कम खर्च में उच्च शिक्षा

सही योजना और शोध के साथ, विद्यार्थी अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए तमाम तरह की वित्तीय मदद तक पहुंच बना सकते हैं।

नतासा ‌मिलास

अप्रैल 2023

कम खर्च में उच्च शिक्षा

अमेरिकी शिक्षा संस्‍थानों में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए वित्तीय मदद के कई विकल्प उपलब्‍ध हैं। (ग्राफिक्सः गेटी इमेजेज)

अमेरिका पूरी दुनिया के विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा के लिए पसंदीदा जगह है। ओपन डोर्स रिपोर्ट 2022 के अनुसार, वर्ष 2021-22 शैक्षणिक वर्ष में लगभग 200,000 भारतीय विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका का चुनाव किया। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और शोध की सुविधा तो है ही, साथ ही उनके परिसरों में विविध संस्कृतियों के रंग भी देखने को मिलते हैं। अमेरिकी उच्च शिक्षा महंगी भी हो सकती है। सौभाग्य की बात है कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए वित्तीय सहायता के बहुत-से विकल्प मौजूद हैं।

संसाधनों की पहचान

संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट पर शिक्षण शुल्क और अतिरिक्त खर्चों का पूरा ब्यौरा रहता है। इसलिए खर्च का बजट बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि अध्ययन की अवधि में शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी हो सकती है। एजुकेशनयूएसए के परामर्श केंद्र वित्तीय सहायता से संबंधित जानकारी की तलाश के तरीकों के बारे में बहुत मददगार होते हैं। ये सलाहकार विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर सकते हैं कि वे  वित्तीय सहायता के आवेदक विद्यार्थियों की प्रतिस्पर्धी भीड़ में कैसे अलग दिखें। इसके अलावा, वे वित्तीय सहायता के अवसरों के बारे में ताजातरीन जानकारियों को भी साझा कर सकते हैं।

कई तरह की वित्तीय सहायताएं  

वित्तीय सहायता मेरिट और जरूरत आधारित, दोनों ही तरह की हो सकती है। मेरिट आधारित स्कॉलरशिप विद्यार्थियों को उनके एकेडमिक प्रदर्शन के आधार पर दी जाती हैं। ज़रूरत आधारित सहायता प्राथमिक तौर पर विद्यार्थियों की ज़रूरत को देखते हुए अनुदान, स्कॉलरशिप,  वर्क-स्टडी पोजीशन या कर्ज के रूप में दी जाती हैं। इन स्कॉलरशिप में संपूर्ण पैकेज (शिक्षण और रिहाइश का खर्च) या फिर सिर्फ शिक्षण या आंशिक शिक्षण शुल्क शामिल हो सकता है।

उदाहरण के लिए, यूनिवर्सिटी ऑफ़ सदर्न कैलिफोर्निया (यूएससी) अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता की दृष्टि से मेरिट आधारित स्कॉलरशिप के अलावा परिसर में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है। विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी जरूरत- आधारित वित्तीय सहायता के पात्र नहीं होते।

यूएससी में प्रेसिडेंट, इंटरनेशनल कम्युनिकेशंस और मार्केटिंग के वरिष्ठ सलाहकार ग्लेन के. ओसाकी के अनुसार, ‘‘ट्रस्टी (पूर्ण शिक्षण शुल्क) और प्रेसिडेंशियल (आधा शिक्षण शुल्क) शीर्ष स्कॉलरशिप हैं। इन स्कॉलरशिप और कुछ दूसरी वित्तीय सहायताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के नामों पर विचार किया जा सकता है, अगर वे उनके लिए निर्धारित अहर्ता रखते हैं।’’

लॉस एंजिलीस में स्थित यूएससी उन शैक्षिक संस्थानों में एक है जहां अमेरिका गए भारतीय विद्यार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा है। यूएससी से वित्तीय सहायता पाने वाले भारतीय विद्यार्थियों में आन्या अग्रवाल और रुद्र सैगल भी शामिल हैं।

Rudra Saigal (from left), Aanya Agarwal and Revanth Ashok received financial assistance to study in the United States. (Photographs courtesy Rudra Saigal, Aanya Agarwal and Revanth Ashok)

रुद्र सैगल (बाएं से), आन्या अग्रवाल और रेवांत अशोक को अमेरिका में अध्ययन के लिए वित्तीय मदद हासिल हुई।
(फोटोग्राफ साभारः रुद्र सैगल, आन्या अग्रवाल और रेवांत अशोक )

नई दिल्ली से आने वाली अग्रवाल, कॉग्निटिव साइंस और नैरेटिव स्टडीज़ विषय में दोहरी डिग्री के लिए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। उन्हें लीडरशिप स्कॉलरशिप मिली हुई है और वह मनोविज्ञान विभाग में फ्रंट डेस्क पर काम करती हैं।  द्वितीय वर्ष में पढ़ रहे सैगल, इंदौर से आते हैं और उन्हें प्रेसिडेंशियल स्कॉलरशिप मिली हुई है। वह राजनीति विज्ञान को मेजर विषय लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। सैगल का चुनाव अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट गवर्नमेंट में सीनेट के सदस्य के रूप में हुआ है और इस भूमिका के लिए उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जाता है।  यूएससी और किसी भी दूसरे अमेरिकी विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी कैंपस में अपनी स्कॉलरशिप के पूरक के रूप में और अपनी पढ़ाई के खर्चों में मदद की दृष्टि से 20 घंटे तक कार्य कर सकते हैं।

