साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में भारतीय विद्यार्थियों की स्टूडेंट ऑफ इंडिया एसोसिएशन कॉलेज उत्सवों के माध्यम से सांस्कृतिक रूप से विविध भारतीय विद्यार्थी समुदाय को एक साथ लाने का काम करती है।
नवंबर 2023
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ फ़्लोरिडा के भारतीय विद्यार्थियों के छुट्टियां बिताकर वापस लौटने पर वहां की भारतीय विद्यार्थी एसोसिएशन ने वर्ष 2023 में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। (फोटोग्राफः साभार भारतीय विद्यार्थी एसोसिएशन)
कॉलेजों के सांस्कृतिक उत्सव वैश्विक संस्कृतियों और उनकी विविधता का जश्न मनाने का एक शानदार अवसर होते हैं। पूरे अमेरिका के कॉलेजों में विद्यार्थी अपनी अनूठी संस्कृतियों और समुदायों के प्रदर्शन के लिए सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा (यूएसएफ) की स्टूडेंट ऑफ इंडिया एसोसिएशन (एसआईए) पिछले तीन दशकों से अधिक का इतिहास अपने में समेटे हुए एक जीवंत और विविध संगठन है। एसआइएर् का मिशन भारतीय संस्कृति का जश्न मनाना, उसका संवर्धन करना और अपने सदस्यों के साथ अपनी विरासत की समृद्धि को व्यापक समुदाय के साथ साझा करते हुए अपनेपन एवं एकता की भावना को बढ़ावा देना है।
स्पैन ने एसआईए के अध्यक्ष नमन सहगल और उपाध्यक्ष अनुशा नक्का से संपर्क करके यूएसएफ में आयोजित ऐसे अनूठे सांस्कृतिक उत्सवों के बारे में जानने की कोशिश, जिसमें वे सहभागी थे।
प्रस्तुत है उनसे इंटरव्यू के मुख्य अंश:
क्या आप एसआईए और साउथ फ्लोरिडा परिक्षेत्र में भारतीय विद्यार्थी समुदाय की पृष्ठभूमि के बारे में कुछ साझा कर सकते हैं?
सहगल: यूएसएफ में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या अच्छी-खासी है। इसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थी विभिन्न शैक्षणिक विषयों का अध्ययन करते हैं। यूएसएफ का भारतीय समुदाय एसआईए सांस्कृतिक रूप से विविध भारतीय विद्यार्थी समुदाय को एक साथ लाता है और परिसर के वातावरण को समृद्ध करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्यौहारों की एक शृंखला आयोजित करता है। साउथ ़फ्लोरिडा बहुत से भारतीय समुदायों का घर है, और उनमें से हरेक का सांस्कृतिक विविधता में अपना योगदान है। इसमें लगभग 3000 सदस्य हैं, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शैक्षिक सहयोग और सामाजिक जुड़ाव की सुविधा प्रदान करते हैं।
नक्का: हम एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की शक्ति में विश्वास करते हैं और आने वाले वर्षों को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि हम अपने सदस्यों को समृद्ध अनुभव प्रदान करने और सीमाओं से परे सामुदायिक भावना के संवर्धन के लिए काम करते हैं। यूएसएफ में एसआईए की विरासत समावेशी, सांस्कृतिक उत्सव और व्यक्तिगत विकास जैसी अवधारणाएं हैं और हम नए अवसरों को अपनाते हुए उस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले ऐसे वे कौनसे कुछ अनूठे सांस्कृतिक उत्सव या आयोजन हैं जिसमें स्टूडेंट इंडिया एसोसिएशन का जुड़ाव है?
सहगल: हम विभिन्न सांस्कृतिक उत्सवों और कार्यक्रमों के आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं, जिससे विद्यार्थियों और व्यापक समुदाय दोनों को ही यादगार अनुभव होते हैं। उनमें गरबा और दिवाली कार्यक्रमों का जिक्र किया जा सकता है। गरबा कार्यक्रम में 700 लोगों की भीड़ उमड़ी जबकि दिवाली के कार्यक्रमों में 1000 लोग शामिल हुए। गरबा एक जीवंत उत्सव है जिसमें कलाकारों, संगीतकारों के अलावा प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक समन्वय की ज़रूरत है।
नक्का: दिवाली कार्यक्रमों के लिए सावधानी के साथ तैयार योजना के अलावा, एक बड़ी जगह, सांस्कृतिक प्रदर्शन, पारंपरिक भारतीय भोजन के स्टॉल, गेम्स की व्यवस्था और शानदार सजावट की ज़रूरत होती है। इसके अलावा होली के मौके पर एसआईए, भागीदार विद्यार्थियों और समुदाय के सदस्यों को खुशनुमा और रंगारंग उत्सव के लिए एकसाथ लाने का काम करता है।
एसआईए के सांस्कृतिक उत्सवों का प्रारूप किस तरह से तैयार किया जाता है? और वहां उपस्थित लोग वहां से क्या हासिल करने की उम्मीद रखते हैं?
सहगल: एसआईए के त्यौहारों के जश्न में शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन से लेकर क्षेत्रीय व्यंजनों और फैशन शो तक में भारतीय संस्कृति की विविधता का उत्सव मनाया जाता है। उपस्थित लोगों को अक्सर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ संबंधों को विकसित करते हुए एक समुदायिक एवं जुड़ाव की भावना का आभास होता है। त्यौहारों में विभिन्न कलाओं के प्रदर्शन के अलावा कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं जो शैक्षिक अंतर्दृष्टि तो देती ही हैं, साथ ही जायकेदार भारतीय पकवान भी उपलब्ध कराती हैं। इसके अतिरिक्त, अतिथि वक्ता और पैनल चर्चाएं बौद्धिक रूप से प्रबुद्ध करते हुए भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों पर रोशनी डालती हैं।
क्या एसआईए मौजूदा वक्त में भविष्य में होने वाले किसी सहभागी प्रयास या आयोजन की योजना बना रहा है?
नक्का: एसआईए के पास अपनी गतिविधियों की एक विविध शृंखला तैयार है, जिसमें मेंहदी की रात समारोह, दिवाली कार्यक्रम, पेशेवर विकास से जुड़ा सत्र और अगले सेमेस्टर में एक जीवंत होली एवं संक्रांति उत्सव शामिल है। इसके अलावा, दक्षिण एशियाई विद्यार्थियों के लिए एक भोज के आयोजन की तैयारी हैं जो सभी दक्षिण एशियाई विद्यार्थियों की एकजुटता एवं सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने के मकसद से तैयार किया गया है।
जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं और सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।
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