अमेरिका में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की लंबी परंपरा रही है। एक सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि अधिकतर अमेरिकी एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों का समर्थन करते हैं।
जनवरी 2021
एक व्यक्ति और ‘‘ग्रांडमा फ़ॉर गेज’’ पट्टिका के साथ छाते के नीचे बैठी उसकी मां 25 जून 1989 को वार्षिक समलैंगिक पुरुष और महिला प्राइड परेड के दौरान न्यू यॉर्क में मूल स्टोनवॉल इन के स्थल से जाते हुए। बीस वर्ष पहले स्टोनवॉल इन उन प्रदर्शनों का केंद्र थी जिसने एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों के आंदोलन को जन्म दिया। ©एपी इमेजेज
अमेरिका में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की लंबी परंपरा रही है। लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुएल, ट्रांसजेंडर, क्वीर और इंटरसेक्स (एलजीबीटीक्यूआई+) लोगों के अधिकारों की सुरक्षा का अभियान उसी परंपरा का हिस्सा है।
यह परंपरा उस समय शुरू हुई जब राष्ट्रपति यूलसीज़ एस. ग्रांट ने वर्ष 1871 के नागरिक अधिकार अधिनियम पर हस्ताक्षर कर दिए। इसे अब विश्व का पहला ऐसा कानून माना जाता है जो एक वर्ग के सभी लोगों के अधिकारों का सम्मान करने के उद्देश्य से लाया गया। इस कानून का इरादा था अफ्रीकी अमेरिकियों को श्वेत नस्लवादी संगठन कू क्लक्स क्लान के हमलों से बचाने का।
बीसवीं सदी के शुरुआत में औद्योगिकीकरण के कारण अधिक संख्या में लोग गांवों से शहरों की ओर आए और अमेरिका के शहरी क्षेत्रों में एलजीबीटीक्यूआई+ समुदायों का बनना शुरू हुआ। वर्ष 1924 में एक्टिविस्ट हेनरी जर्बर द्वारा स्थापित शिकागो से संचालित सोसायटी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स समलैंगिक पुरुषों के लिए बना देश का ऐसा पहला संगठन था। इसके बाद 1950 में समलैंगिक पुरुषों का पहला राष्ट्रीय संगठन मैटाचिन सोसायटी बना और वर्ष 1955 में समलैंगिक महिलाओं के अधिकारों की आवाज उठाने वाला संगठन डॉटर्स ऑफ़ बिलाइटिस बना।
वर्ष 1962 में इलिनॉय ऐसा पहला अमेरिकी राज्य बना, जिसने वयस्कों द्वारा निजता के साथ आपसी सहमति के आधार पर समलैंगिक आचरण को अपराध मानने की श्रेणी से बाहर कर दिया।
स्टोनवाल विद्रोह एलजीबीटीक्यूआई+ लोगों के अधिकारों के संरक्षण में एक अहम मोड़ लेकर आया, जिसकी शुरुआत 28 जून 1969 को हुई। कार्यकर्ताओं के अपेक्षाकृत छोटे समूहों द्वारा शुरू किए गए अभियानों ने व्यापक आंदोलन का स्वरूप ले लिया।
वर्ष 1973 में अमेरिकन साइकिएट्रिक एसोसिएशन ने समलैंगिकता को अपनी मानसिक रोगों की सूची से हटा दिया। और 14 अक्टूबर 1979 को समलैंगिक पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों के लिए नेशनल मार्च ऑन वाशिंगटन फ़ॉर लेस्बियन एंड गे राइट्स में लगभग 75,000 गे, लेस्बियन, ट्रांसजेंडर और उनके विपरीतलैंगिक साथी जुटे और एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया।
पिछले 30 सालों में लाखों अमेरिकियों ने इस बात को जाना है कि ऐसे बहुत-से लोग जिन्हें वे जानते हैं- उनके पड़ोसी, सहयोगी, मित्र और परिवार के सदस्य- एलजीबीटीक्यूआई+ हैं। इस स्वीकार्यता और अमेरिकी टेलिविजन और फ़िल्मों में एलजीबीटीक्यूआई+ लोगों के सकारात्मक चित्रण से इस समुदाय को ज्यादा सामाजिक स्वीकार्यता और अमेरिकी नागरिकों के तौर पर समान अधिकारों के लिए समर्थन मिला है।
प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए हाल के एक सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि अधिकतर अमेरिकी एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों का समर्थन करते हैं।
साभार: शेयर अमेरिका
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