ओसाकी के अनुसार, ‘‘अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए सभी ऑन-कैंपस रोजगार उपलब्ध होते हैं, इनमें यूएससी के बुक स्टोर, लाइब्रेरी, तकनीकी सहायता, ऑन-कैंपस हाउसिंग, फिटनेस सेंटर और यहां तक कि एथलेटिक डिपार्टमेंट और दूसरे विद्यार्थी समूहों के लिए ट्यूशन भी शामिल हैं।’’

मेसाच्यूसेट्स के लिबरल आर्ट्स संस्थान एमहर्स्ट कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को उनकी ज़रूरत के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाती है। यहां दाखिला प्राप्त अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को पूर्ण वित्तीय सहायता का पैकेज मिलता है। एमहर्स्ट कॉलेज में एसोसिएट डीन ऑफ एडमिशन एंड को-ऑर्डिनेटर ऑफ इंटरनेश्नल रिक्रूटमेंट शियाओफेंग वान के अनुसार, ‘‘एक बार जब दाखिला हो गया, तो एमहर्स्ट कॉलेज सभी 100 फीसदी दाखिला प्राप्त विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। यह सहायता उनके खर्च के आकलन के आधार पर तय की जाती है और इसमें कर्ज नहीं शामिल होता।’’ वह बताते हैं, ‘‘साल 2022-23 शिक्षण वर्ष में 79 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को ज़रूरत आधारित सहायता उपलब्ध कराई गई, जिसमें औसतन 76,739 डॉलर की सहायता दी गई।’’

ग्रेजुएट स्कॉलरशिप 

अमेरिकी विश्वविद्यालय ग्रेजएुट अध्ययन करने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को भी वित्तीय सहायता देते हैं। उदाहरण के लिए, पेन स्टेट लॉज़ जूरिज़ डॉक्टर प्रोग्राम के सभी आवेदकों को अपनेआप ही स्कॉलरशिप के लिए पात्र माना जाता है और यह सहायता पूर्ण शिक्षण शुल्क तक जा सकती है। अगर विद्यार्थी लगातार शैक्षिक रूप से अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो दूसरे और तीसरे साल में स्कॉलरशिप का नवीकरण हो जाता है।

पेन स्टेट लॉ से कॉरपोरेट लॉ एंड प्रैक्टिस में स्पेशलाइजेशन के साथ एलएलएम की डिग्री लेने वाले रेवांत अशोक, भावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप की उपलब्धता के लिए विश्वविद्यालय से जानकारी लेने की सलाह देते हैं। अशोक का कहना है, ‘‘सभी लॉ कॉलेजों में स्कॉलरशिप और वित्तीय मदद के लिए आवेदन की प्रक्रिया एक जैसी नहीं है। अगर आपकी यूनिवर्सिटी और लॉ कॉलेज के ग्रेजुएट तक पहुंच है, तो उनसे बातचीत का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि उन्हें वित्तीय सहायता के आवेदन की प्रक्रिया और वित्तीय सहायता के लिए जरूरी अहर्ता का बेहतर अंदाजा होता है।’’

अन्य स्कॉलरशिप

विद्यार्थियों को अमेरिका में अध्ययन के लिए दूसरे स्रोतों से भी फंडिग मिल सकती है। अशोक के अनुसार, ‘‘साल 2019 में मुझे सोसायटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स एंड मेनन इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एडवोकेसी ट्रेनिंग से सर्वश्रेष्ठ लॉ स्टूडेंट ऑफ़ इंडिया (पुरुष) का सम्मान मिला। इसका नतीजा यह हुआ कि मुझे पेन स्टेट लॉ से एलएलएम करने का प्रस्ताव मिला और वह भी पूरे शिक्षण शुल्क (करीब 50,000 डॉलर) की माफी के साथ।’’ वह बताते हैं, ‘‘यह सम्मान वार्षिक एन.आर माधव मेनन मूट कोर्ट प्रतियोगिता के दौरान एक प्रक्रिया को पूरा करने के बाद दिया जाता है, जिसमें इंटरव्यू

एक अन्य विकल्प आगा खान फाउंडेशन इंटरनेशनल स्कॉलरशिप का है, जो हर साल भारत समेत चुनिंदा देशों के उन उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पोस्टग्रेजुएट अध्ययन के लिए  सीमित संख्या में स्कॉलरशिप उपलब्ध कराता है, जिनके पास अपनी पढ़ाई के लिए कोई दूसरा जरिया नहीं होता है। प्राथमिकता मास्टर्स स्तर की पढ़ाई को दी जाती है, लेकिन जहां उम्मीदवार के कॅरियर के लिहाज से पीएच.डी. ज़रूरी हो,  वहां उस पर भी विचार किया जाता है। शिक्षण और रिहाइश के खर्चों में मदद के लिए आधी स्कॉलरशिप को बतौर ग्रांट दिया जाता है,  जबकि बाकी की आधी को कर्ज के रूप में दिया जाता है।

इन वित्तीय सहायताओं के विकल्प के साथ, एक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी के पास अमेरिका में अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट अध्ययन के लिए ढेर सारे अवसर उपलब्ध हैं। दिमाग में ध्यान रखने की जो खास बात यह है कि विद्यार्थी अपने अध्ययन की ठोस योजना के साथ अमेरिका में अध्ययन के साथ आने वाली वित्तीय चुनौतियों और उपलब्ध अवसरों को समझे और उसकेससअनुरूप तैयारी रखे।

नतासा मिलास स्वतंत्र लेखिका हैं। वह न्यू यॉर्क सिटी में रहती हैं।   


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