ज़िंदगी में नई ऊर्जा

अमेरिकी विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट स्तर का अध्ययन केवल पाठ्यक्रम और शोध के बारे में नहीं है, बल्कि यह नए अनुभवों और आत्मअन्वेषण से भी संबंधित है।

सिड थाथम

अप्रैल 2022

ज़िंदगी में नई ऊर्जा

सिड थाथम (मध्य में, पिछली पंक्ति) ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिनसिनाटी के नस्लीय जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेकर अमेरिका की सांस्कृतिक विविधता और जीवन के बारे में जाना। फोटोग्राफ साभार: सिड थाथम

एक अमेरिकी एकेडमिक डिग्री अक्सर बेहतर कॅरियर संभावनाओं और नौकरी की सुरक्षा से जोड़ कर देखी जाती है, लेकिन आमतौर पर उसके साथ जुड़े सीखने के अमूल्य अनुभव को अनदेखा किया जाता है जो सिर्फ पाठ्यक्रम के बारे में ही नहीं होता बल्कि उससे खुद की क्षमताओं को परखने का मौका भी मिलता है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अपने परिवार और मित्रों को पीछे छोड़ हजारों मील दूर पहली बार किसी हवाई सफर के बाद ऐसे लोगों के बीच पहुंच जाना जो किसी एक देश से नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों से आते हैं, यह केवल एक एकेडमिक गतिविधि तो नहीं हो सकती बल्कि यह उससे कहीं आगे की चीज़ है। मैंने छह विश्वविद्यालयों में आवेदन किया था और पांच में मेरा चयन हो गया। लेकिन अंत में मैंने सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी (यूसी) से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने का फैसला किया। यह 2012 के अंतिम महीनों की बात है।

मुझे वहां की ग्रैडलाइफ यानी विद्यार्थी जीवन के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी थी, लेकिन सिनसिनाटी पहुंचने और साथी विद्यार्थियों से बातचीत के बाद तस्वीर काफी साफ हुई। कुछ ने कहा कि यह सब कोर्सवर्क और शोध से संबंधित है तो कुछ ने कहा कि यह सब साहित्य के अध्ययन और अपनी थीसिस जैसी बातें हैं, जो आपको थोड़ा डराती हैं। कुछ दूसरे विद्यार्थियों का कहना था कि, यह विद्यार्थी रोजगार जैसा है जिसकी आदत डाल लेना बहुत ज़रूरी है।

यह सारे जवाब निजी अनुभवों पर आधारित लगते थे और वे सभी अलग-अलग थे। इसीलिए मुझे लगा कि संभव है कि मेरे अनुभव उन सबसे बहुत अलग हों। मैंने अक्सर एक सवाल अपने आपसे पूछा था, ‘‘जब मैं इस जगह को छोड़ जाऊंगा तो अपने साथ इस डिग्री के अलावा और क्या लेकर जाऊंगा।’’ यही सवाल खुद के बारे में और जानने की इच्छा के साथ मेरी ग्रैडलाइफ का मार्गदर्शक सिद्धांत रहा। मैंने विद्यार्थियों की कॉलेज लाइफ को भी बहुत गौर से देखा। मैंने अपने आप से सवाल पूछा, ‘‘एक ग्रेजुएट विद्यार्थी के रूप में मैं उन सारी चीजों का अनुभव कैसे कर सकता हूं जो उन्होंने अनुभव किया है और यहां तक कि वे चीज़ें भी जिन्हें मैंने अपने कॉलेज जीवन में अनुभव नहीं किया।’’

ऐसे सवालों के जवाब तलाशने का सबसे आसान तरीका कैंपस के मामलों से खुद को जोड़ने का था। मैं इंडियन स्टूडेंट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहा, ग्रेजुएट विद्यार्थी इकाई का दो बार उपाध्यक्ष बना, यूसी प्रेसिडेंट की सर्च कमेटी में शामिल रहा, हाइपरलूप यूसी का बिजनेस लीड और यूनिवर्सिटी का इंटरनेशनल एंबेसडर रहा। मैंने टेडेक्सयूसी और टेडेक्ससिनसिनाटी में भी भाग लिया।

कैंपस में बिताए वक्त और विभिन्न किस्म के पेशेवर शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं के अनुभव ने मुझे एक बेहतर इंसान के रूप में विकसित होने में मदद दी। कैंपस में मेरी भागीदारी ने विविधता और समावेश के साथ समानता के बारे में मेरी सीख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी आमतौर पर एक ही नस्ल के लोगों के देश के निवासी होते हैं और वे विविधता और समावेश के मूल्यों से अनभिज्ञ होते हैं।

अमेरिका में कैंपस जैसी  सांस्कृतिक विविधता कहीं और देखने को नहीं मिलेगी। यूसी के नस्लीय जागरूकता कार्यक्रम (आरएपीपी -रैप) के साथ मेरी भागीदारी मेरे लिए एक आंख खोलने वाला अनुभव था जिसके कारण मुझे अमेरिका के जीवन और वहां के लोगों के बारे में समझ को विकसित करने में बहुत हद तक मदद दी। मैंने जाना कि ‘‘विविधता को पार्टी के लिए आमंत्रित किया जा रहा है और समावेश को वहां नृत्य करने के लिए कहा जा रहा है।’’

