अमेरिका में महिलाओं के कॉलेज अगली पीढ़ी के नेतृत्व और नवप्रवर्तकों के लिए एक सुरक्षित और मददगार माहौल के विकास में सहायक बन रहे हैं।
अक्टूबर 2022
बर्नार्ड जैसे महिला कॉलेज अपने विद्यार्थियों को न्यूनतम बाधाओं के साथ शिक्षा उपलब्ध कराते हैं, जिससे सुरक्षित और सहयोग का माहौल तैयार होता है। (फोटोग्राफ साभारः बर्नार्ड कॉलेज)
नंदिनी रेड्डी की उच्च शिक्षा के लिए न्यू यॉर्क सिटी का बर्नाड कॉलेज उनकी स्वाभाविक पसंद था, क्योंकि वह हमेशा एक ऐसे माहौल को जीना चाहती थीं जहां महिला नेतृत्व की परंपरा रही हो। वह अपने पसंदीदा क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती थीं और वह भी अपनी ख्वाहिशों से बिना कोई समझौता किए और उनमें कोई विघ्न डाले। वह अनुभव को साझा करते हुए बताती हैं, ‘‘अपने कॉलेज अनुभव को शैक्षणिक दृष्टि से यादगार बनाने के लिए आपके इर्दगिर्द शक्तिशाली समुदाय का होना और मिलकर इस मकसद के लिए काम करना बेहद उत्साहवर्धक था और यह तब और खास हो जाता था जब उस संस्थान का जुड़ाव कोलंबिया जैसी प्रख्यात रिसर्च यूनिवर्सिटी के साथ भी हो।’’ रेड्डी दूसरे वर्ष की विद्यार्थी हैं और उनकी योजना मेजर विषय के रूप में मानवाधिकारों पर केंद्रित समाजशास्त्र और माइनर विषय के रूप में राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की है।
बर्नार्ड की तरह ही अमेरिका में महिलाओं के कॉलेज महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के लिए समर्पित हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने की दृष्टि से उनके लिए एक मूल्यवान विकल्प साबित हो सकते है। हालांकि, इनकी संख्या कम है, लेकिन ये संस्थान नेतृत्व और जेंडर एडवोकेसी के लिहाज से काफी उन्नत हैं और अगली पीढ़ी के महिला नेतृत्व और नवप्रवर्तकों को उत्साहित करने का काम करते है।
अनूठे लाभ
मिसूरी के कॉटी कॉलेज में अंग्रेजी की प्रोफेसर तृशा स्टबलफील्ड के अनुसार, ‘‘एक महिला कॉलेज ऐसा सुरक्षित और सहायक माहौल एवं पाठ्यक्रम, दोनों ही उपलब्ध कराता है जहां महिला ही केंद्र में रहती है, हाशिए पर नहीं। यहां महिलाएं दुनिया के परिप्रेक्ष्य में खुद को देख पाती हैं, सभी तरह के कॅरियर, विषय क्षेत्र और प्रयास, जो उनके खुद के अनुभवों से पुष्ट होते ही है, साथ ही उनके निजी और करियर उद्देश्यों के लिहाज से उनके सामने रोल मॉडल भी मौजूद होती हैं।’’
कॉटी कॉलेज में शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात 6:1 का है लिहाजा यहां हर विद्यार्थी के बारे में अच्छी-खासी जानकारी होती है और कक्षा के बाहर भी उनकी निगरानी और अतिरिक्त सहायता संभव हो पाती है। स्टबलफील्ड के अनुसार, ‘‘महिला कॉलेज विद्यार्थियों की आवाज को पहचान देने के अलावा, उन्हें खुद को फिर से ऊर्जावान बनाने और सहशिक्षा के दौर में सफल होने के लिए रणनीति तैयार करने में सहायक होते हैं।’’
