ए.आई.आई.एस. लैंग्वेज प्रोग्राम को भारतीय भाषाओं को सीखने के लिए सही तौर पर ‘‘गोल्ड स्टैंडर्ड’’ माना जाता है, और इनमें हिंदी प्रोग्राम हमेशा सबसे बड़ा और सर्वाधिक लोकप्रिय रहा है।
हिंदी पढ़ने का विकल्प चुनने वाले अधिकतर भारतीय विरासत वाले होते हैं जो अपनी पुरातन संस्कृति से फिर से जुड़ना चाहते हैं या भारत में शोध करने वाले पीएच.डी. विद्यार्थी होते हैं।
हिंदी सीखने के बाद भारत में संवाद करने को लेकर करण मुद्गल का आत्मविश्वास मज़बूत हुआ।
एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से अमेरिका गईं शिल्पा परनामी ने हिंदी अध्यापन से नाता जोड़ा।
ए.आई.आई.एस. में सबसे ज्यादा लोकप्रिय समर लैंग्वेज प्रोग्राम हैं। प्रोग्राम की छोटी अवधि के कारण इसमें विद्यार्थी काफी दिलचस्पी दिखाते हैं।
बोस्टन यूनिवर्सिटी का विश्व भाषा और साहित्य विभाग हिंदी-उर्दू समेत बहुत-सी भाषाओं में संवाद आधारित अध्ययन का अवसर प्रदान करता है।
हिंदी प्रोग्राम पंजीकरण के लिहाज से कोलंबिया में 10 अव्वल प्रोग्रामों में आता है। हिंदी पाठयक्रमाें में कोलंबिया के अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट विद्यार्थी भागीदारी कर सकते हैं।
अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन स्टडीज के हिंदी प्रोग्राम में अमेरिकी विद्यार्थी हिंदी भाषा बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने के चारों तरह के कौशल विकसित कर पाते हैं।
A USAID-supported online portal offers at-risk HIV communities a safe space and easy access to medications, counseling and referrals.
यूएसएड और नाको ने सामुदायिक नेतृत्व में चलाए जाने वाले एक निगरानी कार्यक्रम के जरिए हाशिए पर जी रहे वर्ग तक एचआईवी देखभाल सुविधाओं की पहुंच को विस्तार दिया है।
यूएसएड समर्थित स्वास्थ्य केंद्र एचआईवी संक्रमित किशोरों का उनकी किशोरावस्था में स्वास्थ्य देखभाल की दृष्टि से मार्गदर्शन करने के अलावा उन्हें अपने समुदाय की खोज में मदद करते हैं।
इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम में भागीदारी करने वाले ओडिशा के चार प्रतिभागियों के जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अनुभव।
इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम की पूर्व प्रतिभागी प्रतिभा भारती तकनीकी विशेषज्ञ की अपनी नौकरी छोड़ सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इकोफ्रेंडली विकल्प तैयार करने में जुट गईं।
रिमैन्युफैक्चरिंग प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता को कम कर संसाधनों के किफायती इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था को तैयार कर सकती है।
नेक्सस के पूर्व प्रतिभागी और उद्यमी संजय मौर्य से जानिए कि हम स्वच्छ हवा के लिए किस तरह अपना योगदान दे सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र किस्सागोई और साहित्य से मानव व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभावों पर जानिए लेखक मार्टिन पुचनर का नज़रिया।
सोनल शुक्ला का स्टार्ट-अप इकॉंशस, एक अनूठे रिसाइक्लिंग मॉडल के माध्यम से प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने के काम में जुटा है।
कैलिफ़ोर्निया में मनोरंजन के लिए हॉलीवुड और डिज्नीलैंड हैं, तो सूचना तकनीक के लिए सिलिकॉन वैली। यही नहीं, यहां वन क्षेत्र की भी कमी नहीं, जिसके कारण आप प्रकृति का भी भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
द ट्रीज़ आउटसाइड फॉरेस्ट इन इंडिया कार्यक्रम से देश में प्राकृतिक पर्यावरण को बेहतर बनाने में तो मदद मिल ही रही है, साथ ही खेतों, शहरों और उद्यानों में वृक्षारोपण से अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।
शहरों में सुरक्षित भविष्य और हवा को स्वच्छ रखने के लिए बहुत ज़रूरी है कि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाए। इस काम में मददगार बनने के लिए बाइसिकिल मेयर्स नेटवर्क ने भारत में एक अनूठी पहल की है।
केल्सी रे और 2बी1 के लिए ताली बजाइए, जो बेकार समझ कर फेंक दी गई चीज़ों को रिसाइकल कर वाद्य यंत्रों को तैयार करने के साथ ही लोगों को जलवायु परिवर्तन के बारे में भी जागरूक करते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग और यूसएड समर्थित कार्यक्रम की मदद से महिला उद्यमी न सिर्फ डिजिटल साक्षर हुईं, बल्कि पूरे भारत में अपने परामर्शकों से संवाद कर पा रही हैं।
आईवीएलपी प्रतिभागी सुरुचि सिंह अपने उपक्रम के माध्यम से शिल्पकारों और महिला उद्यमियों की मदद कर रही हैं।
हैदराबाद स्थित अमेरिकी कांसुलेट जनरल और उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने फर्जी खबरों का पर्दाफाश करने के लिए तेलुगू टीवी पत्रकारों को प्रशिक्षित किया। इन्हीं प्रशिक्षित पत्रकारों में प्रदीप कुमार बोडापातला भी हैं। उनका कहना है कि इस प्रशिक्षण के चलते वह समाचारों में गुणवत्ता का ध्यान रख पाए।
इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम (आईवीएलपी) की पूर्व प्रतिभागी श्रुति पंडालाई बता रही हैं कि झूठी खबरों और भ्रामक सूचनाओं की चुनौती से किस तरह निपटा जाए।
अमेरिकी विदेश विभाग की फंडिंग की मदद से संचालित एक कार्यक्रम में जलवायु संकट से निपटने के लिए दक्षिण एशिया के पांच देशों के सर्वाधिक प्रतिभाशाली लोग साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
अमेरिका में विभिन्न प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थान हैं जो प्रत्येक शैक्षिक और कॅरियर लक्ष्य को पूरा करते हैं।
सही योजना और शोध के साथ, विद्यार्थी अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए तमाम तरह की वित्तीय मदद तक पहुंच बना सकते हैं।
बात चाहे भावी विद्यार्थियों की हो या जीवनपर्यंत सीखने वालों की, मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज़ (मूक) ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक अभूतपूर्व पहुंच उपलब्ध कराई है।
उच्च शिक्षा के लिए अपने बच्चों को देश से बाहर भेजते समय माता-पिता को कई तरह की चिंताओं से जूझना पड़ता है। यहां कुछ ऐसे संसाधनों का उल्लेख है जो इस दौरान मददगार साबित हो सकते हैं।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में तमाम तरह की अक्षमताओं के शिकार अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए कई तरह की सहायता सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में कॅरियर सेवाओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी सीखते हैं कि रोज़गार के अवसरों के लिए खुद को किस तरह बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करें।
अमेरिका में पढ़ाई के इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के एजुकेशनयूएसए सलाहकार द्वारा जवाब।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों के लचीले पाठ्यक्रम के कारण विद्यार्थी अपने विषय और कॅरियर के निर्णय जानकारी के आधार पर कर पाते हैं।
