उच्च शिक्षा की यात्रा के लिए जब विद्यार्थी खुद को तैयार करता है तब उसके सामने सबसे बड़ा सवाल ऐसे विषय का चुनाव करना होता है जो उसे कुछ नया करने की प्रेरणा दे और उसमें उसे आत्मावलोकन और एक आनंददायी प्रक्रिया की शुरुआत का अनुभव हो सके।
अप्रैल 2022
अपने प्रमुख विषय यानी मेजर का चुनाव करते वक्त विद्यार्थी एजुकेशनयूएसए के सलाहकार से परामर्श ले सकते हैं। फोटोग्राफः साभार एजुकेशनयूएसए
अध्ययन के लिए विषय का चुनाव एक अपरिहार्य प्रक्रिया है। अक्सर, विद्यार्थी खुद से सवाल पूछते हैं और खुद ही उसके जवाब खोजने की कोशिश करते हैं। जैसे कि, हमारी दिलचस्पी किस विषय में है, अपने चार साल के पाठ्यक्रम में क्या पढ़ना ठीक होगा और कोई खास विषय को चुना तो उसमें कॅरियर विकल्प क्या होंगे? अगर आपकी दिलचस्पी ड्राइंग या थिएटर में है तो निश्चित रूप से आप आर्ट या ड्रामा को अपने मुख्य विषय के रूप में चुनेंगे। अगर आपकी दिलचस्पी कानून या मेडिसिन की पढ़ाई में है तो आप एक ऐसा विषय चुनेंगे जो आपको किसी लॉ स्कूल या मेडिकल स्कूल में दाखिला दिला सके।
हालांकि अधिकांश कॉलेज आपसे आवेदन फॉर्म में ही विषय चुनने के लिए कहेंगे, लेकिन आपके पास यह विकल्प होता है कि आप उसमें किसी विषय को चुनने की घोषणा न करें। बहुत स्वाभाविक है कि आप अपने पहले और दूसरे वर्ष में भी विभिन्न विषयों की पड़ताल करें और आम पाठ्यक्रमों का ही चुनाव करें। इससे विद्यार्थी को कई तरह के विषयों से परिचित होने का मौका मिलता है और अपना प्रमुख विषय या मेजर चुनने में मदद मिलती है। यह कुछ मायने नहीं रखता कि आप फैसला लेने में कितने निश्चित या अनिश्चित हैं, ध्यान रखें कि आप तुरंत फैसला लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। जब आप अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी पहुंचते हैं तो आप अपने प्रमुख विषय में बदलाव के लिए अपने किसी सलाहकार से बात कर सकते हैं।
जैसे ही आप अपनी पड़ताल शुरू करें, अध्ययन के लिए अमेरिका आने से पहले ही एजुकेशन यूएसए के केंद्रों पर उपलब्ध सलाहकारों से बात करें और साथ ही अपना प्रमुख विषय चुनने से पूर्व विश्वविद्यालय के एकेडमिक एडवाइज़र से भी बात करें। आप अंत में जिस विषय का भी चुनाव करें, आम सलाह यही है कि अपने विषय से प्रेम करें।
प्रस्तुत हैं एजुकेशन यूएसए एडवाइज़र आस्था विर्क सिंह से मेजर यानी प्रमुख विषय के चुनाव पर किए गए इंटरव्यू के मुख्य अंश:
विद्यार्थियों को अपने मुख्य विषय या मेजर का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस प्रक्रिया में सबसे बड़े कारक क्या होते हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए?
