अमेरिका में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ रही है और अगले कुछ वर्षों में मेजर लीग क्रिकेट की योजना बनाई जा रही है। इसमें डैलस, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलीस जैसे शहरों की टीमें भी भाग लेंगीं।
सितंबर 2022
जून में कैलिफ़ोर्निया क्रिकेट फ़ेस्टिवल पुरस्कार समारोह के मौके पर एक युवा टीम खुशियां मनाती हुई। (साभारः कैलिफ़ोर्निया क्रिकेट एकेडमी)
अमेरिका में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ रही है और अगले कुछ वर्षों में मेजर लीग क्रिकेट की योजना बनाई जा रही है। इसमें डैलस, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलीस जैसे शहरों की टीमें भी भाग लेंगीं।
अगर आपने इस बसंत में गारलैंड, टेक्सस के उपनगर डैलस होते हुए बैस पार्क नामक जगह की यात्रा की है तो निश्चित रूप से आपको कुछ न कुछ अप्रत्याशित-सा दिखा होगा।
आमतौर पर यहां बच्चे सॉकर खेल रहे होते हैं और परिवार वाले अपने पालतू जानवरों के साथ घूमते दिखते हैं। लेकिन अगर आपने सिर्फ यही देखा तो आपको फिर से देखने की जरूरत है। हो सकता है कि आपको दर्जनों लोग क्रिकेट खेलने के लिए एकत्र होते दिखें जिसका नज़ारा अमेरिका मे बिरले ही देखने को मिलता है।
पूर्व पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ी कुमारन ‘‘केनी’’ थिरुनावुक्कूरासू के अनुसार, ‘‘टेक्सस में तो क्रिकेट पहले से ही लोकप्रिय है और जल्दी ही यह पूरे अमेरिका में बहुत लोकप्रिय होने वाला है।’’ कुमारन ने 2013 में यहां क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए टेक्सस क्रिकेट एकेडमी की शुरुआत की थी। वह कहते हैं, ‘‘मैं इस खेल को बेहद पसंद करता हूं और इसके अलावा कुछ कर नहीं सकता।’’
बहुत-से अमेरिकियों के लिए, क्रिकेट कुछ उसी तरह से रहस्यमयी है जैसा कि दूसरे देशों के लोगों के लिए अमेरिकी फुटबॉल। इतिहासकारों का विश्वास है कि क्रिकेट की शुरुआत 400 साल से भी पहले इंग्लैंड में हुई और यह उसके पूर्व औपनिवेशिक देशों विशेषकर दक्षिण एशिया के देशों और वेस्टइंडीज़ तक फैल गया।
यह खेल काफी कुछ बेसबॉल जैसा है जिसमें खिलाड़ी बैट से बॉल को हिट करने के बाद दो स्थानों के बीच दौड़ते हैं। समानताएं यहीं पर मोटे तौर पर खत्म हो जाती हैं। लेकिन, क्रिकेट को पूरी दुनिया में फैले उसके करोड़ों प्रशंसकों का प्यार मिलता है और अब यही प्रेम अमेरिका में भी फलने-फूलने लगा है।
वर्ष 2019 में टी10 मैच की प्रतिस्पर्धा के दौरान ट्रिनिडाड एवं टोबैगो में खिलाड़ी अपना कौशल दिखाते हुए। अमेरिका में 19 साल से कम उम्र की महिलाओं को प्रतिस्पर्धी मैचों में अधिक सफलता मिल रही है। (© एशले एलन/सीपीएल टी20/गेटी इमेजेज)
अगर सब कुछ तयशुदा योजना के अनुसार होता रहा तो अगले कुछ वर्षों में अमेरिका में मेजर लीग क्रिकेट का आयोजन संभव हो सकता है जिसमें डैलस, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलीस जैसे शहरों की टीमें शामिल होंगी। इसके पीछे सोच दूसरे देशों से पेशेवर खिलाडि़यों को अपने यहां बुलाने की है ताकि वक्त के साथ और अधिक अमेरिकी कम से कम इस प्रतियोगी स्तर तक खेल सकें।