यूएसएड इस बात के लिए प्रयास कर रहा है कि भारतीय रेलवे के नेटवर्क को 2030 तक नेट ज़ीरो एनर्जी की खपत वाला बनाया जा सके।
अमेरिका में प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्ज ओर सीनेट में अलग-अलग बहुमत होना असामान्य नहीं है, बल्कि बहुत-से मतदाता इस स्थिति को पसंद करते हैं।
यूएसएड और मैत्री एक्वाटेक द्वारा शुरू हवा से पानी मुहैया कराने वाला कियोस्क एक ऐसी पहल है जिसके कारण स्वच्छ पानी एक साझा संसाधन बन गया है।
छोटे और मध्यम कारोबार चलाने वालों ने अमेरिकी दूतावास द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों के माध्यम से प्रभावी कारोबारी संवाद के तौरतरीके सीखे।
सामाजिक कार्यकर्ता मानवेद्र सिंह गोहिल ने एलजीबीटीक्यूआईए + समुदाय की आवाज के रूप में मुखर होने की अपनी यात्रा और एचआईवी-एड्स जागरूकता से संबंधित अपने कार्यों के बारे में बातचीत की।
नेक्सस प्रशिक्षित एक स्टार्ट-अप डिजिटल फासले को पाटने के लिए टेक्स्ट मैसेज और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों का इस्तेमाल कर रहा है।
नासा के मार्स रोवर ऑपर्च्यूनिटी का पूर्ण आकार मॉडल चेन्नई में अमेरिकन सेंटर में प्रदर्शित किया गया है। इसे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने तैयार किया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ की फंडिंग से किया गया एक अध्ययन भारत में डिमेंशिया के बारे में समझ बढ़ाने और बुढ़ापे की तरफ बढ़ती आबादी के लिए नीतियों को तैयार करने में सहायता दे रहा है।
तटीय और भूभाग पर मौजद दलदली क्षेत्र अमेरिका के 5.5 प्रतिशत इलाके पर है। जानिए कि अमेरिका की संघीय और राज्य सरकारें इन्हें संरक्षित करने के लिए क्या कर रही हैं।
भारतीय अमेरिकी नासा वैज्ञानिक मधुलिका गुहाठाकुर्ता से जानिए सूर्य पर उनके अध्ययन, पृथ्वी पर उसके असर और अंतरिक्ष के मौसम के निर्धारण पर प्रभावों के बारे में।
पिता-पुत्र की एक जोड़ी से जानिए कि समय के साथ यूएसएड ने खुद को किस तरह ढाला और अमेरिका-भारत के संबंधों को मजबूत बनाने में मदद की।
अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ द नैवी कार्लोस डेल टोरो ने स्टार्ट-अप, जलवायु परिवर्तन और रक्षा संबंधी विषयों पर चर्चा की।
यूएसएड छोटे और मझोले उद्यमों को बेहतर तरीके से चलाने के लिए उन्हें डिजिटली कुशल बना कर सशक्त कर रहा है।
अमेरिकी राजनयिक संध्या गुप्ता 20 वर्षों से अधिक समय बीतने के बाद भारत एक नई भूमिका में भारत लौटीं। इससे पहले वह फुलब्राइट फेलोशिप पर काम करने के दौरान भारत में रही थीं।
नामी अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों के सीईओ बनने से पहले बहुत-से भारतीय अमेरिकी पढ़ाई करने एक विद्यार्थी के तौर पर अमेरिका आए थे।
विज़नस्प्रिंग किफायती चश्मा उपलब्ध करा कर उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है।
यूएसएड, लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर ऐसे घरों का निर्माण कर रहा है जो पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा की कम खपत करने वाले हैं।
अमेरिकी और भारतीय शोधकर्मी उन तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं जिससे वन्यजीवों के गलियारों का इस तरह से संरक्षण किया जा सके कि बाघों के जीवित रहने और उनके पनपने के लिए जरूरी गतिशालता पर असर न पड़े।
दिल्ली के स्कूली शिक्षक कक्षाओं में ऐसा माहौल बनाने को प्रयासरत हैं जहां जेंडर को लेकर कोई पूर्वाग्रह न हो।
दिल्ली में आयोजित कॉमिक कॉन के प्रशंसक इस बात को याद करते हैं कि उनके बचपन में अमेरिकी सुपर हीरो ने मानवीय संघर्षों की दास्तां से उन्हें किस तरह से प्रेरित किया।
मानव तस्करी पीडि़त अंग्रेजी सीख कर अपनी दास्तां को साझा कर रही हैं और जमीनी स्तर पर इसके खिलाफ जागरूकता ला रही हैं।
सही मार्गदर्शन से किसी भी विद्यार्थी को अपनी उच्च शिक्षा की यात्रा और कॅरियर की शानदार शुरुआत करने में मदद मिल सकती है।
विटमन कॉलेज की पूर्व विद्यार्थी गौरी मिराशी का लक्ष्य है सदाजीवी शहर बनाना। इसके लिए वह समुदायों को इस तरह से सशक्त बनाती हैं कि वे अपने परिवेश के साथ तालमेल बनाते हुए रहें।
डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रुक इस्टूक ने बच्चों के ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के बारे में बात की और साथ ही उन्होंने इस विषय पर भी चर्चा की कि इसे रोकने के उपाय क्या हैं और परिवार से पीडि़त को कैसे मदद मिल सकती है।
एक्सेस प्रोग्राम के चार पूर्व भारतीय प्रतिभागियों ने अलाबामा यूनिवर्सिटी में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष की खोज के बारे में जानकारी हासिल की।
सांस्कृतिक संरक्षण के लिए अमेरिकी राजदूत के कोष (एएफ़सीपी) ने 2022 में अपने प्रोजेक्टों की अवधि के 20 साल होने का उत्सव मनाया। भारत में अमेरिकी मिशन ने, एएफ़सीपी के माध्यम से, संरक्षण एजेंसियों से गठजोड़ किया जिससे कि ऐतिहासिक स्थलों और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और जीर्णोद्धार हो सके और भारत की विविध संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाया जा सके।
वंडर वैगन वाहन बेड़े के मालिकों को अपने महत्वपूर्ण व्यावसायिक निर्णयों को लेने में मदद करता है और रीयल टाइम डेटा उपलब्ध करा कर परिचालन लागत घटाने में सहायता करता है।
बांग्लानाटक डॉट कॉम और अमेरिकी राजदूत के सांस्कृतिक संरक्षण कोष से मिली मदद पश्चिम बंगाल के खास लोक संगीत को बचाने और इससे जुड़े लोगों की सहायता करने में काम आ रही है।
अमेरिकी राजदूत सांस्कृतिक संरक्षण कोष से मिले अनुदान के जरिये की गई पुरातत्वीय खुदाई से हैदराबाद के कुतुब शाही परिसर के बारे में नई समझ विकसित हुई है।
अमेरिकी राजदूत सांस्कृतिक संरक्षण कोष से मिले अनुदान से मुंबई में लैमिंग्टन रोड स्थित वाईएमसीए स्टूडेंट ब्रांच को मिला नया जीवन।
युनाइटेड थियोलॉजिकल कॉलेज में अमेरिकी राजदूत सांस्कृतिक संरक्षण कोष की मदद से भारत के अतीत से जुड़ी हज़ारों स्मृतियों के संरक्षण का काम हो रहा है।
आगा खान सांस्कृतिक न्यास ने अमेरिकी राजदूत सांस्कृतिक संरक्षण कोष की मदद से बताशेवाला मुगल मकबरा परिसर को उसका पुराना वैभव लौटाने में सफलता पाई है।
कांसुलर मामलों के मिनिस्टर काउंसलर डोनाल्ड हेफ़्लिन ने वीज़ा प्रक्रिया और उसके लिए निर्धारित होने वाले अपॉइंटमेंट के बारे में दी महत्वपूर्ण जानकारियां।
ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए अमेरिकी डिग्री हासिल करने के बाद व्यावहारिक अनुभव की दृष्टि से उपलब्ध एक अनूठा अवसर है।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विविध दिलचस्पियों को ध्यान में रखते हुए कई तरह के क्लब मौजूद हैं जहां दुनिया भर के देशों के विद्यार्थियों के साथ मित्रता करने के बढि़या अवसर उपलब्ध होते हैं।
