हरित बदलाव का अभियान

पर्यावरण संगठन स्वेच्छा अमेरिकी विदेश विभाग की मदद से तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ लोगों को प्रेरित कर भारत में पर्यावरण बदलाव के लिए माहौल बना रहा है।

माइकल गलांट

मई 2021

हरित बदलाव का अभियान

स्वेच्छा के संस्थापक और आईवीएलपी प्रतिभागी विमलेंदु झा (दाएं) अपने संगठन के लिए पर्यावरण विषय पर पॉडकास्ट के लिए अतिथि संतोष हरीश के साथ सदाजीविता के बारे में चर्चा करते हुए। फोटोग्राफ: साभार स्वेच्छा

कोरोनावायरस महामारी के कारण जब गतिविधियां, मीटिंग और सीखने के क्रियाकलाप ऑनलाइन होने लगे, तो विमलेंदु झा और अशीम बेरी को एक अनूठा अवसर नज़र आया। पूरे भारत में लोगों से वर्चुअल नाता जोड़ा जाए और उन्हें अपने समुदायों की लोचशक्ति बढ़ाने के लिए सशक्त किया जाए- और साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भी जूझा जाए।

विमलेंदु झा अमेरिकी विदेश विभाग के इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम के प्रतिभागी रहे हैं और उन्होंने स्वेच्छा की स्थापना की है। संगठन की वेबसाइट के अनुसार नई दिल्ली से संचालित यह अभिनव फ़ाउंडेशन ‘‘सभी के लिए और हमेशा के लिए न्यायपूर्ण, समानता आधारित और सदाजीवी समाज’’ की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। बेरी स्वेच्छा में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर हैं। वह फ़ाउंडेशन के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल संपर्क पर ध्यान लगाते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक एंव सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो की मदद से झा, बेरी और उनके स्वेच्छा के अन्य सहयोगी इस दृष्टि को साकार करने के लिए इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं।

वर्ष 2020 के आखिर में स्वेच्छा ने ‘‘ग्रीन द मैप पॉडकास्ट एंड मास्टरक्लास सिरीज़’’ में अपना पहला वीडियो जारी किया, जो सदाजीविता और पर्यावरण से जुड़ी प्रतिदिन की समस्याओं के व्यावहारिक समाधानों के लिए दर्शकों को शिक्षा और प्रेरणा देने के लिए मु़फ्त ऑनलाइन संसाधनों का संग्रह था।

पहला पॉडकास्ट दिसंबर 2020 में प्रकाशित हुआ। इसमें झा एक सेवानिवृत्त वन अधिकारी मनोज मिश्रा का इंटरव्यू कर रहे हैं। इसमें दोनों लोग करोड़ों लोगों के लिए पानी के अहम स्रोत यमुना नदी को साफ करने और संरक्षित रखने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।

ग्रीन द मैप की अगली प्रस्तुति के रूप में इसकी पहली ऑनलाइन मास्टरक्लास है। इसे जनवरी में प्रकाशित किया गया। इसकी मेज़बानी नॉनप्रॉफ़िट संस्थापक और शहरी किसान प्रगति चसवाल ने की। इसमें शहरों में रहने वालों को अपने खुद के इस्तेमाल के खाद्य पदार्थ उगाने के तरीकों के बारे में बताया गया है, चाहे उनके पास इसके लिए छोटी-सी बॉलकनी या फिर रसोईघर की खिड़की ही उपलब्ध हो। मार्च में प्रकाशित अगले संसाधन में सामाजिक उपक्रम यूज मी वर्क्स की संस्थापक मीनाक्षी शर्मा के काम पर रोशनी डाली गई है। शर्मा अपसाइक्लिंग की अवधारणा की पड़ताल करती हैं, और दर्शकों को इस बारे में शिक्षित करती हैं कि वे किस तरह से फेंक दिए जाने वाले पुराने कपड़ों से पार्टी बैनर और ड्रीम कैचर टैलिस्मैन बना सकते हैं।

ये विविध प्रयास, तो शुरुआत है। अमेरिकी विदेश विभाग से मिले अनुदान से स्वेच्छा को कुल पांच मास्टरक्लास  और छह पॉडकास्ट तैयार करने का अवसर मिलेगा। ये सभी कचरा प्रबंधन, वायु प्रदूषण में कटौती, कंपोस्टिंग और ऐसे ही अन्य विषयों पर केंद्रित होंगे।

अभी तक नतीज़े अच्छे मिले हैं। स्वेच्छा द्वारा तैयार सामग्री दसियों हज़ार लोगों और भागीदारों तक पहुंच रही है। बेरी कहते हैं, ‘‘पॉडकास्ट और ऑनलाइन मास्टरक्लास पर ध्यान केंद्रित करने का बड़ा कारण यह था कि हमने महसूस किया कि डिजिटल संपर्क से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है। इन डिजिटल प्रयासों से हम अपने दर्शक बढ़ा पाए हैं और ज्यादा बड़े समूहों तक पहुंच रहे हैं और साथ ही विभिन्न विषयों पर विभिन्न पक्षधरों और हमारी मदद करने वालों से भी संपर्क कर पा रहे हैं।’’ विषय या दर्शक वर्ग कोई भी हो, स्वेच्छा ने तय किया है कि अपनी ऑनलाइन प्रस्तुतियों और कार्यशालाओं में बड़े विशेषज्ञों और अनुभवी लोगों को ही प्रस्तुत किया जाए जिससे कि दर्शकों को ऐसी जानकारियां मिलें जो उन्हें अपने जीवन और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करे।

बेरी के अनुसार, ‘‘स्वेच्छा को मिलने वाले अनुदान को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि व्यक्तियों, परिवारों, मोहल्लों और समुदायों की वास्तविक आवश्यकताओं से जुड़े प्रासंगिक और व्यावहारिक समाधानों के जरिये हमारी दुनिया की पुर्नकल्पना और पुर्ननिर्माण करें। इस अनुदान के माध्यम से हम पारिस्थितिकी से जुड़े मसलों को लेकर भविष्य की तैयारी पर व्यक्तियों और समुदायों में क्षमता निर्माण करना चाहते हैं।’’

पर्यावरण सदाजीविता पर अधिक जानने और व्यक्ति एवं समुदाय किस तरह से मदद कर सकते हैं, इस बारे में दिलचस्पी रखने वालों को बेरी स्वेच्छा की ग्रीन द मैप ऑनलाइन प्रस्तुतियों को देखने, पढ़ने और साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वह कहते हैं, ‘‘हम अपनी सारी सामग्री अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर प्रस्तुत करते हैं।’’ दर्शक स्वेच्छा के पॉडकास्ट और मास्टरक्लास सिरीज से आगे जाकर स्वेच्छा के होम पेज या सोशल मीडिया फीड पर इनफोग्राफिक्स, पैनल चर्चाओं, टाउनहाल और अन्य के माध्यम से और गहन जानकारी तलाश सकते हैं।

माइकल गलांट गलांट म्यूज़िक के संस्थापक और सीईओ हैं। वह न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।



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