अभी तक के हिसाब से क्रिकेट उन शहरों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है जहां दक्षिण एशिया और कैरेबियन प्रवासी जनसंख्या बड़ी तादाद में रहती है। ( आमतौर पर, ये वे शहर हैं जहां स्थानीय तकनीक आधारित अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है।) हेमंत बुच और उनकी पत्नी किंजल ने अमेरिका के सबसे पहले क्रिकेट संगठनों में से एक कैलिफोर्निया क्रिकेट एकेडमी की स्थापना की। 2003 में एक अलाभकारी संस्था के रूप में शुरू की गई यह एकेडमी सैन फ्रांसिस्को के बे एरिया में है और यहां दक्षिण एशियाई मूल के करीब 5 लाख लोगों की रिहाइश है। अकादमी, बड़े पैमाने पर खिलाडि़यों की पसंद बन रही है क्योंकि यह कुपरटिनो, कैलिफोर्निया जैसी जगहों पर म्युनिसिपल पार्कों और रिक्रिएशन विभाग के साथ मिलकर कार्यक्रमों का आयोजन करती है। कुपरटिनो वह स्थान है जहां उपभोक्ता तकनीक से जुड़ी कंपनी एपल है जो आई फोन बनाने के लिए विख्यात है।
बुच के अनसार, ‘‘हमें काफी कुछ विविधता देखने को मिल रही है। मैंने एक महिला को एक प्रतियोगिता के दौरान ‘‘क्रिकेट फॉर डमीज़’’ किताब पढ़ते देखा जिसकी उपलब्धता के बारे में मुझे अभी तक पता ही नहीं था।’’
टेक्सस और कैलिफोर्निया एकेडमी बच्चों पर ज्यादा फोकस करती हैं क्योंकि कारण चाहे कुछ भी हों लेकिन ये कमउम्र खिलाड़ी खेल के साथ जुड़े रहते हैं। जबकि, बड़ों के साथ ऐसा नहीं है।
एकेडमी का कहना है कि, ऐसा भी नहीं है कि यह खेल सिर्फ लड़कों के लिए है। दरअसल, जुलाई में अमेरिका की अंडर-19 टीम, ट्रिनीडाड को हरा कर पहली क्रिकेट वेस्टइंडीज़ वुमेन्स अंडर-19 राइजिंग स्टार टी-20 टैंपियनशिप में अजेय रहते हुए विजेता बनी।
स्टेटन आइलैंड क्रिकेट क्लब में मैच के लिए तैयारी करते खिलाड़ी। अमेरिकियों की क्रिकेट को लेकर अपेक्षाकृत उपेक्षा के बावजूद न्यू यॉर्क क्लब ने इस साल लगातार 150 साल तक क्रिकेट खेलने का उत्सव मनाया, जिसके लिए धन्यवाद जाता है प्रवासी समुदायों के उत्साह को। (© एड जोन्स/एएफ़पी/गेटी इमेजेज)
यह एक पुरानी अमेरिकी दास्तां है। स्टेडियमों और जगमग लाइटों से दूर प्रवासी समुदायों का इस खेल के प्रति प्रेम उसे अमेरिका लेकर आया और फिर उसे अपने साथी नागरिकों के बीच लोकप्रिय बनाया। बुच का कहना है कि, वे बे एरिया में सड़कों और खाली मैदानों में इन बच्चों को खेलते देखेंगे जैसा कि वह कभी खुद किया करते थे।
थिरुनावुक्कूरासू का कहना है कि, उनकी अकादमी के पुराने खिलाडि़यों को डलास में खेलने की जगह और वक्त दोनों मिल पाए जैसा कि वे हमेशा से चाहते थे। उनका कहना है कि, अब वे अपने सपने को पूरा कर रहे हैं।
इस आलेख को स्वतंत्र लेखक टिम नेविल ने लिखा है।
आलेख सौजन्य: शेयरअमेरिका
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