अमेरिकी विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का विशेष ध्यान रखते हैं और इसके लिए आपातकालीन फोन बूथ, से़फ्टी एप और वॉक एस्कॉर्ट जैसे उपायों पर जोर देते हैं।
नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के निदेशक सेतुरमन पंचनाथन ने द्विपक्षीय शोध संबंधों को और गहरा बनाने के लिए अमेरिका और भारत के संस्थानों के बीच 30 नई सहभागिताओं की घोषणा की है।
किसी अमेरिकी विश्वविद्यालय से विज्ञान-तकनीक-गणित से इतर डिग्री विविध क्षेत्रों में कॅरियर के ढेर सारे विकल्पों के अवसर खोलती है।
आनंदीबाई जोशी और गुरुबाई कर्माकर, ऐसी पहली भारतीय महिलाएं थीं, जिन्होंने अमेरिका में पढ़ाई कर मेडिकल की डिग्री हासिल की तथा औरों को प्ररित किया।
संचार, संपर्क और उससे भी कहीं आगे तमाम दूसरे कौशलों को विकसित करके अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय विद्यार्थी आगे बढ़ रहे हैं।
लेखिका और प्रो़फेसर जिगना देसाई दक्षिण एशियाई समुदाय में कुछ पुरातनपंथी कायदों की नए संदर्भों में पड़ताल कर रही हैं।
एमआईटी प्रोफेसर रमेश रास्कर बता रहे हैं कि उनकी पहल और आविष्कारों से किस तरह हमारी दुनिया की समस्याएं सुलझा सकती हैं।
फुलब्राइट-नेहरू फेलो और मानव संसाधन विशेषज्ञ अरूप वर्मा प्रवासी कर्मचारियों के कार्य का मूल्यांकन करने के लिए बना रहे हैं खास मॉडल।
भारतीय-अमेरिकी समीर पटेल ने लीक से हट कर एक संगीत कंडक्टर का कॅरियर चुना और फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
पत्रकार और शिक्षक सिमरन सेठी भोजन के भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व को तलाशने के साथ दुनिया भर में उसकी विविधता पर मंडराते खतरों को भी उजागर कर रही हैं।
साकेत नवलखा जीव विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान के बीच अनूठी समानता का अध्ययन करते हैं।
आकाश शाह का स्टार्ट अप केयर/ऑफ मासिक सदस्यता के हिसाब से हर ग्राहक के लिए खास तौर पर तैयार विटामिन पैक उपलब्ध कराता है।
अपने मोबाइल एप के जरिये संगीत की दुनिया में क्रांति करने के बाद पराग चोर्डिया और प्रेरणा गुप्ता कहानी कहने की कला को अब हुक्ड के जरिये मोबाइल टेक्स्ट संदेशों में रूपांतरित कर रहे हैं।
कुशल वन प्रबंधन के जरिए सदाजीवी वन, आर्थिक अवसर और सामुदायिक आजीविका के साधनों का विकास होता है।
फुलब्राइट-नेहरू स्कॉलर अमित टंडन दक्षिण एशिया में मानसून के पूर्वानुमानों को सटीक बनाने के मकसद में जुटे हैं।
ऐसे कौन से पूर्वाग्रह हैं जो संसाधनों और खासतौर पर जल और ऊर्जा संसाधनों के इस्तेमाल के बारे में लोगों के फैसले तय करते हैं? इंडियाना यूनिवर्सिटी में अपने शोध में शाहज़ीन ज़ेड. अट्टारी इसी विषय की पड़ताल कर रही है।
अमेरिका में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ रही है और अगले कुछ वर्षों में मेजर लीग क्रिकेट की योजना बनाई जा रही है। इसमें डैलस, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलीस जैसे शहरों की टीमें भी भाग लेंगीं।
उत्कृष्ट डवलपमेंट इंपैक्ट बॉंड ने राजस्थान में हेल्थकेयर के क्षेत्र में मातृ और नवजात शिशु देखभाल के क्षेत्र में छोटी निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता को बेहतर करने का काम किया है।
चेन्नई में दक्षिणचित्र जीवंत इतिहास संग्रहालय की स्थापना कर देबोरा त्यागराजन ने दक्षिण भारत के की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने की पहल की है।
पश्चिम बंगाल से लेकर वॉशिगटन, डी.सी. तक युवा कलाकार और पेशेवर, अनूठे विरासत आधारित एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एक-दूसरे से काफी कुछ सीख रहे हैं।
नेक्सस इनक्यूबेटर में प्रशिक्षण हासिल करने वाली कंपनी रामजा जेनोसेंसर ने संक्रमण की जांच करने वाली ऐसी विधि विकसित की है जिससे सिर्फ दो घंटे के दौरान नतीज़े मिल जाते हैं और कमज़ोर इम्यूनिटी वालों और कैंसर रोगियों का जल्द इलाज हो सकता है।
अमेरिकी फुलब्राइट-नेहरू फेलो डॉ. गीता मेहता का मानना है कि चिकित्सकों को प्रभावशाली संचार कौशल से लैस करके मरीजों की देखभाल और इलाज के नतीजे सुधारे जा सकते हैं।
भारतीय-अमेरिकी शिक्षाविद् माधव वी. राजन अपनी वर्षों की विशेषज्ञता और उत्साह को यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिज़नेस के डीन की भूमिका में जी रहे हैं।
रचनात्मक उद्देश्यों और आपसी साझीदारी के इरादे से आयोवा यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय लेखन प्रोग्राम में जुटते हैं भारत और अन्य देशों के लेखक और कवि।
फुलब्राइटर कंचन वली-रिचर्डसन ने वाराणसी के अपने अनुभव का इस्तेमाल ‘रिवर साड़ी’ शृंखला को डिज़ाइन करने में किया है, जो गंगा नदी को एक भावांजलि है।
नई दिल्ली स्थित द ऑल अमेरिकन डाइनर में अद्भुत सजावट और क्लासिकल म्यूज़िक के बीच असली अमेरिकी खाने का लुत्फ़ उठाएं।
अमेरिकी राजदूत के सांस्कृतिक संरक्षण कोष से हैदराबाद में 18वीं सदी की कवयित्री माह लका बाई चंदा के मकबरे को संवारने के काम में मदद मिली।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित संगीत आयोजनों के जरिये आरि रोलैंड अंतरराष्ट्रीय समझ विकसित करने में संगीतकारों की अगुवाई कर रहे हैं।
अमेरिकी राजदूत सांस्कृतिक संरक्षण कोष से मिली मदद से गुजरात में चंपानेर-पावागढ़ में मेडी तालाब परिसर के संरक्षण में मदद मिल रही है।
अमेरिकी राजदूत सांस्कृतिक संरक्षण कोष से मिले अनुदान ने वाराणसी के ऐतिहासिक बालाजी घाट को नए सिरे से संवारने और उसकी ऐतिहासिकता के विवरण को दज़र् करने में मदद की है।
अमेरिका के हाई स्कूल विद्यार्थी एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिये हिंदी सीखने के साथ ही भारतीय संस्कृति से भी रूबरू हो रहे हैं।
इकोविया और धारक्षा इकोसॉल्यूशंस ने ई-कॉमर्स उद्योग के लिए प्लास्टिक पैकेजिंग के टिकाऊ विकल्प तैयार किए हैं।
जैसे-जैसे गर्मियों में तापमान बढ़ रहा है, ईईएसएल के बेहद प्रभावी एयरकंडीशनिंग कार्यक्रमों का मकसद ऊर्जा की कम खपत में ज्यादा शीतलता देने वाले उपकरणों को प्रोत्साहित करने का है।
दशकों पहले, अंतरराष्ट्रीय सहयोग ने विश्व में खाद्यान्न उत्पादन के तौरतरीकों को एक नई परिभाषा दी और एक -दूसरे के साथ आदान-प्रदान के रिश्तों की शुरुआत की जिसका असर दुनिया में खाद्यान्न उत्पादन पर भी देखने को मिला।
नेक्सस स्टार्ट-अप हब में प्रशिक्षण लेने वाला स्टार्ट-अप और सामाजिक उपक्रम कैनफेम कैंसर रोगियों और कैंसर से जूझने वालों की मदद के लिए कइई तरह के उत्पाद मुहैया कराता है।
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ इंडिया प्रोग्राम से जुड़े विद्यार्थियों ने वैश्विक लोक स्वास्थ्य के मसलों की जानकारी के लिए पश्चिम बंगाल और कर्नाटक का दौरा किया।