बर्नार्ड कॉलेज से न्यूरोसाइंस मेजर में पढ़ाई कर रही नायरा कोठारी का कहना है कि, किसी महिला कॉलेज में अध्ययन ने उसके दृष्टिकोण के साथ दुनिया के साथ संवाद के उनके तरीके को बदल कर रख दिया और इस बात को याद दिलाया कि सही तरह से मिली मदद से अपने सपनों को सच किया जा सकता है। वह बताती हैं, ‘‘बर्नार्ड के जिन एल्युमनाई से मैं मिली, वे उद्यमी हैं, पत्रकार हैं, नृत्य के क्षेत्र से जुड़ी हैं या कुछ और कर रही हैं- उन सभी की अपनी आजाद सोच है और खुद पर भरोसा करने वाला उनका स्वभाव है। बर्नार्ड में सशक्त महिलाओं का हिस्सा होने ने मुझे यह सिखाया कि मैं भी अपने सपनों और उम्मीदों पर ध्यान दूं, तो उन्हें हासिल कर सकती हूं।’’
कोठारी से पहले बर्नार्ड में उनकी एक बहिन के अलावा दो कजिन भी पढ़ रही थीं। कोठारी कोलंबिया की महिला स्क्वाश टीम की सदस्य भी हैं। वह कहती हैं, ‘‘बर्नार्ड में महिलाओं का स्टेम विषयों में स्वागत किया जाता है और वहां शोध के बहुत से अवसर हैं जिनका मैं फायदा उठाना चाहूंगी। मैं ग्रेजुएशन के बाद इस क्षेत्र में अपना कॅरियर आगे बढ़ाना चाहूंगी।’’
महिला कॉलेज अपने विद्यार्थियों को कम से कम बाधाओं के साथ शिक्षा उपलब्ध कराते हैं। स्वीट ब्रायर कॉलेज की प्रेज़िडेंट मेरेडिथ वू के अनुसार, ‘‘महिलाएं द्वेष और डर से मुक्त माहौल में स्वाभाविक हो पाती हैं। वे पड़ताल करने, चुनौतियों से निपटने, प्रयास करने और विकास करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
यह बहुत बड़ी वजह है। वर्जीनिया के स्वीट ब्रायर कॉलेज की विद्यार्थी और कॉलेज की टेनिस टीम की सदस्य हैदराबाद से आने वाली निकिता सिंहमभाटला का कहना है कि कॉलेज के सुरक्षित और मददगार माहौल के कारण वह अपनी ग्रेड और उद्देश्यों पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाईं। उनके अनुसार, ‘‘मेरे सभी साथियों को खूब मस्ती पसंद है लेकिन साथ ही वे अपनी पढ़ाई का भी ध्यान रखते हैं। इसी कारण टेनिस खेलने के साथ भी मैं अपने ग्रेड पर फोकस कर पाती हूं। वैसे मैं मस्ती करने का कोई मौका खोती नहीं हूं।’’ एक महिला कॉलेज में पढाई के फायदों के बारे में बात करते हुए सिंहमभाटला कहती हैं, ‘‘इससे बहुत ज्यादा तसल्ली मिलती है कि आप यहां देर रात भी घूम सकती हैं और आपको यह पता है कि आपका कैंपस बेहद सुरक्षित है।’’
हालांकि अधिकतर महिला कॉलेजों में खासतौर पर लिबरल आर्ट्स विषयों की विशेषज्ञता होती है, लेकिन वहां ऐसी विद्यार्थी भी होती हैं जो स्टेम और मानविकी विषयों में दिलचस्पी रखती हैं। बर्नार्ड और स्वीट ब्रायर में मनोविज्ञान, न्यूरोसाइंस, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, कंप्यूटर साइंस, नृत्य या कोई इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम जैसे विषय उपलब्ध हैं जबकि वैलेसले में मानविकी शास्त्र, अफ्रीकी अध्ययन, शास्त्रीय अध्ययन और संज्ञानात्मक और भाषा विज्ञान जैसे अन्य विषय भी उपलब्ध हैं।
