश बनी हुई है कि हम अपने पाठ्यक्रमों को और मजबूत और बेहतर बना सकें और हमारे इस प्रयास में विद्यार्थियों से हासिल जानकारी काफी महत्वपूर्ण है। अगर आपकी दिलचस्पी ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट जैसे विषय की ग्रेजुएट पढ़ाई में है, तो आइए, हम पर नज़र दौड़ाएं।

स्टीवन रैडलेट जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट प्रोग्राम के निदेशक हैं। अरविन टिओंगसन जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट प्रोग्राम के उप निदेशक हैं।



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