अमेरिका-भारत की टीमों द्वारा विकसित आईब्रेस्टएग्जाम स्तन कैंसर का शुरुआती स्तर पर ही पता लगाता है और यह लोगों की पहुंच में होने के साथ ही कम खर्चीला और बिना दर्द वाला तरीका है।
नेक्सस इनक्यूबेटर से प्रशिक्षण पाने वाले बूमएनबज स्टार्ट-अप ने नवीकरणीय ऊर्जा से चलने वाले एक ऐसे पोर्टेबल हेल्थ प्लेटफॉर्म को विकसित किया है जिससे ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों के जटिल रोगों का पता लगाने में मदद मिलती है।
नेक्सस से प्रशिक्षित जोमिक्स डायबिटीज, मोटापा और हाइपरटेंशन जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए लार आधारित जेनिटिक जांच और परामर्श मुहैया कराती है।
फुलब्राइट-नेहरू शोधार्थी कायला ह्यूमर का प्रोजेक्ट ऐसे रोगियों को कम खर्चीला इलाज सुझाने पर था जिनके पैरों में डायबिटीज के चलते अल्सर बनने की आशंका रहती है।
अमेरिका और भारत के शोधकर्मियों ने मिलकर ऐसी दवा कुंडली तैयार की है जो टीबी के इलाज में मदद करेगी।
भारत में अमेरिका की हेल्थ अटैशे डॉ. प्रीता राजारमन दुनिया की कुछ बड़ी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका-भारत नवप्रवर्तन भागीदारी के बारे में बता रही हैं।
तकनीक, परामर्श और चिकित्सकीय विशेषज्ञता को मिलाकर प्रोजेक्ट इको तैयार करने वाले डॉक्टर संजीव अरोड़ा भारत में हाशिये पर रहने वाले लोगों तक चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बढ़ाना चाहते हैं।
फुलब्राइट-नेहरू फेलो उमा रामाकृष्णन आनुवंशिकी का इस्तेमाल कर भारत में बाघों के संरक्षणके काम में जुटी हैं।
जाने-माने शेफ सीमाओं के दायरे से कहीं आगे जाकर पारंपरिक भारतीय व्यंजनों में अमेरिकी सामग्री का इस्तेमाल कर रहे हैं।
नेक्सस से प्रशिक्षण पाने वाले स्टार्ट-अप अंगिरस ने बेकार समझकर फेंक दिए जाने वाले पदार्थों का इस्तेमाल करते हुए कम उत्सर्जन वाली ईंटें तैयार कर चिकनी मिट्टी की पारंपरिक ईंटों का विकल्प प्रस्तुत किया है।
यूटा यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट आकाश अग्रवाल की कंपनी न्यू लीफ डायनामिक टेक्नोलॉजीज भारत के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में किसानों को ऐसा कूलिंग सिस्टम उपलब्ध करा रही है जो ग्रिड से बिजली पर निर्भर नहीं रहेगा।
लियोनाइट लैब्स की उच्च दक्षता वाली लीथियम बैटरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की ऊर्जा जरूरतों के तेजी से विस्तार पाते बाजार में अपनी जगह बना ली है।
पेट्रोल से चलने वाली बाइक का प्रतिस्पर्धी विकल्प बनाकर इमोट इलेक्ट्रिक ने दिखाई अपनी दक्षता।
भारतीय गांवों में बिजली की कमी से जूझ रहे घरों और छोटे उद्यमों को बेंगलुरू स्थित सिंपा नेटवर्क सौर ऊर्जा सेवा उपलब्ध करा रही है।
अमेरिकी वाटर टेक्नोलॉजी कंपनी जाइलम न केवल पानी के टिकाऊ इस्तेमाल को संभव बनाती है, बल्कि जल प्रदूषण को दूर करते हुए सबके लिए स्वच्छ पेयजल मुहैया कराती है।
एक शिक्षक और सांस्कृतिक दूत, पूजा रानाडे ने फुलब्राइट फेलोशिप के समय अमेरिका में रिहाइश के दौरान रिश्तों के सेतु तैयार करते हुए लंबे समय तक चलने वाले संबंध कायम किए।
श्रेया दवे अपनी नई तकनीक के ज़रिये खाद्य एवं पेय पदार्थ उद्योग में रसायनों को अलग करने पर खर्च ऊर्जा में 90 प्रतिशत की कमी ला सकती हैं।
‘‘हेल्प अस ग्रीन’’ फूलों और कृषि अवशेषों को संसाधित कर कई तरह के उत्पाद तैयार करता है जिनमें थर्मोकोल का पर्यावरण अनुकूल विकल्प भी शामिल है।
अमेरिकी स्टार्ट-अप कंपनी प्रोमेथियन पॉवर सिस्टम्स ने भारत के डेयरी किसानों के लिए तापीय ऊर्जा पर आधारित एक ऐसी तकनीक प्रस्तुत की है जो द्रुत गति से उत्पादों को ठंडा कर देती है।
टेककैंप साउथ एशिया में भागीदारी करने वालीं सहर मंसूर के स्टार्ट-अप बेयर नेसेसिटीज द्वारा ऐसे निजी और घरेलू देखभाल उत्पाद बनाए जाते हैं जो पर्यावरण अनुकूल हैं और जिनमें बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग का इस्तेमाल होता है।
ब्राउन यूनिवार्सिटी के इंजीनियरों द्वारा डिज़ाइन की गई वाटर विंग टेक्नोलॉजी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत है।
यूएसएड की मदद से शुरू फॉरेस्ट-प्लस का मकसद वनों के प्रबंधन के अलावा जलवायु में बदलाव को रोकना, जैव विविधता का संरक्षण और आजीविका लाभ में बढ़ोतरी करना है।
वर्चुअल इंग्लिश लैंग्वेज फेलो जलवायु परिवर्तन से जुड़े कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों को प्रभावी संवाद के तौरतरीकों से रूबरू कराते हैं।
कार्बन कैप्चर और कार्बन रिमूवल में क्या अंतर है? इन दोनों उभरती तकनीकों के बारे में यहां विस्तार से बताया गया है।
भारत और अमेरिका में कानूनी और कारोबारी विशेषज्ञ विजित चाहर ने उन विशेषताओं को रेखांकित किया है जो अमेरिकी बाज़ार में सफल होने के लिए किसी स्टार्ट-अप में होनी चाहिए।
अमेरिका में निवेश की योजना बना रही कंपनियों की मदद के लिए उपलब्ध है मददगार साथी: सलेक्टयूएसए।
मिलिए, जेसिका स्टर्न से, जो एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय के लोगों से संबंधित मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका की नई विशेष दूत हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, अमेरिका ने पूर्वी हिमालय की दुर्गम चोटियों पर अपने सैकड़ों हवाईजहाज खोए। अमेरिका और भारत ने इन क्षेत्रों में गुम हुए विमानों को खोजने के लिए मिलकर काम किया और ऐसे अहम मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
लिफाफा ने नवप्रवर्तित उत्पादन प्रक्रिया को अपनाते हुए, कचरा बीनने वालों से साझेदारी करके प्लास्टिक कचरे से स्टाइलिश हैंड बैग और दूसरे उत्पादों को तैयार किया है।
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के विद्यार्थियों तक अब अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसरों के बारे में सटीक, समग्र और ताज़ा जानकारियां पहुंच रही हैं और यह संभव हो पाया है वाई- एक्सिस फाउंडेशन स्थित, भारत में एजुकेशनयूएसए के नवीनतम सेंटर के माध्यम से।
जैपर मशीन कूड़े को बायोडिग्रेडेबल और नॉन बायोडिग्रेबल श्रेणी में अलग-अलग छांट देती है। बायोडिग्रेडेबल कूड़े से कम्पोस्ट बनाया जाता है, जबकि नॉन- बायोडिग्रेडेबल कूड़ा अंत में रिसाइकिल कूड़े के साथ बाहर निकल जाता है।
ग्रैविकी लैब्स प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक कणों को कलाकारों के काम आने वाली चीज़ों में तब्दील कर देती है।
फुलब्राइट-नेहरू फेलो जोशुआ आप्टे का ऑस्टिन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास का रिसर्च ग्रुप शहरी इलाकों के वायु प्रदूषकों, आबादी से उनके संसर्ग और मानव स्वास्थ्य के बीच के संबंधों को समझने के संयुक्त प्रयासों में भागीदारी कर रहा है।
आदर्श शुक्ला अपनी फोटोलाइट कोटिंग का इस्तेमाल कर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद कर रहे हैं।