स्वीट ब्रायर जैसे महिला कॉलेजों में विद्यार्थियों को खोज करने, चुनौती देने, प्रयास करने और प्रगति करने की स्वतंत्रता होती है। (फोटोग्राफ साभारः स्वीट ब्रायर कॉलेज)
वित्तीय सहायता
बर्नार्ड कॉलेज कोलंबिया यूनिवर्सिटी से संबद्ध है। कॉलेज में रिक्रूटमेंट और सलेक्शन डायरेक्टर रूबी भट्टाचार्य का कहना है, ‘‘हमारा कॉलेज ऐसे चुनिंदा कॉलेजों में से एक है जो दाखिला लेने वाली सभी विद्यार्थियों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से आर्थिक मदद उपलब्ध कराता है, चाहे वे किसी भी देश की नागरिक हों।’’
कॉटी कॉलेज को पीईओ सिस्टरहुड परोपकारी शैक्षिक संगठन चलाता है। अमेरिका और कनाडा में इसकी 210,000 महिला सदस्य हैं। स्टबलफील्ड के अनुसार, ‘‘पिछले 150 सालों में, सिस्टरहुड ने महिला शिक्षा के क्षेत्र में ग्रांट, अवार्ड और कर्ज देकर उनकी सहायता की है।’’ सिस्टरहुड ने कॉटी का अपना एक विशाल नेटवर्क तैयार किया है जिसका फायदा विद्यार्थियों को जीवन और कॅरियर को आगे बढ़ाने में मिलता है।
स्वीट ब्रायर में दाखिलों से संबद्ध वरिष्ठ सहायक निदेशक और संस्थान अधिकारी, शैरोन वॉल्टर-बॉवर बताते हैं कि संस्थान में स्कॉलरशिप और आर्थिक सहायता काफी हैं।
विभिन्न अवसर
ये संस्थान विद्यार्थियों की एक ऐसी विशाल संख्या को पसंद आते हैं जो अपनी पढ़़ाई के साथ अपनी दूसरी दिलचस्पियों को बीच संतुलन कायम रखना चाहती हैं। महिला कॉलेजों में आवेदन करने वाली तमाम विद्यार्थी इन संस्थानों का चुनाव इसलिए करती हैं क्योंकि वहां शिक्षा के साथ खेलों को भी प्रोत्साहन दिया जाता है।
सिंहमभाटला ने डिवीजन1 स्पोर्ट्स कॉलेज से सिर्फ इसलिए स्वीट ब्रायर में तबादला करा लिया क्योंकि अपनी पढ़ाई पर फोकस करते हुए लगातार खेलों में शारीरिक रूप से प्रदर्शन उनके लिए बेदह थकाऊ हो जाता था। उनका कहना है, ‘‘पढ़ाई हमेशा से मेरी प्राथमिकता रही है, इसीलिए मैं ऐसे संस्थान में तबादला चाहती थी जहां पढ़ाई के अच्छे संसाधनों के साथ मुझे खेलने की भी सुविधा उपलब्ध हो सके।’’ वह बताती हैं, ‘‘स्वीट ब्रायर के टेनिस कोच मेरे पास अपनी डिवीजन-3 टीम का हिस्सा बनने का प्रस्ताव लेकर आए। जिस क्षण मैं स्वीट ब्रायर के कैंपस में पहुंची, उसी वक्त मुझे वह पसंद आ गया। अब तो मैं उसे इसलिए भी पसंद करती हूं कि वह सिर्फ महिलाओं का कैंपस है।’’
