श्रेया दवे अपनी नई तकनीक के ज़रिये खाद्य एवं पेय पदार्थ उद्योग में रसायनों को अलग करने पर खर्च ऊर्जा में 90 प्रतिशत की कमी ला सकती हैं।
जून 2019
एमआईटी इनोवेटर्स अंडर 35 सम्मान हासिल करने वाली श्रेया दवे अपनी फिल्टरीकरण तकनीक के बारे में बताती हुईं। फोटोग्राफ: साभार श्रेया दवे
खाद्य उत्पादों, पेय पदार्थों, औषधियों और अन्य उद्योगों के लिए के लिए औद्योगिक प्रक्रिया के दौरान रसायनों को अलग करने में बड़ी मात्रा में ऊर्जा खर्च होती है। मेसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी की विद्याथी रहीं श्रेया दवे द्वारा अपने पीएच.डी. शोध के दौरान विकसित नई फिल्टरीकरण तकनीक का इरादा इस ऊर्जा खपत को 90 प्रतिशत तक कम करना है।
मेसाच्यूसेट्स से संचालित स्टार्ट-अप वाया सेपरेशंस की सहसंस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रेया दवे से इंटरव्यू के मुख्य अंश:
विज्ञान, विशेषकर जलवायु परिवर्तन, के क्षेत्र में आपकी दिलचस्पी कैसे जाग्रत हुई?
मैं भाग्यशाली रही कि बड़ी होती समय मुझे बेहतरीन विज्ञान शिक्षक श्रीमान ग्रिफिन का साथ मिला। उन्होंने सदाजीविता और जलवायु परिवर्तन के सदर्भ में मेरे लिए एक तरह से दुनिया को बिल्कुल बदल दिया और यह सब ‘‘एन इनकन्विनिएंट ट्रूथ’’ और अन्य शैक्षिक संसाधनों की उपलब्धता से पहले हुआ। मेरे माता-पिता ने भी मुझे अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने को प्रोत्साहित किया। मुझे हाई स्कूल के दौरान हर ह़फ्ते हमेशा जलवायु परिवर्तन का उल्लेख करने वाले विज्ञान लेख की खोज करना याद है। हमने निश्चित तौर पर तब से काफी रास्ता तय कर लिया है।
आपने वाया न्यूफिल्टरेशन प्लेटफ़ार्म की खोज कैसे की, जिसने आखिर में वाया सेपरेशंस की राह प्रशस्त की?
जब मैं एमआईटी में ग्रेजुएट विद्यार्थी थी, तो हम पानी के विलवणीकरण यानी पानी से नमक को अलग करने के लिए मेंबे्रन विकसित करने पर काम कर रहे थे, जिससे कि ताज़ा पानी मिल सके। हमने इस दौरान ग्राफीन ऑक्साइड नामक पदार्थ के साथ प्रयोग किए। यह वास्तव में बड़ा मूल्यवान शोध अनुभव था जिसने मुझे पदार्थ विज्ञान के बारे में बहुत कुछ सिखाया। लेकिन इस पदार्थ की कीमत अपेक्षाकृत ज्यादा थी और बहुत-सी बाहरी बाज़ार ताकतों के कारण इससे पानी की कीमत में परिवर्तन नहीं होने वाला था।
बाद में, मैंने एक शोध पत्रिका में रासायनिक पृथक्कीकरण के बारे में एक लेख देखा और जाना कि किस तरह से अमेरिका में ऊर्जा खपत का 12 प्रतिशत तापीय पृथक्कीकरण जैसी आसवन विधि पर खर्च होता है। इसने मुझे फिर से अपने ग्राफीन ऑक्साइड के आइडिया से जोड़ दिया जिस पर हम शोध कर रहे थे और फिल्टरीकरण प्रक्रिया की जगह पर अब अलग तरह की औद्योगिक स्तर वाली प्रक्रिया पर विचार किया गया। कई अलग-अलग ग्राहकों से बात करने पर हमने निष्कर्ष निकाला कि हमारे ग्राफीन ऑक्साइड फिल्टर का बड़ा प्रभाव हो सकता है और संभवत: यह तापीय पृथक्कीकरण में खर्च होने वाली 90 प्रतिशत ऊर्जा की ज़रूरत खत्म कर सकता है।
क्या आप संक्षिप्त में यह स्पष्ट कर सकती हैं कि वाया न्यूफिल्टरेशन प्लेटफ़ार्म किस तरह से काम करता है?