भारत में वायु प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर है और यह लगातार बनी हुई है। इससे लाखों लोगों की सेहत पर असर पड़ता है। लेकिन एक नई अभिनव साझेदारी स्थानीय स्तर पर वायु की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता के प्रयासों के माध्यम से इस बड़े मसले से जूझने के संकेत दे रही है।
ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के ज़रिये अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी अपने पढ़ाई वाले क्षेत्र में अमेरिका में अस्थायी रोज़गार पा सकते हैं।
अमेरिका और भारत की नौसेना, थल सेना और वायु सेना ने सैन्य अभ्यास और संयुक्त प्रशिक्षण के बूते अपनी संचालन क्षमता में बढ़ोतरी की है।
सही योजना और पड़ताल से विद्यार्थियों को अमेरिका में उच्च शिक्षा के खर्च को वहन करने के लिए वित्तीय सहायता के बहुत-से विकल्प हासिल हो सकते हैं।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए यू.एस.-इंडिया अलायंस ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित महिला कामगारों और उद्यमियों की आर्थिक स्थिति को उबारने में मदद की है।
नेक्सस से प्रशिक्षित स्टार्ट-अप शिलिंग्स एयर वायु प्रदूषण खत्म करने के लिए ऐसे उत्पाद और सेवाएं देने का काम करती है जो किफायती होने के साथ साफ हवा का आकलन करने में भी मदद देते हैं।
सेहत की चिंता, आपस में भौतिक दूरी बनाए रखने और उथल-पुथल के दौर में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए यह दौर नई चुनौतियों से रूबरू होने और उनसे जूझने का है।
कोरोना महामारी के इस दौर में सेहत का सवाल हो या परामर्श, खानपान हो या कोई और ज़रूरत, अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की मदद के लिए अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं।
स्टैनफ़र्ड किंग सेंटर ऑन ग्लोबल डवलपमेंट के डेविड लॉबेल और एस. आर्टिज़ प्रिलामैन का शोध भारत में खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने और भारतीय महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में असमानता को समझने पर केंद्रित है।
इन असाधारण परिस्थितियों के बीच भी अमेरिकी विश्वविद्यालयों की अगली पीढ़ी के वैश्विक लीडर तैयार करने की गहन प्रतिबद्धता बनी रहेगी।
क्लीनिकल शोधकर्मियों का काम संक्रमण से होने वाली बीमारियों की रोकथाम और इलाज होता है, साथ ही वे विज्ञान के आधुनिकतम आविष्कारों को प्रयोगशालाओं से निकाल कर लोगों के बीच ले जाते हैं।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में जन स्वास्थ्य विषय में डिग्री को लेकर बढ़ती दिलचस्पी देखी जा रही है, जो विद्यार्थियों को विविध प्रो़फेशनल और शोध कॅरियर के लिए तैयार करती है।
महामारी विज्ञान में डिग्री प्रोग्राम विद्यार्थियों को जन स्वास्थ्य से लेकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जैसे विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध के कॅरियर के लिए तैयार करते हैं।
स्वास्थ्य संचार में डिग्री विद्यार्थियों को विविध क्षेत्रों में कॅरियर बनाने के अवसर देती है। यह सकारात्मक बदलाव लाने और भ्रामक सूचनाओं से जूझने में उनकी मदद करती है।
अगर औषधि और विज्ञान के क्षेत्र में आपकी दिलचस्पी है और साथ ही विश्लेषण करने की लगन तो मेडिकल लैबोरेट्री साइंस में डिग्री आपके लिए अच्छा चयन होगी।
पार्टनरशिप 2020 शोध गठबंधनों के ज़रिये भारत और अमेरिका के बीच उच्च शिक्षा सहयोग को बढ़ावा दे रही है और उद्देश्य है अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष असर।
विद्यार्थियों को छुट्टियों के समय का इस्तेमाल अपने प्रोफ़ाइल को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए जिससे कि वे अपने पसंदीदा अमेरिकी विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए खुद को मज़बूत आवेदक के तौर पर दिखा सकें।
जब किसी बच्चे को अपने दाखिले से संबंधित मसले पर फैसला करना होता है तो उसके अभिभावकों को उसे सलाह देते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
अमेरिकी 4 जुलाई को अपने बार्बेक्यू ग्रिल को कुछ खास बनाने के लिए तैयार करते हैं, लेकिन वे कौनसा ज़ायका लेते हैं, यह इस पर निर्भर करता है कि वे कहां रहते हैं।
4 जुलाई 1776 को अमेरिका की स्थापना करने वालों ने स्वतंत्रता की घोषणा पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी इतिहास की अन्य घटनाओं के बारे में जानें जो 4 जुलाई को हुईं।
अमेरिकी 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाते हैं। इस दिन आतिशबाजी और संगीत कार्यक्रमों की परंपरा के बारे में यहां जानिए।
मेमोरियल डे अमेरिका के उन पुरुष और महिला सैनिकों को सम्मान से याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने अपने देश की सेवा में अपनी जान दे दी।
नेशनल सिविल राइट्स म्यूज़ियम नागरिक अधिकार आंदोलन के महत्वपूर्ण पड़ावों को प्रस्तुत करने के साथ ही वैश्विक मानवाधिकार संबंधी मसलों की पड़ताल भी करता है।
खाद्य पदार्थों की बर्बादी से विश्व में भूख की समस्या और गहराती है और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि होती है जो जलवायु संकट का बड़ा कारण है।
अमेरिका में पढ़ाई की योजना बना रहे विद्यार्थियों को अपना मेजर चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के क्षेत्र में तेज़ी से वृद्धि के चलते सांख्यिकी ग्रेजुएट की मांग में काफी वृद्धि हुई है।
एल्युमनाई इंटरव्यू विश्वविद्यालयों में दाखिलों का अहम चरण है और इससे सही उम्मीदवारों के चयन में मदद मिलती है।
लिबरल आर्ट्स कॉलेजों के छोटे आकार के बावजूद वहां हासिल किए अनुभव पूरे जीवन विद्यार्थियों के काम आते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारें और प्राइवेट कंपनियां अंतरिक्ष खोज और क्षमताओं को बढ़ाने पर अपना ध्यान लगा रही हैं, इसलिए एरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री की मांग बढ़ रही है।
आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर ऐसी इमारतों के डिज़ाइन में मदद कीजिए जो लाजवाब दिखने के साथ ही मज़बूत भी हों।
मनोविज्ञान का विषय काफी विस्तृत और विभिन्न प्रकार का है। इसमें कॅरियर के अवसर भी इसी तरह विविध तरह के हैं।
अमेरिका में अध्ययन की यात्रा के साथ जुड़ी है रणनीतिक योजना और अप्रत्याशित चुनौतियां। तब जाकर हासिल होता है अध्ययन का अनमोल अनुभव।
ऐसा कौनसा अवकाश है जिसे हर कोई उत्सव की तरह से मना सकता है? अमेरिका में, एक ऐसा ही मौका है स्वतंत्रता दिवस का जो हर साल 4 जुलाई को खानपान और आतिशबाजी के साथ मनाया जाता है।
नई दिल्ली की एक स्टार्ट-अप कंपनी क्रिया लैब्स कृषि कचरे को मूल्यवान संसाधन में तब्दील कर उससे पर्यावरण अनुकूल कागज़ के साथ ही प्लेट और कटोरी भी बना रही है।
