सर्जरी को मिली एआई की ताकत

नेक्सस प्रशिक्षित स्टार्ट-अप साइचिप रोबोटिक्स इलाज़ को अधिक सटीक और कुशल बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की मदद ले रहा है।

जैसन चियांग

अगस्त 2024

सर्जरी को मिली एआई की ताकत

रोबोटिक्स और एआई के माध्यम से चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति से रोगियों की देखभाल में बड़ा बदलाव आ रहा है, सटीक चिकित्सा हो रही है और सेहतमंद भविष्य के लिए सर्जरी के क्षेत्र में भी क्रांति हो रही है। (फोटोग्राफ: हैव ए नाइस डे / Shutterstock.com)

मरीज़ का इलाज़ सटीक और दक्ष तरीके से हो सके, इस जरूरत को पहचानते हुए श्रवण कुमार मद्देला और पवन मंथरावधी ने 2022 में रोबोटिक्स के समन्वय के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चालित समाधान के विकास के लिए साइचिप रोबोटिक्स की सह-स्थापना की।

हैदराबाद स्थित इस स्टार्ट-अप का प्रमुख उत्पाद एआई-संचालित एक स्वायत्त सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम है जिसे लेप्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक सर्जनों को प्रोसीज़र के दौरान सर्जिकल कैमरा मूवमेंट को प्रबंधित करने में सहायता करने की दृष्टि से डिजाइन किया गया है। यह उपकरण सर्जिकल कार्य को और अधिक सटीक और प्रभावी बनाने, प्रोसीज़र के समय को कम करने और मानवीय त्रुटि के जोखिम को कम करने के लिए एआई एल्गोरिदम का इस्तेमाल करता है।

साइचिप नेक्सस स्टार्टअप हब में 18वें समूह का हिस्सा था जो अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली और एलायंस फॉर कमर्शियलाइज़ेशन एंड इनोवेशन रिसर्च (एसीआईआर) के बीच एक साझेदारी है। नेक्सस स्टार्ट-अप, इनोवेटर्स और निवेशकों को आपस में जोड़ते हुए, उन्हें नेटवर्क, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और फंडिग तक पहुंच उपलब्ध कराता है।

प्रस्तुत है मद्देला से साथ किए गए साक्षात्कार के मुख्य अंश :

आपने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को ही लक्षित करने का फैसला क्यों किया? 

मेरे सह-संस्थापक पवन और मेरे खुद के पास चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। हमारे रिसर्च और काम के तजुर्बे ने हमें ऑपरेशन के दौरान सर्जनों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद की। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को लक्षित करने का फैसला भी इस तकनीक के व्यापक इस्तेमाल से प्रभावित था।

इस तरह की सर्जरी में मदद से सर्जनों, सहायकों, अस्पतालों और रोगियों को काफी फायदा हो सकता है। हमारा मकसद लेप्रोस्कोपिक सर्जनों को कैमरों को पूरी तरह से खुद के कंट्रोल में रखने की इजाजत देना है ताकि सटीक तरीके से सर्जरी के साथ इस दौरान उनकी निर्णय क्षमता में विस्तार हो सके।

आपकी दिलचस्पी प्रौद्योगिकी और हेल्थ केयर के अंतरसंबंधों में कैसे पैदा हुई? इन क्षेत्रों में रुचि रखने वाले लोगों को आपकी क्या सलाह है?   

मैं आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के एक गांव से हूं। मैं बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था, लेकिन परिवार की खराब माली हालत के कारण यह संभव नहीं हो सका। इसके वाबजूद मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की और मेडिकल क्षेत्र से जुड़े रहने के लिए अपने करियर को बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की तरफ मोड़ दिया। मौजूदा समय में मैं पीएच.डी. कर रहा हूं। एआई और चिकित्सा उपकरणों में मैंने स्टार्ट-अप और नामी संस्थानों दोनों के साथ काम किया है।

शुरुआती तौर पर, मैंने इलाज़ के लिए विश्व स्तर पर सस्ती और उन्नत चिकित्सा तकनीकों की जरूरत पर ध्यान केंद्रित किया। एआई और रोबोटिक्स का उपयोग करने के पीछे मेरा मकसद ऐसे समाधान तलाशना है जो इलाज को अधिक सटीक, सुव्यवस्थित और ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए सुलभ बना सके और अंत में दुनिया भर में लोगों के हेल्थकेयर के क्षेत्र में बेहतरी आए।

