अमेरिका के इंटरनेशनल डवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन की मदद से यूलू बाइक भारत में कार्बन उत्सर्जन और ट्रैफ़िक के दबाव को कम करने में सहायता कर रही है।
जुलाई 2023
यूलू बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में किफायती दरों पर कम समय के लिए किराए पर इलेक्ट्रिक बाइक प्रदान करती है। (फोटोग्राफः © PradeepGaurs / Shutterstock.com)
जरा सोचिए, कि आपने एक बाइक किराए पर ली और जाम में फंसी कारों को बिना ज्यादा पसीना बहाए पीछे छोड़ दे रहे हैं या फिर आपको आपका डिनर ऑर्डर समय से मिल पा रहा है क्योंकि डिलिवरी एक्ज़ीक्यूटिव ट्रैफिक में तेजी से अपने लिए रास्ता बनाता हुआ आप तक आपका ऑर्डर पहुंचा दे रहा है। यह सब हो रहा है बिना पसीना बहाए और यातायात से होने वाले प्रदूषण को बढ़ाए बिना। यूलू बाइक इसी काम को अंजाम दे रही है।
यूलू की स्थापना 2017 में हुई और वह बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में किफायती दरों पर कम समय के लिए किराए पर इलेक्ट्रिक बाइक प्रदान करती है। नवंबर 2022 में अमेरिकी इंटरनेशनल डवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी)ने इसे 90 लाख डॉलर कर्ज की प्रतिबद्धता जताई। डीएफसी में क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक, दक्षिण एशिया, अजय राव के अनुसार, इस कर्ज से यूलू की मदद होगी और इसके बेड़े में 20,000 बाइकों को जोड़ कर इसका विस्तार किया जाएगा।
नई बाइकें, कई भारतीय शहरों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे कम आय वाले कामगारों को अपने पैकेज डिलिवर करने में आसानी होगी। ये नई बाइकें शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद भी करेंगी।
यूलू के मुख्य वित्त अधिकारी अनुज तिवारी के अनुसार, ‘‘हमारा मानना है कि साझा आवाजाही के साधन लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर, बेहतर और सुरक्षित आवाजाही की सुविधा देकर, महिलाओं की आवाजाही और उनकी भागीदारी बढ़ाकर, ट्रैफिक का दबाव कम कर, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर और शहरी क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों में जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाकर लोगों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’’
सामाजिक और पारिस्थितिकीय असर
यूलू और डीएफसी के बीच साझेदारी तब शुरू हुई, जब तिवारी और उनके सहयोगियों ने जाना कि दोनों संगठन समान मूल्यों को साझा करते हैं। तिवारी कहते हैं, ‘‘पर्यावरण अनुकूल आवाजाही के साधनों के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए यूलू की प्रतिबद्धता, नए आवाजाही समाधानों की जरूरत को देखते हुए रोजगार पैदा करने के लिए उसके साथ तकनीक को जोड़ना, और वाहनों की सुलभ उपलब्धता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करना डीएफसी के मिशन के काफी करीब है। सेफ राइडर प्रोग्राम जैसी पहल के माध्यम से यूलू एक सकारात्मक सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए डिलिवरी कर्मियों को सड़क सुरक्षा पर शिक्षित भी कर रहा है।’’
तिवारी आगे कहते हैं, ‘‘डीएफसी से मिले ऋण से न केवल हमें अपने विस्तार के लिए जरूरी संसाधनों को लेकर गति मिली बल्कि मुनाफे की राह भी आगे बढ़ी। इससे सकारात्मक पारिस्थितिकीय और सामाजिक प्रभाव पैदा करने की हमारी क्षमता भी बढ़ती है।’’
यूलू ने भारतीय कंपनियों को साढे सात करोड़ से अधिक पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ डिलीवरी करने और 2 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बचाने में मदद की। लेकिन भविष्य को लेकर यूलू की योजनाएं और भी महत्वाकांक्षी हैं। कंपनी को उम्मीद है कि वह अपने बेड़े में 10 लाख से अधिक वाहनों को जोड़ सकेगी, दुनिया भर में प्रमुख शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकेगी और साझा इलेक्ट्रिक बाइक के क्षेत्र में वह अग्रणी स्थान हासिल कर सकेगी।
भविष्य की बात करें तो डीएफसी के राव को यूलू को लेकर काफी उम्मीदें हैं। वह कहते हैं, ‘‘हम यूलू के आगे बढ़ने, मुनाफे और नकदी प्रवाह पर नज़र रखेंगे, जबकि साथ ही हम यह भी चाहेंगे कि सड़कों पर इलेक्ट्रिक डिलीवरी बाइकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिले।’’
माइकल गलांट लेखक, संगीतकार और उद्यमी हैं और न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।
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