विश्वविद्यालयों और विद्यार्थियों को महामारी के दौरान मुश्किल परिस्थितियों के अनुरुप खुद को ढालना पड़ा जब सुरक्षा उपायों, सामाजिक दूरी और यात्रा प्रतिबंधों ने विश्वविद्यालयों में पारंपरिक नामांकन को प्रभावित कर दिया।
विद्यार्थी संगठनों से कैंपस में विविधता का निर्माण होता है और उनकी मदद से जीवनपर्यंत बनी रहने वाली स्मृतियों और संबंधों की बुनियाद पड़ती है। भारतीय विद्यार्थी संगठन अमेरिकी और भारतीय विद्यार्थियों के लिए कैंपस में संस्कृतियों और विद्यार्थी जीवन में मेलमिलाप का एक माध्यम हैं।
हर वर्ष अमेरिका, दुनिया के भर के देशों के विद्यार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोलता है। ऐसे में इन विद्यार्थियों के लिए भी जरूरी हो जाता है कि वे अमेरिका में अपने अध्ययन की समयावधि में अपनी कानूनी स्थिति को बनाए रखने के लिए जो भी शर्तें हों, उनका ध्यान रखें।
अमेरिकी विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट स्तर का अध्ययन केवल पाठ्यक्रम और शोध के बारे में नहीं है, बल्कि यह नए अनुभवों और आत्मअन्वेषण से भी संबंधित है।
आपका आवेदन ऐसा होना चाहिए जो कुछ अलग-सा दिखे, वह आपकी अभिरुचियों के साथ आपकी क्षमताओं को भी प्रकट करे और आपके व्यक्तित्व का परिचायक बने।
यदि आप विद्यार्थी वीज़ा के आवेदन की तैयारी कर रहे हैं तो आपको अक्सर पूछे जाने वाले ऐसे सवालों के बारे में पहले से मार्गदर्शन ले लेना चाहिए।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों, विभिन्न संस्कृतियों से साक्षात्कार और नेटवर्किंग के अवसरों से विद्यार्थियों को वैश्विक कॅरियर के निर्माण के लिए एक मंच तैयार करने में सहायता मिलती है।
उच्च शिक्षा की यात्रा के लिए जब विद्यार्थी खुद को तैयार करता है तब उसके सामने सबसे बड़ा सवाल ऐसे विषय का चुनाव करना होता है जो उसे कुछ नया करने की प्रेरणा दे और उसमें उसे आत्मावलोकन और एक आनंददायी प्रक्रिया की शुरुआत का अनुभव हो सके।
प्रेरणा, महिलाओं और बच्चों को मानव तस्करी के खतरे से बचाने के लिए उनके अधिकारों, उनकी शिक्षा और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ उनके लिए मुखर होने का प्रयास करता है।
सावधानी के साथ की गई तैयारियों से भारतीय विद्यार्थियों को अमेरिकी हवाईअड्डे पर आगमन के बाद की औपचारिकताओं को पूरा करने में दिक्कत नहीं होती।
अमेरिकन राइटर्स म्यूज़ियम की भावना है लेखकों का सम्मान और नवविचारित एवं संवाद से भरपूर प्रदर्शनियों के जरिये लोगों को लिखने-पढ़ने के प्रति प्रेरित करना।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों को राष्ट्रीय ऐतिहासिक लैंडमार्क स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार की ओर से फंडिग उपलब्ध है। यहां बताया गया है कि ऐतिहासिक स्थल कैसे निर्धारित किए जाते हैं।
अमेरिकी दूतावास की सहायता से चलने वाली तमाम पहलों के माध्यम से उत्तर भारत की महिला उद्यमियों को फायदा हो रहा है।
एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के अधिकारों को लेकर किए गए आंदोलन से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों पर आने वाले यात्रियों को इस समुदाय के अतीत, प्रयासों और संघर्ष के साथ, समय के साथ आए बदलाव के प्रति समझ को भी जाहिर करते हैं।
कोलकाता में अमेरिकी कांसुलेट जनरल की अगुवाई में महिला उद्यमियों के अभिनव उत्साह और कारोबार के विकास को दिशा देने के लिए एक अनोखा प्रशिक्षण शिविर हाइब्रिड स्वरूप में आयोजित किया गया।
सलेक्टयूएसए इनवेस्टमेंट समिट भारतीय कारोबारी नवप्रवर्तकों को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और अनमोल अवसरों से जोड़ने का काम करती है।
दिल्ली, चेन्नई, कराची, मैड्रिड और इस्तांबुल जैसे विशाल शहरों में पहले से ही सूखे का बड़ा खतरा महसूस हो रहा है और अगले कुछ वर्षों में कई और क्षेत्रों में यह समस्या पैदा हो सकती है।
आप कौन हैं और किसे प्रेम करते हैं, यह भेदभाव, उत्पीड़न एवं अवसरों और संसाधनों तक असमान पहुंच का औचित्य नहीं हो सकता है।
थिएटर अलायंस, स्टोरी सेंटर और शक्ति वाहिनी के बीच हुई अंतरराष्ट्रीय सहभागिता ने मानव तस्करी के चंगुल से मुक्त युवतियों से जुड़ी दास्तां को कुछ ऐसा मोड़ दिया जिससे कि वे बदलाव की मिसाल बन सकें।
सेफसिटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यक्तियों और समुदायों को अपने साथ हुई बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने का मौका देता है ताकि दुनिया को सभी के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके।
आपको सबको अधिक ज़रूरत किस चीज़ की है? कई बार, एक साधारण सवाल किसी बड़े विचार का आधार बन जाता है, जिसके चलते महिला सशक्तिकरण और अवसरों की उपलब्धता जैसे मौके पैदा होते हैं।
मीडिया के साथ कला और तकनीक के कुशल इस्तेमाल से ब्रेकथ्रू एक संस्कृति को बदलने में जुटा है और महिलाओं और लड़कियों के महत्व को सामने रख रहा है।
फुलब्राइट-नेहरू स्कॉलर मंजुला भारती के कार्यों में पहचान में उलझी भावनाओं की जटिलता और समान अवसरों की प्राप्ति की यात्रा की झलक मिलती है।
सवेरा, एक नैचुरल वेलनेस कंपनी और सामजिक उद्यम है जो यौन तस्करी की शिकार महिलाओं को रोजगार के मौके मुहैया कराती है।
युवा नेतृत्व परिवर्तन का वाहक होता है, कमजोर समुदायों को सशक्त करता है और एक ऐसे भविष्य का निर्माण करता है जहां सभी की आवाज़ मायने रखती है।
अमेरिका स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत के पक्ष में है और इस क्षेत्र में समृद्धि को बढ़ाने, जलवायु बदलाव का मुकाबला और लोकतंत्र का साथ देने के लिए कार्यरत है।
दिल्ली की अलाभकारी संस्था शक्ति वाहिनी ने हजारों बच्चों को शोषण और मानव तस्करी के खतरे से बचाने में मदद की है।
मानवाधिकारों पर कंट्री रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर जाने-माने व्यक्तियों, नागरिक, राजनीतिक और श्रमिक अधिकारों को ध्यान में रख कर तैयार की जाती है।
अमेरिकी विश्वविद्यालय शिक्षा, समर्थन और मदद के बूते एलजीबीटीक्यूआईए+ विद्यार्थियों के लिए समावेशी परिसर तैयार करने का प्रयास करते हैं।
अमेरिकी शिक्षा संस्थानों में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को किस तरह के अधिकार होते हैं? अपनी बात खुलकर कहने का अधिकार हर विद्यार्थी को कक्षा में और कक्षा से बाहर बड़े सवाल पूछने की आज़ादी देता है।
एक जीवंत अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के रास्ते अंग्रेजी भाषा की क्षमता को और अधिक विस्तार देने के साथ भारत में महिलाओं, ट्रांसजेंडर और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के अधिकारों का साथ दिया जा रहा है।
दुनिया भर में हो रहे विभिन्न शोधों से पता चलता है कि इंटर-एक्टिव गेमों से विद्यार्थियों का ध्यान खींचने और प्रभावी तरीके से उन्हें सीखने के लिए के लिए प्रेरणा मिलती है।