हम शुरू करते हैं सबसे पहले यह समझने से कि प्रमुख विषय यानी मेजर है क्या? कॉलेज में आपका प्रमुख विषय वह विषय क्षेत्र है जो आपके पाठ्यक्रम का अधिकांश हिस्सा है और उसमें आपको गहन जानकारी को विकसित करने की जरूरत है। यह वह विषय क्षेत्र होता है जिसे आपने आवश्यक पाठ्यक्रम की पढ़ाई को पूरा करने के बाद विशेष अध्ययन के लिए चुना है। अधिकतर विद्यार्थी अपने चार साल के अध्ययन काल के पहले और दूसरे साल में सामान्य विषयों की शिक्षा ग्रहण करते हैं ताकि उन्हें शिक्षा के बारे में एक समग्र दृष्टि मिल सके और वे बेहतर वैश्विक समझ को विकसित कर सकें।
कुछ विद्यार्थी प्रमुख विषय यानी मेजर के साथ माइनर विषय का चुनाव कर सकते हैं। माइनर उस पाठ्यक्रम को कहते है जिसमें आप दूसरे विषय क्षेत्र की पड़ताल करते हैं लेकिन उतनी गहराई से नहीं जितना मेजर यानी प्रमुख विषय में करते हैं। माइनर से आपको अपने प्रमुख विषय में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, अगर पब्लिक रिलेशंस आपका प्रमुख विषय हो और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन या भाषा आपके माइनर सबजेक्ट हों। कुछ संस्थानों में दो-दो प्रमुख विषय लेने की अनुमति होती है और आप दोनों विषयों में डिग्री ले सकते हैं लेकिन इससे आपके ऊपर भार बहुत बढ़ जाता है, शायद यह सबके लिए संभव भी नहीं है।
जब आपको मेजर यानी प्रमुख विषय चुनना हो तो आप अपने आप से ये सवाल पूछेंः
आप किस तरह के जीवन की परिकल्पना करते हैं?
आप खुद को कहां काम करते हुए देखना चाहते हैं?
आपकी योग्यता (किस चीज को आप बेहतर कर सकते हैं), आपकी अभिरुचि (आप क्या करना चाहते हैं) और आपका व्यक्तित्व (आप कौन हैं और आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है) जैसे सवालों के आकलन से आपको इस बात का अंदाजा लगाने में सहायता मिलेगी कि आप किन विषयों को बेहतर समझते हैं और किस तरह का कॅरियर आपके लिए बेहतर रहेगा।
क्या तुरंत अपने प्रमुख विषय यानी मेजर का चुनाव करना ठीक नहीं होता और क्या पहला और दूसरा वर्ष अपनी अभिरुचियों की पहचान करने में लगाना चाहिए?
इसमें कोई बुराई नहीं है कि आपको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि आप क्या पढ़ना चाहते हैं और आप कॅरियर के लिहाज से किस दिशा में बढ़ना चाहते हैं। जो ठीक नहीं है वह यह है कि कई बार विद्यार्थी ऐसे फैसलों को लेने से पहले उन महत्वपूर्ण सूचनाओं को हासिल नहीं कर पाते और जरूरी पड़ताल नहीं कर पाते जिनसे उन्हें मदद मिलती।
कई विद्यार्थी हाईस्कूल के बाद विषयों के चुनाव को लेकर बहुत दबाव महसूस करते हैं और जल्दबाजी में फैसले ले लेते हैं। सवाल पूछ कर अपने भविष्य में निवेश कीजिए, संभव है कि आपने अभी भी किसी एक प्रमुख विषय के बारे में न सोचा हो, लेकिन इससे आप ऐसी सूचनाओं से सज्जित होंगे जिससे आपको सही विषय के चुनाव में मदद जरूर मिलेगी। बहुत से विद्यार्थी अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आवेदन देते समय अनिर्णय की स्थिति में होते हैं और वे अपने विषय के चुनाव का फैसला एक साल बाद करते हैं। अमेरिकी उच्च शिक्षा, अपनी तमाम उपयोगिताओं और फायदों के साथ इस तरह से नियोजित की गई है जो अन्वेषण और आत्मनिरीक्षण को बढ़ावा देती है।
भारतीय विद्यार्थियों में सबसे लोकप्रिय प्रमुख विषय या मेजर कौनसे हैं?
