महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए यू.एस.-इंडिया अलायंस ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित महिला कामगारों और उद्यमियों की आर्थिक स्थिति को उबारने में मदद की है।
मार्च 2022
यूएस-इंडिया एलायंस फॉर वुमेन्स इकोनॉमिक एमपॉवरमेंट ने सीमा जैसी लघु उद्यमियों की मदद की है। एलायंस की शुरुआती पहलों में से एक वुमेन@वर्क की मदद से उनकी जनधन बैंक खाते तक पहुंच संभव हो पाई और वह लचीले वित्तीय विकल्पों की जानकारी हासिल कर सकीं।
कोविड-19 की वैश्विक महामारी ने महिलाओं के साथ पहले से मौजूद असमानताओं जैसे कि, आय के अस्थिर साधन, खत्म होती बचत और कर्ज एवं सामाजिक सुरक्षा के संसाधनों तक पहुंच के अभाव को और गहरा कर दिया है। दुनिया भर में महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे 73 प्रतिशत व्यवसायों पर महामारी का बहुत बुरा असर पड़ा है जबकि, करीब 20 प्रतिशत ऐसे कारोबार हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। जैसे-जैसे देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खोल रहे हैं, महिलाओं के साथ सामाजिक-आर्थिक असमानताएं और बदतर नजर आ रही हैं। वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में कठिनाई के कारण अवैतनिक देखभाल और घरेलू काम के बीच संतुलन बिगड़ने के दबाव के कारण महिलाएं कम रोजगार और वित्तीय व्यवधानों के हालात का सामान कर रही हैं। जब तक महिला कामगारों को सशक्त और संरक्षित करने के लिए उपाय नहीं किए जाएंगे, तब तक अर्थव्यवस्थाओं को मुसीबतों का सामना करते रहना पड़ेगा।
भारत में, लैंगिक समानता को हासिल कर पाने का गहरा आर्थिक असर देखने को मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि कार्यबल में महिलाओं की समान भागीदारी से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 27 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। पूरे भारत में महिलाओं की आर्थिक उन्नति और समावेश के लिए यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट, अमेरिका भारत रणनीतिक सहभागी फोरम और जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने मिलकर यूएस-इंडिया एलायंस फॉर वुमेन्स इकोनॉमिक एमपॉवरमेंट (एलायंस) को शुरू किया है। विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई ब्यूरो के असिस्टेंट सेक्रेटरी डोनॉल्ड लू और महिलाओं के वैश्विक मसलों को देखने वाले सेक्रेटरी कार्यालय की वरिष्ठ अधिकारी कैट फोटोवैट के अलावा, यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट में कार्यवाहक डिप्टी असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटर एशिया, क्रेग हार्ट और यूएसआईएसपीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश अघी इसमें सह-अध्यक्ष की भूमिका में हैं।
कोविड-19 महामारी से हुए गहरे नुकसान और विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए यूएसएड के छोटे कारोबारी लाभार्थियों की मुश्किलों की दास्तां को जानने के बाद 29 मार्च को, वरिष्ठ अधिकारी फोटोवैट, भारत में अलायंस की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में खुद उपस्थित हुईं। टीवी-18 के लिए सीएनबीसी ब्यूरो चीफ परीक्षित लूथरा के साथ एक परिचर्चा में फोटोवैट ने महिला आर्थिक सुरक्षा के विकास को लेकर लंबे समय से चली आ रही अमेरिकी प्रतिबद्धता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब महिलाओं की आवाज़, विशेषज्ञता और योगदान को बोर्डरूम, बाजार, घर और समाज में पहचान मिलती है, तब कारोबार में बढ़ोतरी होती है, सहभागिताएं जन्म लेती हैं, अभिनव समाधान नजर आते हैं जिससे अर्थव्यवस्थाएं फलती-फूलती हैं और महिलाएं संपन्न बनती हैं।’’ बाद में, भारत की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने ऐसी महिला केंद्रित पहलों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया जिनकी वजह से कई महिलाओं के जीवन में बदलाव संभव हो सका। उन्होंने कहा, ‘‘यह वक्त धुरी में बदलाव का है।’’ उन्होंने अपने मुख्य भाषण में कहा, ‘‘अब वक्त, महिलाओं को मालिकों और तकनीक के मुखिया के रूप में देखने का है।’’
इस कार्यक्रम में गूगल इंडिया के कंट्री हेड और वाइस प्रेसिडेंट संजय गुप्ता ने घोषणा की, ‘‘गूगल वुमेनविल के साथ इस उद्यमिता यात्रा में 10 लाख महिलाओं की सहायता करने और अलायंस के इंडिया मिलियन वुमेन इनीशिएटिव के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। भारत में 2015 से, गूगल ने इंटरनेट साथी कार्यक्रम के साथ अधिक से अधिक महिलाओं को ऑनलाइन लाने की अपनी यात्रा शुरू की है जिसके तहत प्राथमिक डिजिटल साक्ष्ररता के लिहाज से 3 लाख गांवों की करीब 3 करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।’’
अलांयस को सबसे पहले शुरू करने की घोषणा यूएसएड के एडमिनिस्ट्रेटर सामंथा पॉवर ने अक्टूबर 2021 में यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) की वर्चुअल सालाना लीडरशिप समिट के दौरान की।
एडमिनिस्ट्रेटर पॉवर ने अलायंस की शुरुआती पहलों में से एक वुमेनएटवर्क की घोषणा की। अलायंस के सदस्य संहिता-कलेक्टिव गुड फाउंडेशन (संहिता सीजीएफ) के नेतृत्व में वुमेनएटवर्क भारत में विभिन्न कंपनियों, परोपकारी संगठनों और अलाभकारी संगठनों का ऐसा गठजोड़ है जो अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत महिला कामगारों और छोटी महिला उद्यमियों की आर्थिक बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। यूएसएड से संबद्ध, द रिवाइव एलायंस, जिसकी अगुवाई संहिता-सीजीएफ द्वारा की जाती है, वुमेनएटवर्क के विभिन्न आयामों में मदद करती है।
सीमा जैसी महिला उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, ‘‘लॉकडाउन के कारण कारोबार ठप हो गया था, लिहाजा हमने इसे पूरी तरह से बंद कर देने का फैसला कर लिया। मेरे ऊपर चढ़ा कारोबारी कर्ज दोगुना हो चुका था और मैं इसे चुका पाने में सक्षम नहीं थी।’’ वह बताती हैं कि वुमेनएटवर्क की मदद से मैंने एक जनधन खाता खोला। मैंने वित्तीय मदद हासिल करने के आसान विकल्पों को सीखा और इस पहल के माध्यम से उद्यमिता विकास सहायता हासिल की। बाद में, मैंने चॉल में अपने नेटवर्क का फायदा उठाया और महसूस किया कि थोक के मुकाबले खुदरा क्षेत्र में पैसा बनाने की अधिक गुंजाइश है।’’
भविष्य को देखते हुए, अलायंस की कोशिश महिला स्वामित्व वाले उद्यमों में निवेश में तेजी लाने, भारत में हरित विकास में महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन देने और तमाम दूसरी प्राथमिकताओं के साथ स्टेम कॅरियर क्षेत्र में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने का है।
जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं और सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।
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