इस वर्ष वर्चुअल जयपुर साहित्य महोत्सव में अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एक सत्र में लेखक जोनाथन सैफरन फोर और पत्रकार जेफरी गेटलमैन के बीच चर्चा हुई कि किस तरह से हमारी दैनिक गतिविधियां जलवायु परिवर्तन को रोकने के प्रयासों में प्रभावी साबित हो सकती हैं।
जिन समुदायों में बाल विवाह का चलन है, उनमें परिवारों पर इस परंपरा को जारी रखने के लिए ज़बर्दस्त सामाजिक दबाव होता है।
पर्यावरण संगठन स्वेच्छा अमेरिकी विदेश विभाग की मदद से तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ लोगों को प्रेरित कर भारत में पर्यावरण बदलाव के लिए माहौल बना रहा है।
भारत के बटऱफ्लाई मैन इसाक केहिमकर ने फुलब्राइट फेलोशिप के दौरान अमेरिकी गैरसरकारी संस्थाओं का अध्ययन किया था। अपने काम के साथ ही वह यह भी बता रहे हैं कि इस दौरान उन्होंने क्या सीखा।
जलवायु परिवर्तन पर बने एक अंतर-सरकारी पैनल की रिपोर्ट के अनुसार यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए तो भविष्य में अत्यधिक गर्मी, आग लगने और बाढ़ जैसे मौसम के अति प्रभाव देखने को मिलेंगे।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शहरों में स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अनुकूलन रणनीति अपनाने की ज़रूरत है।
खाने की बर्बादी को कम करके, संसाधनों के संरक्षण के साथ पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाया जा सकता है।
फुलब्राइट़ फेलोशिप के माध्यम से अमेरिकी शोधार्थी जेफ रॉय ने मुंबई के एलजीबीटीक्यू समुदाय की कलात्मक अभिव्यक्ति और पहचान की कशमकश की पड़ताल की है।
फुलब्राइट-नेहरू अकादमिक और प्रो़फेशनल उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित पेटन मैक्डोनॉल्ड भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी संगीत परंपरा से जोड़ रहे हैं।
फ़िल्म निर्माता आनंदना कपूर द्वारा फुलब्राइट-नेहरू रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत विकसित इंटरएक्टिव मोबाइल डॉक्यूमेंट्री एप महिला अधिकारों के इर्द-गिर्द संवाद में मदद करता है।
अमेरिका की यात्रा पर आने वाले कम ही आगंतुकों की ओर लोगों का उतना ध्यान आकर्षित हुआ है, जितना कि प्रधानमंत्री नेहरू की तरफ, जो नवंबर 1961 में चौथी बार अमेरिका की यात्रा पर आए।
भारत में पोलियो का अंत दुनिया को इससे मुक्त करने की दिशा में होगा बड़ा कदम।
भारतीय अमेरिकी कल्पना चावला, उस अमेरिकी अंतरिक्ष शटल कोलंबिया की उड़ान एसटीएस-87 में अंतरराष्ट्रीय दल का हिस्सा थीं जिसने 1997 में एक सफल मिशन को पूरा किया। जब सूर्य से तीसरे ग्रह पृथ्वी पर इंसान राजनीति और दूसरी छोटी-मोटी हरकतों में उलझा था, तब इसके छह सदस्यीय दल के सदस्य अंतरिक्ष में चल रहे थे, रिमोट कंट्रोल उपकरणों को नियंत्रित कर रहे थे और लाखों मील कक्षा में चक्कर लगाते हुए तमाम तरह के प्रयोगों में जुटे थे।
कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में 200 विद्यार्थी प्रतिदिन प्रशिक्षण, कोर्स प्रोजेक्ट और शोध के लिए कंप्यूटर केंद्र का इस्तेमाल करते हैं।
नेक्सस स्टार्ट-अप हब में प्रशिक्षण पाने वाले बायो क्रा़फ्ट इनोवेशंस द्वारा बनाए सदाजीवी बांस के रेशों के उत्पाद से प्लास्टिक के एकल उपयोग में कमी आई है।
जलवायु परिवर्तन के हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी पर पड़ते प्रभाव को इंटरएक्टिव दास्तां के स्वरूप में प्रस्तुत कर लोगों में जागरूकता और कार्रवाई को प्रेरित किया जा सकता है।
भारत में फुलब्राइट प्रोग्राम की 40 वीं वर्षगांठ मनाने के क्रम में कई भारतीय प्रतिभागियों के संस्मरणों को शामिल करते हुए एक स्मृति प्रकाशन का काम हुआ। स्पैन में इसके मुख्य अंशों के प्रस्तुत किया जा रहा है।
क्षमा फर्नांडिस के नेतृत्व में चलने वाली कंपनी नॉर्दर्न आर्क कैपिटल भारत में वंचित परिवारों और व्यवसायों को वित्तीय सहायता तक पहुंच उपलब्ध कराती है।
हार्दिका शाह की किनारा कैपिटल महिला उद्यमियों समेत, हाशिए पर पड़े छोटे कारोबारों को बिना कुछ गिरवी रखे कर्ज मुहैया कराती है।
मिलेनियम अलायंस से सम्मानित कोइयो लैब्स ने भारत में कम संसाधनों वाले ढांचे में शिशुओं की सांस संबंधी दिक्कतों से होने वाली मौतों और वेंटिलेटर से पनपे निमोनिया की रोकथाम के लिए समाधान सुझाए हैं।
दाखिले की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी वे नुस्खे बता रहे हैं जिनसे अपने आवेदन को बढि़या बनाया जा सकता है।
अमेरिकी कलाकार अगस्टिना ड्रोज़ ने फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप के दौरान भारत में सार्थक कलाकृतियां और भित्तिचित्र तैयार किए।
उच्च शिक्षा के लिए सही पाठ्यक्रम और उपयुक्त संस्थान के चुनाव में इन नुस्खों को ध्यान में रखें।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल ह्यूमन डवलपमेंट प्रोग्राम में विद्यार्थियों को दुनिया के विकास से जुड़े असली मुद्दों से रूबरू होने के लिए विविध पृष्ठभूमियों, अनुभवों, पहचानों और दृष्टिकोणों को आधार बनाया जाता है।
नामी पुरस्कार हासिल करने वाले लेखक विजय शेषाद्रि लेखन प्रक्रिया और अपनी चर्चित कविताओं के पीछे छिपे रहस्य के बारे में बता रहे हैं।
उच्च शिक्षा में समावेशी तौर-तरीकों को बढ़ावा देने से बेहतर और प्रेरक माहौल तैयार होता है।
पूर्णिमा खंडेलवाल के आईएनआई फार्म्स ने 5000 छोटे भारतीय किसानों को एक अभिनव योजना फार्म टू फोर्क मॉडल के तहत दुनिया के खुदरा खाद्य विक्रेताओं के साथ जोड़ा है।
यूएसएड के एनजेंडरिंग यूटिलिटीज प्रोग्राम के तहत ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों से संपर्क कर वहां महिलाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा ह
विनीता सूद बेलानी की थिएटर कंपनी एनएक्ट आर्ट्स, थिएटर में दक्षिण एशियाई लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है।
एयरस्वी में भागीदारी करने वाली क्षमा हस्तक सार्थक फ़ाउंडेशन के ज़रिये समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रही हैं।
अमेरिका में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की लंबी परंपरा रही है। एक सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि अधिकतर अमेरिकी एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों का समर्थन करते हैं।
बनर्जी के पास दुनियाभर से लाई गई चीज़ें और सामग्री हैं, जो उनकी अपनी ड्राइंग और पेंटिंग के साथ, विश्व संस्कृति के अलग-अलग आयामों को एकसाथ लाती हैं और विमर्श को निमंत्रित करती हैं। फोटो साभार: रीना बनर्जी
विभिन्न शोधों से भी यह बात सामने आई है कि महिलाओं के सशक्तिकरण से सभी को फायदा पहुंचता है। मैकिंजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर हर देश कारोबारी नेतृत्व के मामले में महिलाओं की संख्या बढ़ा सके तो दुनिया में खरबों डॉलर की आय और बढ़ाई जा सकती है।