अधिसंख्या रासायनिक पृथक्कीकरण तापीय विधि से किए जाते हैं। यहां इसकी तुलना पास्ता वाले बर्तन से सारे पानी को उबाल कर अलग करने से कर सकते हैं। इसके बजाय छानना ज्यादा सक्षम तरीका है और इससे समय और ऊर्जा की भी बचत होती है।
फोटोग्राफ: साभार श्रेया दवे
हमारा ध्यान आवश्यक तौर पर रासायनिक पृथक्कीकरण के लिए नए तरीके की छलनी बनाने हेतु मेंब्रेन और पदार्थ विकसित करने पर था। पहले इस्तेमाल की जाती रही सिरेमिक मेंब्रेन एक आकार तक के ही अणुओं और यौगिकों को अलग-अलग कर सकती हैं।
वाया न्यूफिल्टरेशन प्लेटफ़ार्म नैनोस्केल मॉलिक्यूलर फिल्टरेशन के लिए नए पदार्थ ग्राफीन ऑक्साइड का इस्तेमाल करता है।
आपने खाद्य एवं पेय पदार्थ उद्योग पर ध्यान देने का फैसला क्यों किया?
खाद्य एवं पेय पदार्थ उद्योग कई कारणों से हमारे लिए विशिष्ट था। पहली बात यह है कि यह बहुत ही नवप्रवर्तित किस्म का है और यदि लाभ हो तो नई तकनीकों को तेज़ी से अपनाता है। दूसरी बात यह है कि इस उद्योग को मेंब्रेन और फिल्टर के बारे में वाकई समझ है।
यदि ग्राहक को तकनीक के बारे में समझाना न पड़े तो हमारे लिए यह बहुत समय की बचत करता है। किसी स्टार्ट-अप कंपनी के लिए यह बहुत ही लुभावना बाज़ार है, क्योंकि खाद्य पदार्थ महत्वपूर्ण वैश्विक संसाधन हैं।
क्या आप प्रोटोटाइप बनाने या वास्तविक परीक्षण के मोर्चे पर प्रगति के बारे में ताज़ा जानकारी दे सकती हैं?
हम तकनीक को ज्यादा उत्पादन के योग्य बनाने में सफल रहे हैं और हमने पायलट उत्पाद प्रस्तुत कर दिया है, जो बहुत दिलचस्प है। इस वक्त हम विज्ञान से जुड़े लगभग सभी सवालों के जवाब दे पाए हैं। अब मसला इंजीनियरिंग पक्ष पर ध्यान देने का है और उसके बाद आगे की चीज़ों पर अमल।
भविष्य में आप किन और उद्योगों में वाया सेपरेशंस को आजमाना चाहेंगीं?
हमारे प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाले कुछ उत्पादों, जैसे रबर और प्लास्टिक बैग के उत्पादन में खपत होने वाली ऊर्जा की मात्रा बेहद कम की जा सकती है। इसका अर्थ है ऊर्जा उपभोग में कमी या उत्पादन में बढ़ोतरी। पेट्रोरसायन क्षेत्र में इसका अच्छा इस्तेमाल हो सकता है। कुछ ऐसी महत्वपूर्ण गैस पृथक्कीकरण प्रक्रियाएं हैं जिन पर भी हम किसी दिन काम करना चाहेंगे।
जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं। वह सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।
टिप्पणियाँ