इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम की पूर्व प्रतिभागी प्रतिभा भारती तकनीकी विशेषज्ञ की अपनी नौकरी छोड़ सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इकोफ्रेंडली विकल्प तैयार करने में जुट गईं।
जुलाई 2023
प्रतिभा भारती (दाएं से दूसरे क्रम पर) अमेरिका में आईवीएलपी एक्सचेंज प्रोग्राम के दौरान फ़ील्ड विज़िट पर। (फोटोग्राफः वर्ल्ड केंटकी/साभार फ़्लिकर)
भारत में मौजूदा वक्त में लगभग 34 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। इस कचरे का अधिकांश हिस्सा जमीन के भराव या जलीय क्षेत्रों में डंप कर दिया जाता है। प्रतिभा भारती के हैदरबाद स्थित स्टार्ट-अप नेचर्स बायो प्लास्टिक ने प्लास्टिक का एक सरल विकल्प तैयार किया है, जिसमें गुण तो सारे प्लास्टिक के हैं लेकिन यह पर्यावरण के लिए उतना नुकसानदायक नहीं है जितना कि प्लास्टिक होता है। इसे बायो प्लास्टिक नाम दिया गया है। यह मकई या कसावा स्टार्च जैसे प्राकृतिक घटकों से तैयार होता है जो उसे प्लास्टिक जैसी दृढ़ता और मजबूती प्रदान करते हैं। बायो प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल होते हैं, ये लंबे समय तक चल सकते हैं और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। नेचर्स बायो प्लास्टिक ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करता है जिनका उपयोग रोजमर्रा के जीवन में हरित विकल्प के रूप में किया जा सकता है।
2023 में, प्रतिभा ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रतिष्ठित पेशेवर एक्सचेंज कार्यक्रम इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया। उन्होंने हरित अर्थव्यवस्था मे महिला उद्यमियों की भूमिका से संबंधित अमेरिकी कांसुलेट, हैदराबाद की कार्याशालाओं में भी हिस्सा लिया।
दृढ़ संकल्प की कहानी
उद्यमी बनने से पहले प्रतिभा एक सॉ़फ्टवेयर इंजीनियर थीं। वह बताती हैं, ‘‘मैं अपना खुद का एक व्यवसाय शुरू करना चाहती थी जो नवोन्मेषी हो और नौकरी के अवसर प्रदान करने वाला हो। बहुराष्ट्रीय कंपनियों में साढ़े तेरह साल तक काम करने के बाद मुझे लगा कि अब समय आ गया है कि मैं इसे छोड़ दूं और अपने लिए कुछ करूं।’’
प्रतिभा के अनुसार, वह अपने पिता से बहुत प्रेरित थीं, जो एक उद्यमी थे। वह कहती हैं, ‘‘मेरे पिता स्वतंत्र रूप से फैसले लेते थे। वह अपने उद्यम की आत्मा थे। उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व ने मुझे प्रेरित किया।’’
अपना व्यवसाय शुरू करने के दृढ़ संकल्प के कारण प्रतिभा को विशेषज्ञता हासिल करने के लिए बहुत सारे शोध से गुजरना पड़ा। नेचर्स बायो प्लास्टिक की संस्थापक की भूमिका में आने की तैयारी के लिए उन्होंने हैदराबाद में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के वैज्ञानिकों के साथ परामर्श और शोध करते हुए मॉलिक्यूलर बायोलॉजी का अध्ययन किया।
प्रतिभा ने शकरकंद और टैपियोका जैसे स्टार्च स्रोतों के साथ भी कई तरह के प्रयोग किए लेकिन इनकी शेल्फ लाइफ बहुत कम थी। वह बताती हैं, ‘‘शुरुआती उत्पाद 20 से 30 दिनों के भीतर खराब होने लगते थे। वे बाजार में उतारने लायक नहीं थे।’’