फ़ुलब्राइट-नेहरू एकेडमिक एंड प्रोफ़ेशनल एक्सीलेंस फ़ेलो हरजंत गिल फ़िल्मांकन के दौरान। साभार: हरजंत गिल
नेक्सस इनक्यूबेटर से प्रशिक्षित लेट्सएंडॉर्स सामाजिक नवप्रवर्तनों के लिए नेटवर्किंग मंच उपलब्ध कराता है, जहां वे अन्य लोगों से जुड़कर समुदायों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
प्रीति वासुदेवन ने 2018 में छह भारतीय शहरों में अपनी एकल कला ‘‘स्टोरीज़ बाइ हैंड’’ प्रस्तुत की। फोटोग्राफ: मारिया बरानोवा
फुलब्राइट स्कॉलर तृप्ति जैन के सामाजिक उद्यम द्वारा विकसित भुंगरू सिंचाई प्रणाली एक ऐसा अभिनव प्रयोग है जो जलवायु में बदलाव का दंश झेल रहे किसानों को समृद्धि का मौका उपलब्ध करा रहा है।
फुलब्राइट-नेहरू फेलो मीना पिल्लै इस बात की पड़ताल कर रही है कि डिजिटल संचार माध्यमों के विकास से सामाजिक कार्यकर्ता किस तरह महिला अधिकारों के लिए काम कर पा रहे हैं।
खेतवर्क्स, सौर ऊर्जा से चलने वाला ऐसा भरोसेमंद सिंचाई उपकरण बनाता है जिससे छोटे खेतों वाले किसान पूरे साल खेती कर सकते हैं और ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
सम्प्रीति भट्टाचार्य ने ऐसे ड्रोन विकसित किए हैं, जो न सिर्फ गहरे पानी में बचाव अभियानों और नई खोजों में मददगार साबित होंगे, बल्कि समुद्र के भीतर रेडियोधर्मिता के रिसाव से भी बचा सकेंगे
पृथ्वी की निगरानी के लिए नासा और इसरो के संयुक्त अभियान निसार का उद्देश्य हमारे ग्रह की सतह पर होने वाले बदलावों के आकलन के अलावा प्राकृतिक आपदाओं और वैश्विक पर्यावरण में परिवर्तनों का अध्ययन करना भी है।
भारतीय-अमेरिकी खगोल विज्ञानी मधुलिका गुहाठाकुर्ता नक्षत्र भौतिकी में अपनी दिलचस्पी और कड़ी मेहनत से नासा में अपनी कामयाबी के बारे में बता रही हैं।
यूएसएड इंडिया का ग्रीनिंग द ग्रिड प्रोग्राम बड़े स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को भारत के मौजूदा बिजली ग्रिड से जोड़ने में मदद कर रहा है।
फुलब्राइट-नेहरू फेलो लॉरेन वीक ने परामर्श से जुड़े विभिन्न पहलुओं और भारत के उद्यमिता परिदृश्य पर इसके प्रभाव पर शोध किया है।
भारत में छतों पर सौर ऊर्जा के उपकरण लगाने के लिए यूएसएड और डीएफसी ने कर्ज देने का कार्यक्रम शुरू किया है जिससे यहां भरोसेमंद स्वच्छ और किफायती ऊर्जा के स्रोत का दायरा बढ़ेगा।
स्मार्ट पॉवर के माध्यम से बिजली को लेकर भरोसे और कनेक्टिविटी (स्पार्क) को आगे बढ़ाने से भारत के पॉवर ग्रिड की कुशलता और विश्वसनीयता को गति देने, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने और जलवायु संकट से निपटने में मदद मिल रही है।
लांजाटेक की तकनीक कार्बन कचरे से उपयोगी उत्पाद तैयार करती है जिससे ग्रीनहाउस गैसों को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलती है।
यदि भारतीय किसानों को समय रहते मौसम के बारे में चेतावनी मिल जाए तो वे जोखिम को कम कर सकते हैं। यूएसएड और स्काईमेट वेदर सर्विसेज की भागीदारी में स्थापित स्वचालित मौसम केंद्र यही काम कर रहे हैं।
यूएसएड/भारत की तरफ से वित्तपोषित एक प्रोजेक्ट की बदौलत क्लाइमेट-स्मार्ट खेती और तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि एक टिकाऊ खाद्यान्न व्यवस्था को तैयार किया जा सके।
लग्नजिता मुखोपाध्याय को अपनी कविताओं के लिए बहुत-से सम्मान हासिल हुए हैं। साभार: लग्नजिता मुखोपाध्याय
रेनक्यूब तकनीक प्रोटोटाइप। इस स्टार्ट-अप ने मोशन फ्री ऑप्टिकल ट्रैकिंग तकनीक विकसित की है जिससे सौर पैनल पर सूर्य की रोशनी की दिशा में तब्दीली लाकर उसकी क्षमता में अच्छी बढ़ोतरी की जा सकती है। फोटोग्राफ: साभार रेनक्यूब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में कैलिफ़ोर्निया की यात्रा के दौरान गूगल के सीईओ सुंदर पिचई से मुलाकात की। फोटोग्राफ: मैरिको जोस सांचेज ©एपी इमेजेज
डॉ. सोन्जा क्लिंस्की ने आईआईटी दिल्ली में स्कूल ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी के संस्थापक प्रमुख प्रोफ़ेसर अंबुज सागर से गठजोड़ किया। एकेडमिक जरनल का ऐसा विशेषांक निकालने के लिए जो जलवायु परिवर्तन पर क्षमता निर्माण और विकास नीति पर केंद्रित हो। फोटोग्राफ: डॉ. क्लिंस्की (बाएं) और प्रोफेसर सागर (दाएं)
आफरीन हुसैन हवाई में अपनी फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फेलोशिप के दौरान कोरल नर्सरी से नमूने एकत्र करती हुईं। फोटोग्राफ साभार: आफरीन हुसैन
राष्टपति जो बाइडन अप्रैल 2021 में व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से जलवायु पर आयोजित वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए। फोटोग्राफ: इवान वुचि©एपी इमेजेज
आदर्श नटराजन आइंड्रा सिस्टम्स की सर्वअस्त्र जांच तकनीक के साथ। इसके तीन हिस्से हैं- आइंड्रा आईएस (बाएं से), आइंड्रा विज़नएक्स और आइंड्रा अस्त्र। फोटोग्राफ: साभार आदर्श नटराजन
नई दिल्ली में मार्च 2021 में भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय टीबी डिविज़न द्वारा आयोजित विश्व टीबी दिवस कार्यक्रम में ट्रेस-टीबी का स्टॉल। फोटोग्राफ: साभार यूएसएड
हना लाइडर ने स्वास्थ्य सखी पर काम किया जो एक एप आधारित प्लेटफ़ॉर्म और चूड़ी की तरह पहना जाने वाला डाटा स्टोरेज उपकरण है, जिसमें हर रोगी की पहचान के लिए क्यूआर कोड समाहित होता है और चिकित्सा रिकॉर्डों के लिए लिंक उपलब्ध कराता है। फोटोग्राफ साभार: डॉ. मोनालिसा पाधी
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रोजेक्ट संवाद के मां-बच्चे के स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य और परिवार नियोजन पद्धतियों के वीडियो प्रदर्शित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। फोटोग्राफ: साभार डिजिटल ग्रीन
जनवरी 2021 में भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित पहले क्लीनिक को हैदराबाद में शुरू किया गया, जिसे यूएसएड की सहभागिता में चलाया जा रहा है। फोटोग्राफ: साभार एक्सीलरेट
एक-दूसरे देशों की जनता के बीच मज़बूत संबंधों का इतिहास 200 सालों से भी ज़्यादा पुराना है। यह अमेरिका के शुरुआती दिनों और भारत की आज़ादी से काफी पहले की दास्तां है।
मार्टिन लूथर किंग, जूनियर राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्थल की यात्रा का अर्थ है इतिहास और बराबरी की भावना का सम्मान।
अमेरिका में लोकप्रिय होते नए व्यंजन इस देश की विविधता तो दर्शाते ही हैं, आप्रवासी समूहों के प्रभाव का भी अहसास कराते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रोग्राम के तहत पूर्वोत्तर भारत की महिला उद्यमियों को अपने उपक्रमों को बढ़ाने, पूंजी जुटाने और साथी कारोबारियों से नेटवर्किंग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
अमेरिका में शिक्षा पाने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में भारतीयों की संख्या अच्छी-खासी है। वे अपने संस्थानों को अहम और विविध नज़रिया प्रदान करते हैं