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन द्वारा प्रकाशित ओपन डोर्स रिपोर्ट 2021 के अनुसार, निम्न कुछ ऐसे विषय क्षेत्र हैं जो अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं:
* इंजीनियरिंग
* गणित और कंप्यूटर साइंस
* बिजनेस और मैनेजमेंट
* सामाजिक विज्ञान
* फिजिकल और लाइफ साइंसेज़
* फाइन और अप्लाइड आर्ट्स
* स्वास्थ्य क्षेत्र
* संचार और पत्रकारिता
* शिक्षा
( यह आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का है। अमेरिका में कुल अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में 18 प्रतिशत भारतीय हैं। )
प्रमुख विषय यानी मेजर का चुनाव करते समय विद्यार्थियों को किन चीजों से बचना चाहिए?
प्रमुख विषय या मेजर का चुनाव अपरिहार्य रूप से एक महत्वपूर्ण और अक्सर चुनौतीपूर्ण निर्णय होता है। जब आप विषय चुनने की प्रक्रिया को शुरू करें तो कुछ आशंकित बाधाओं का ध्यान रखें-
* दूरदर्शी सोच का न होना और सिर्फ वेतन या आय के बारे में सोचना।
* साथियों या बड़ों के दबाव के आगे झुकना।
* किसी अन्य के प्रभाव में आना या उसे अपने बारे में फैसला करने देना।
* बिना किसी पड़ताल और अनुभव के चुनाव करना।
* सिर्फ नतीजों के बारे में सोचना, पड़ावों और यात्रा के बारे में न सोचना।
* प्रमुख विषय के बारे में मुगालते पालना।
अमेरिका में प्रवेश से पहले या एक बार जब वे अमेरिका पहुंच गए तो विद्यार्थियों को अपना प्रमुख विषय या मेजर चुनते समय किससे सलाह लेनी चाहिए?
आप इस प्रक्रिया को आत्मचिंतन, या अपने मेंटर की मदद, स्कूल काउंसलरों की सलाह, शिक्षकों और अभिभावकों की सहायता से शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, आप एक ऐसे पेशेवर की मदद भी ले सकते हैं जो साइकोमेट्रिक परीक्षण के जरिए आपकी योग्यता, अभिरुचियों और व्यक्तित्व का आकलन करके कॅरियर विकल्पों के बारे में मार्गदर्शन करने का काम करते हैं।
यहां यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि सिर्फ ऑनलाइन या इन-पर्सन टेस्ट देना ही काफी नहीं है, आपको इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए इसके नतीजों पर किसी पेशेवर के विश्लेषण और सलाह की भी ज़रूरत होती है। बहुत-से विद्यार्थी और परिवार गलती से यह उम्मीद पाल लेते हैं कि कोई पेशवर उन्हें झट से तीन शीर्ष कॅरियर विकल्पों के बारे में बता देगा। बजाय ऐसा सोचने के, बेहतर तो यह होगा कि ऐसी उम्मीद लगाई जाए कि पेशेवर, शीर्ष कॅरियर विकल्पों के बारे में अपनी राय सामने रखें और उनमें से आगे सलाह और छानबीन करके अंतिम निर्णय आपको लेना चाहिए।
अपनी अभिरुचियों और योग्यता के बारे में अधिक जानने के कुछ और तरीके भी हैं जिसमें वॉलंटियर या इंटर्नशिप के जरिए मिले मूल्यवान अनुभव शामिल है। इससे आपको वास्तविकता में कार्य कैसे होता है, इसकी एक झलक तो मिल ही जाएगी, साथ ही इससे आपको अपने कौशल को मांजने और किसी कारोबार या सेवा के संचलन की समझ भी मिल सकेगी।