हेल्थ केयर के क्षेत्र में सफल होने के लिए रोगी पर केंद्रित रहना बहुत अहम है। अलग-अलग पृष्ठभूमि के पेशेवरों के साथ सहयोग करके एक अलग तरह की टीम हमेशा नई चीज़ को तैयार करती है और उसकी प्रभावशीलता को बढ़ाती है। इसके अलावा, गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए हेल्थकेयर मानकों और रेगुलेशंस को समझना और उनका पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

श्रवण कुमार मद्देला (बाएं) और और स्त्री रोग सर्जन डॉ. रूमा सिन्हा, राइबो सर्जिकल असिस्टेंट रोबोट के साथ, जिसे मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के दौरान
लैप्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक कैमरों के जरिये सर्जनों की मदद के लिए तैयार किया गया है। (फोटोग्राफ: श्रवण कुमार मद्देला)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक उद्यमी के रूप में आपने इस क्षेत्र में सबसे आशाजनक परिवर्तन क्या देखा जबकि मुख्य धारा में भी इसे और अधिक अपनाया जा रहा है?

सबसे आशाजनक बदलाव जो मैंने देखा, वह है एआई संचालित रोबोटिक प्रणालियों का  एकीकरण, जो रियल टाइम में बड़ी तादाद में डेटा का विश्लेषण कर सकता है, जटिल प्रोसीज़रों में सर्जनों की मदद कर सकता है और कम से कम चीडफ़ाड़ वाली तकनीकों के माध्यम से इलाज के नतीजों मे सुधार कर सकता है। एआई संचालित सर्जिकल रोबोट के जरिए सर्जरी को सटीक बनाने के साथ सुरक्षित और त्वरित बनाने में मदद मिली है।

हालांकि, इस क्षेत्र में प्रगति के बावजूद एआई आधारित सॢजकल सिस्टम का काफी महंगा होना उनकी पहुंच को सीमित करती है खासकर कम संसाधनों वाली सेटिंग्स में। ऐसी प्रौद्योगिकियों को किफायती बनाने के साथ व्यापक रूप से उसे उपलब्ध कराना अब भी एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है।

इसके अलावा, हेल्थ केयर के क्षेत्र में एआई के लिए रेगुलेटरी तस्वीर अभी विकास के दौर में हैं। नैतिक मानकों के बनाए रखते हुए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना, विशेष रूप से रोगी  डेटा की प्राइवेसी और कंसेंट इसकी व्यापक रूप से स्वीकार्यता के लिहाज से काफी मायने रखते हैं।

नेक्सस प्रोग्राम के बारे में आपके क्या खास निष्कर्ष रहे? इन अनुभवों ने तकनीक और हेल्थ केयर के क्षेत्र में एक उद्यमी के रूप में आपके सफर को किस तरह से आकार दिया?  

नेक्सस प्रोग्राम ने उद्यमिता के बारे में हमारी समझ को उल्लेखनीय रूप से विकसित किया। निजी तौर पर मिलने वाले मार्गदर्शन ने मेरी रणनीति समझ को परिष्कृत करने में मदद की जिससे मुझे साइचिप के तकनीकी नवाचारों को वैश्विक  हेल्थकेयर की जरूरतों के साथ प्रभावी तरीके से ढालने में सहायता मिली। संभावित सहयोगियों और निवेशकों के साथ बनाए गए संबंधों ने उन साझेदारियों को सुविधाजनक बनाया है जो हमारी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने और फंडिंग हासिल करने के लिए अहम हैं। पिचिंग और कारोबारी रणनीति पर वर्कशॉप्स ने स्टेकहोल्डर्स की दिलचस्पी और सहायता को बढ़ाया और अपने वेल्यू प्रपोजीशन को मजबूती के साथ उनके सामने रखने की क्षमता को धार दिया।

प्रशिक्षण के दौरान, ग्राहक केंद्रित समाधानों पर ध्यान देने के पाठ से हमारे विकास प्रयासों में एंड यूज़र अनुभवों को तरजीह देने की जरूरत को बल मिला जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि हमारी प्रौद्योगिकी उसे आजमाने वाले की समस्याओं का समाधान करती है और यही हेल्थ केयर के क्षेत्र में एक बदलाव है।

जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं और सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।



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