आखिरकार, प्रतिभा को वर्तमान फॉर्मुलेशन को विकसित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कनिष्ठ वैज्ञानिक के साथ जुड़ना पड़ा। वह बताती हैं, ‘‘अब हमारा उत्पाद जो पॉलिलैक्टिक एसिड और पॉलिब्यूटिलीन एडिपेट को-टेरे़फ्तेलेट का सम्मिश्रण है, 90 से 180 दिनों में खराब होना शुरू होता है।’’ उसे कंपोस्ट भी किया जा सकता है।
नेचर्स बायो प्लास्टिक कैरी बैग, डस्टबिन लाइनर, शू कवर और हेड कैप बनाने में सिद्धहस्त है। वह कहती हैं, ‘‘हाल ही में हमने डिस्पोजेबल पानी की बोतलों का एक प्रोटोटाइप बनाया है।’’
इस स्टार्ट-अप को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कोच्चि के सीआईपीईटी- इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक टेक्नोलॉजी से प्रमाणपत्र मिला हुआ है।
आईवीएलपी के अनुभव
प्रतिभा आईवीएलपी में मिले अपने अनुभव को ‘‘जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर’’॒बताती हैं।
वह कहती हैं, ‘‘मैंने देखा कि भारत में उद्यमिता और छोटे व्यवसाय कैसे काम करते हैं। आईवीएलपी के माध्यम से मुझे यह देखने का अवसर मिला कि अमेरिका में बायो प्लास्टिक क्षेत्र के उद्यमी और छोटे व्यवसायी कैसे काम करते हैं।’’ प्रतिभा, सस्टेनेबिलिटी क्षेत्र की कई महिला उद्यमियों से भी मिलीं। हालांकि, जिस बात ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया वह उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को शुरू करने के लिए मिलने वाला प्रोत्साहन था। इससे उन्हें साझेदारी और नेटवर्किंग पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है।
आगे क्या करना है, इस बारे में प्रतिभा का नजरिया एकदम साफ है। वह कहती हैं, ‘‘मैं उन महिला उद्यमियों का मार्गदर्शन करना चाहती हूं जिन्हें सहायता, जानकारी और वित्तीय मदद की प्रतीक्षा है। हरेक उद्यमी को नीतियों, प्रमाणन और वित्तीय जरूरतों के लिए मार्गदर्शन चाहिए होता है। मैं उस महिला की मदद करना चाहती हूं, जो मार्गदर्शन चाहती है, खासतौर पर तब जब वह कोई व्यवसाय शुरू करने जा रही होती है।’’
दूसरों को आगे बढ़ाना
एक महिला उद्यमी के रूप में प्रतिभा, दूसरी महिला उद्यमियों को उन गलतियों से बचाने के लिए उनकी मदद की ज़रूरत को शिद्दत से महसूस करती हैं जो उन्होंने खुद की थीं। उनकी सलाह है कि अपने विषय पर जरूरी जानकारी के लिए गहन शोध करें। उनका कहना है, ‘‘हमें उस उत्पाद के फायदे और नुकसान के बारे में पूरी तरह से जानने की जरूरत है, जिसे हम लाने की सोच रहे हैं।’’
वह आगे कहती हैं, ‘‘कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले, आइडिया पर विचार करते समय, किसी भी उत्पाद विशेष के बारे में आपके पास बेहतर समझ और मूल्यांकन होना चाहिए। यह भी आकलन कर लेना चाहिए कि अगले पांच से 10 सालों मे वह आपके लिए कितना व्यावहारिक होगा।’’ प्रतिभा व्यवसाय मालिकों को यह सलाह भी देती हैं कि शुरुआती उत्पाद सफल न होने की स्थिति में उनके दिमाग में एक विकल्प होना चाहिए। उनका कहना है, ‘‘हम आसानी से पीछे नहीं हटते। हर महिला में नेतृत्व के गुण होते हैं। उसी नेतृत्व के गुण और पृष्ठभूमि में किए गए कुछ कार्यों से, उद्यमियों को अधिक आसानी से सफलता हासिल करने में मदद मिल सकती हैं।’’
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