सोचसमझ कर कॅरियर निर्णय के लिए जरूरी होता है कि आपको भरोसेमद सूचनाओं के साथ भविष्य में अवसरों की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी मिल पाए। कॅरियर और ज़ॉब मार्केट के ट्रेंड को समझना भी महत्वपूर्ण होता है। बहुत-से विषयों की दूसरे क्षेत्रों में भी उपादेयता होती है। उदाहरण के लिए, अगर आप हेल्थ साइंस के क्षेत्र को देखें तो इसमें कोई डॉक्टर बन सकता है, कोई अस्पताल का प्रबंधन देख सकता है, कोई हेल्थ राइटर या पत्रकार बन सकता है, कोई डेटा एनेलिस्ट, कोई टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट या कोई हेल्थ लीगल एक्सपर्ट या तमाम दूसरे काम संभाल सकता है। भविष्य में काम और रोजगार को समझने के लिए जॉब्स और बाजार के ट्रेंड को समझना महत्वपूर्ण है।
यहां प्रमुख विषयों, कॅरियर और रोजगार के अवसरों के बारे में सूचनाओं को एकत्र करने की शुरुआत के लिए कुछ स्थानों का उल्लेख है- अमेरिकी उच्च शिक्षा के बारे में आधिकारिक स्रोत एजुकेशनयूएसए है। एजुकशनयूएसए के एडवाइज़र छात्रों को दाखिले और प्रवेश प्रक्रिया के बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराते हैं और वे अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रमुख विषयों और पाठ्यक्रमों के बारे में सलाह दे सकते हैं।
* अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध सहायता सेवाएं जैसे कि कॅरियर सेवाएं और इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफिस आदि।
* स्कूल काउंसलर्स, प्लेसमेंट ऑफिसर्स, कॅरियर काउंसलर्स जिन्होंने कॅरियर काउंसलिंग और विद्यार्थियों को कॉलेजों और कॅरियर संबंधी फैसले लेने में मदद के लिए सलाहकार सेवाओं में विशेषज्ञता हासिल कर रखी हो।
* लाइब्रेरी और करियर गाइडेंस सेंटर्स जहां से कॉलेजों और रोजगार के अवसरों के बारे में लाभदायक जानकारियां मिल सकती हैं।
* विश्वविद्यालयों की वेबसाइटें जहां से पाठ्यक्रम संबंधी जरूरतों और कॉलेजों में कक्षाओं के बारे में समझ हासिल की जा सकती है।
* निजी संपर्कों के साथ नेटवर्किंग और किसी ऐसे व्यक्ति के साथ संपर्क कराना जो किसी खास कॅरियर और कंपनियों के बारे में आपके प्रश्नों का जवाब दे सके।
उन विद्यार्थियों के लिए आपके पास क्या सलाह है जो अपने प्रमुख विषय या मेजर को चुनने की प्रक्रिया को शुरू कर रहे हैं?
प्रमुख विषय या मेजर का चुनाव करना एक बोझिल अनुभव हो सकता है क्योंकि चुनाव के लिए ढेर सारे विषय उपलब्ध होते हैं। स्वाभाविक है कि विद्यार्थियों की दिलचस्पी कई सारे विषयों में हो सकती है और उसमें से किसी एक का चुनाव कठिन हो सकता है। यहां दिमाग में यह रखना महत्वपूर्ण होता है कि विद्यार्थी हमेशा अपने प्रमुख विषय से मेल खाते माइनर विषय क्षेत्र और अपनी दिलचस्पी वाले ऐच्छिक विषयों का चुनाव भी कर सकते हैं ताकि वे अपने चुने हुए विषय क्षेत्र का और विस्तार कर सकें।
प्री डिपार्चर स्टेज और किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन काल के दौरान कई तरह के संसाधन उपलब्ध होते रहते हैं। विद्यार्थियों को अपने प्रमुख विषय को चुनने की प्रक्रिया में इन तमाम संसाधनों और सलाहकारों की मदद लेकर उनका फायदा उठाना चाहिए। प्रमुख विषय या मेजर का चुनाव विद्यार्थियों के लिए एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है लेकिन यह तनावपूर्ण नहीं होनी चाहिए। यह अन्वेषण और आत्मचिंतन का एक शानदार मौका होने का साथ आनंद उठाने का भी एक बेहतरीन अवसर है।
नतासा मिलास स्वतंत्र लेखिका हैं। वह न्यू यॉर्क सिटी में रहती हैं।
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