प्रकृति के संरक्षण की मुहिम

फुलब्राइट-नेहरू फेलो मानसी बाल भार्गव जल संरक्षण और पर्यावरण के लिए कार्य करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

ज़हूर हुसैन बट

अप्रैल 2024

प्रकृति के संरक्षण की मुहिम

मानसी बाल भार्गव वेडनेस्डेज फॉर वाटर की सह-संस्‍थापक है, जो पानी के संरक्षण, प्रबंधन और चिंताओं पर नागरिकों का ‌समूह है। (फोटोग्राफः साभार मानसी बाल भार्गव)

फुलब्राइट-नेहरू फेलो मानसी बाल भार्गव को असंतुलन के शिकार इकोसिस्टम को फिर से संतुलित करने के सहायतार्थ उनकी सक्रियता के लिए जाना जाता है। एक उद्यमी, शोधकर्मी, शिक्षक और परामर्शक के रूप में भार्गव घटते जल संसाधनों और बढ़ते जल संकट के कारण पैदा हुई गहरी चिंता से प्रेरित होकर इससे निपटने के लिए कुछ कर गुजरना चाहती हैं। वह पर्यावरण संरक्षण के सवाल पर बेहद संजीदा हैं और सदाजीवी विकास की मुखर समर्थक हैं।

भार्गव, साल 2016-17 में फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप फॉर प्रोफेशनल एंड एकेडमिक एक्सीलेंस के दौरान एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के साथ संबद्ध थीं। यहां उन्होंने शहरों के नियोजन और प्रबंधन में शहरी जल संसाधनों के एकीकरण का अध्ययन किया। उन्होंने अमेरिकी कांसुलेट जनरल मुंबई के साथ साझेदारी में जल प्रबंधन पर कई कार्यशालाओं का नेतृत्व भी किया है।

प्रस्तुत है उनके साथ साक्षात्कार के मुख्य अंश:

कृपया अपने वर्षों के संरक्षण कार्य और अनुसंधान के कुछ खास पहलुओं को साझा करें।

पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन से जुड़े मेरे तकरीबन तीन दशकों के समय में मेरी सबसे प्रमुख सीख या सबक इसी विचार के आसपास केंद्रित रहा कि क्या नहीं किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए शहरी झील प्रशासन और प्रबंधन पर मेरे लंबे समय से चले आ रहे शोध के कारण मेरा नजरिया ऐसा होता गया जो संरक्षण को प्राथमिकता देता है। किसी ऐसी झील परियोजना विकास को ना कहना जिसमें संरक्षण शामिल नहीं है, मेरी जीवन भर की प्रतिबद्धता है। मैंने झीलों के साथ क्या नहीं करना चाहिए, इस पर एक मॉड्यूल विकसित किया है जो अब पूरे भारत में कार्यकारी प्रशिक्षण और कॉलेज पाठ्यक्रम में शामिल है।

शोध, लेखन और सार्वजनिक भाषणों के माध्यम से भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन के काम में किए गए अपने योगदान के बारे में कृपया बताएं।

मेरा लक्ष्य पानी से संबंधित मामलों पर संवाद और विचार-विमर्श करने के लिए विज्ञान और समाज को एक साथ लाना है। भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन में मेरे द्वारा योगदान उद्यमिता, अनुसंधान, शिक्षा, सार्वजनिक भाषण और परामर्श के माध्यम से किया जाता है। मैं विभिन्न हितधारकों के लिए पानी पर बातचीत को ध्यान में रखते हुए एक सामान्य शब्दावली बनाने का प्रयास करती हूं क्योंकि प्रभावी जल संरक्षण के लिए सरल भाषा में बातचीत बहुत अहम है।

हम घटते जल संसाधनों की बढ़ती चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकते हैं?

पानी के संरक्षण और प्रबंधन के मूल में जल साक्षरता है। इस चुनौती में दो प्रमुख कारकों का योगदान है। सबसे पहले, तो व्यापक जल शिक्षा उपलब्ध नहीं है और दूसरा, उपलब्ध शिक्षा अधिकतर टुकड़ों में बंटी हुई है जिससे समस्याओं के साथ-साथ समाधानों के बारे में गलतफहमियां और गलत व्याख्याएं सामने आती हैं। उदाहरण के लिए, कभी-कभी अच्छे इरादे वाले लोगों को भी जल संसाधनों के एकीकरण और पानी तक पहुंच में चुनौतियों को झेलना पड़ता है। कुछ आम उदाहरण भूजल के दोहन और तटवर्ती विकास पर बहस से जुड़े हैं।

पर्यावरण की रक्षा के लिए क्या आप कुछ ऐसे व्यावहारिक कदमों को साझा कर सकती हैं जिन्हें व्यक्ति के लिए निजी तौर पर या फिर समुदाय के रूप में अपनाया जाना चाहिए?

पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम पर्यावरण के बारे में शिक्षा को बढ़ाना है। यह व्यक्तियों और समाज को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाता है।

जहां तक व्यक्तियों का सवाल है, हम कह सकते हैं कि:

* जरूरी चीजों को ही अपनाएं। धीमा भोजन और टिकाऊ फैशन आजमाने लायक है।

* इस्तेमाल घटाएं और रिसाइक्लिंग करें।

* पहले से प्रिय वस्तुओं को अपनाएं।

* प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें।

* ऑटोमोबाइल का इस्तेमाल कम करें।

* पर्यटन कम करें।

* भूजल कम प्रयोग करें।

* घरेलू पानी की रिसाइक्लिंग करें।

* भरोसेमंद स्रोतों से प्राप्त जानकारियों से खुद को सशक्त बनाएं।

एक समुदाय के रूप में हम ऐसा कुछ कर सकते हैं :

* दुष्प्रचार से लड़ने में अपना योगदान दें।

* विकास और संरक्षण के बीच फर्क को जानें।

* पर्यावरणीय संसाधनों का व्यावसायीकरण रोकें।

* अपने स्थानीय परिवेश से जुड़े और उसके साथ तालमेल रखें।

* जलस्रोतों को बचाएं।

फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप ने आप पर किस तरह का प्रभाव डाला? यहां से आपके मुख्य सबक क्या रहे?

फेलोशिप के दौरान वार्ता, सम्मेलन और विभागीय सेमिनार जैसी चीजों से पाला पड़ा जिनके चलते हमें मजबूत नेटवर्क तैयार करने में मदद मिली। छोटे पाठ्यक्रमों में भाग लेने से मुझे अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने में मदद मिली। सबसे खास बात यह है कि फेलोशिप ने मुझे उद्यमिता अनुसंधान और शिक्षा के एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। सार्वजनिक भाषण देना और परामर्श देना मुझे स्वाभाविक रूप से आता है, यह एक तरह से मेरे मूल स्वभाव का हिस्सा है। इस प्रक्रिया में, सुनना और सीखना मेरे लिए अंतिम पुरस्कार और मकसद जैसे लगते हैं।

आपकी आगामी योजनाएं और प्रोजेक्ट क्या हैं?

मेरे पास निजी तौर कुछ अल्पकालिक योजनाएं हैं जैसे मैं जो सिखाती हूं उसका अभ्यास करने की कोशिश करना और अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को कम करना। और व्यावसायिक रूप से मैं जल संरक्षण, जल शिक्षा पहलों को बढ़ाने के साथ उससे और अधिक लोगों को जोड़ना और जल कार्यकर्ताओं के कार्यों का दस्तावेजीकरण और उनका प्रसार जारी रखने की योजना बना रही हूं।


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