रैप के दोस्तों के कारण मुझे तीन साल तक टेडेक्ससिनसिनाटी में एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने का मौका मिला। एक बच्चे के रूप में जो भारत में बड़ा हो रहा था ,मैंने हमेशा टेडेक्स कार्यक्रम को लाइव देखना चाहा। इसी दौरान में कैंपस में पहली बार हाइपरलूप टीम का हिस्सा भी बना और मुझे विद्यार्थी टीम के बारे में टेडेक्स पर बातचीत करने का अवसर मिला। 800 लोगों के सामने बोलने में मुझे बहुत घबराहट हुई लेकिन मंच को लेकर इस घबराहट से मुझे उबरना पड़ा। मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि किसी वार्ता में भाग लेना मेरे लिए दूर का सपना है  लेकिन आज की तारीख में मैंने ऐसे चार आयोजनों का नेतृत्व किया है।

इस दौरान, बहुत-सी बातों ने मेरी यादों में अपनी जगह बना ली- हैलोवीन के लिए अपने पहले कॉस्प्ले से लेकर प्रसिद्ध गर्ल स्काउट कुकीज़ खाने तक। इसके अलावा उन जगहों की यात्रा जिनके बारे में मैंने पहले सिर्फ फिल्मों में सुना था और जहां पर मेरी पसंदीदा फिल्मों को फिल्माया गया था और उस भोजन का आनंद उठाना जिसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री खाते हैं। जिन चीजों के बारे में मैंने सपने में भी नहीं सोचा था, वे भी हो गईं- विश्व बैंक में भाषण से लेकर हॉवर्ड शुल्ज और एलन मस्क के बगल में चलने तक।

हालांकि, इन अविश्वसनीय अनुभवों और उपलब्धियों को हासिल करने की यात्रा हमेशा आसान नहीं रही। कई बार मैं समय बचाने के लिए कैंपस में मेज के नीचे ही सो जाता था। पकाया हुआ भोजन तो विलासिता जैसा था। मुझे अक्सर कॉफी, पीनट बटर और सेब से दूर रहना पड़ता था। मैं हमेशा दोस्तों और परिवार के लिए वक्त नहीं निकाल पाता था और आठ सालों तक मैं वापस अपने घर नहीं लौट पाया था। मेरा परिवार, मेरे दोस्त और जिस शहर में मैं पला-बढ़ा, तब बहुत अलग-से नजर आ रहे थे।

पांच साल के ग्रेजुएट स्कूल और दो-दो ग्रेजुएट डिग्रियों के बाद मैंने फैसला किया कि मैं वहां और रुकूंगा और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की डिग्री लूंगा- मुझे अहसास हुआ कि जो कुछ मेरे दोस्तों ने मुझे बताया था, वह सही तो है, लेकिन कुछ हद तक ही। मैंने यह भी अहसास किया कि अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी के जीवन में और भी काफी कुछ है। आप यहां जो कुछ भी चाहते हैं, मिलता है। आप जितना इसे देंगे, उससे अधिक आपको वापस मिलता है।

मैंने एक विद्यार्थी के रूप में 2012 में शुरुआत की और 2017 में मैंने ग्रेजुएट की उपाधि हासिल की। मैं तब से विश्वविद्यालय में काम कर रहा हूं। मेरी प्राथमिक भूमिका विश्वविद्यालय के पावर प्लांट में इंजीनियर की है और मैं कभी-कभी अध्यापन भी करता हूं। मुझे सिनसिनाटी आए हुए करीब एक दशक हो चुका है और मैंने कैंपस में बाहर के मुकाबले ज्यादा वक्त बिताया है, पहल एक विद्यार्थी के रूप में और अब एक कर्मचारी के रूप में। यह विश्वविद्यालय मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा रहा है और यह मेरे लिए घर से दूर एक घर जैसा ही है। इस जगह और यहां के लोगों ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है और मुझे खुद के बारे में नए सिरे से जानने में मदद की है। पिछले दस साल अब तक मेरे जीवन के सबसे मुश्किल वर्ष रहे, लेकिन साथ ही सबसे ज्यादा फायदेमंद भी।

इसलिए जब आप अमेरिका आते हैं तो जानने की कोशिश करें और आजमाने में भरोसा रखें, यानी चांस लें। अवसरों का लाभ उठाने से न चूकें। मैं यह जरूर सोचना चाहूंगा कि मैंने किया क्या। अमेरिका में मेरे विद्यार्थी जीवन ने मुझे उन जगहों पर जाने का मौका दिया जिनके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं वहां कभी जाऊंगा। ऐसे काम करने के मौके दिए, जो शायद मैं कभी नहीं कर पाता। दिल दुखा भी लेकिन फिर भी कोई मलाल नहीं रहा।

मैंने सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में बतौर अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी अपनी शुरुआत की। अब मैं जीवनभर के लिए एक सिनसिनाटी बीयरकैट जैसा हूं।

सिड थाथम सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में एनर्जी इंजीनियर और एसोसिएट प्रो़फेसर (सहायक) हैं।



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