मेसाच्यूसेट्स युनिवर्सिटी एम्हर्स्ट में एमबीए-एमएस स्पोर्ट्स प्रबंधन की ग्रेजुएट विद्यार्थी इशिता टिबरेवाल ने 2018 में माउंट होलियोक कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। वह बताती हैं, ‘‘मैं खेल उद्योग में अपना कॅरियर बनाने के साथ प्रतिस्पर्धी स्तर तक खेल से जुड़े रहना चाहती थी।’’ उनका कहना है, ‘‘लिबरल आर्ट्स की शिक्षा के साथ विश्वविद्यालय स्तर पर टेनिस खेलना और एथलेटिक्स विभाग के साथ भी जुड़े रहना मेरे लिए खेलों में कॅरियर बनाने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहेगा- एक महिला के लिए यह लकीर से हट कर कॅरियर चुनने का रास्ता है।’’ पांच कॉलेजों के कंसर्शियम, एक महिला कॉलेज में अध्ययन का फायदा और कैंपस में नेतृत्व करने के स्तर तक पहुंचने की ढेरों संभावनाओं ने इस बात पर मुहर लगा दी कि मेसाच्यूसेट्स के निजी महिला लिबरल आर्ट्स कॉलेज माउंट होलियोक का चुनाव टिबरेवाल के लिए एक सही विकल्प था।
आवेदन की तैयारी
संभावित विद्यार्थियों के आवेदन पर विचार के लिए प्रत्येक कॉलेज का अलग नजरिया होता है। भट्टाचार्य के अनुसार, बर्नार्ड में, ‘‘कोई फार्मूला नहीं है। कोई एक मानदंड या स्कोर दाखिला निर्धारित नहीं करता है। हम हर आवेदन को उसकी निजी खासियत, बौद्धिक क्षमता, और चुने गए पाठ्यक्रम की जटिलता के अलावा बर्नार्ड में उपलब्धि प्राप्त करने की उसकी क्षमता के हिसाब से देखते हैं।’’
यही नहीं, दाखिले के लिए आवेदन जमा करते समय मेजर या प्रमुख विषय या माइनर विषय का तय न होना भी स्वीकार्य है। वह कहती हैं, ‘‘वास्तव में, अनिर्णय की स्थिति इस बात की परिचायक होती है कि आवेदकों की बहुत-सी दिलचस्पियां हैं और वह भविष्य में खुद को कई रास्तों पर चलते हुए देख सकते हैं। बर्नार्ड में पंजीकृत विद्यार्थी आमतौर पर अपने मेजर और माइनर विषयों का चुनाव दूसरे वर्ष के अंत में करते हैं और उनके पास पाठ्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला से सोच-समझ कर विकल्प चुनने का पर्याप्त समय होता है।’’
चूंकि कॉटी कॉलेज महिलाओं को वैश्विक समाज में योगदान देने के लिए शिक्षित करता है, इसलिए वह ऐसे विद्यार्थी चाहता है जो नेतृत्व, सामाजिक उत्तरदायित्व, वैश्विक जागरूकता और अपने खुद के बौद्धिक और वैयक्तिक विकास के प्रति समर्पित हों। कॉटी मे अंग्रेजी की प्रोफेसर स्टबलफील्ड के अनुसार, ‘‘जैसा कि कहा जाता है, एक विकासवादी सोच, एक ठोस कार्य पद्धति और दुनिया के बारे में एक समान्य जिज्ञासा के गुणों के साथ एक उम्मीदवार और मजबूत बनता है।’’
ऐसे भावी विद्यार्थियों के लिए जिन्हें महिला ़क़ॉलेज में दाखिले को लेकर कोई शंका है, भट्टाचार्य उन्हें उत्साहित करते हुए सलाह देती हैं कि उन्हें पुरुषों की गैरहाजिरी नहीं, बल्कि महिलाओं की उपस्थिति के अनुभव के बारे में सोचना चाहिए।
वह कहती हैं कि इस बारे में सोचें कि ‘‘इसका आपकी शिक्षा और आपके निजी विकास की दृष्टि से क्या मतलब हो सकता है, आपके इर्दगिर्द दुनिया भर की बुद्धिमान और महत्वाकांक्षी महिलाओं का होना और उनसे प्रेरणा हासिल करना। वास्तव में यह बड़ी बात है।’’
पारोमिता पेन नेवाडा यूनिवर्सिटी, रेनो में ग्लोबल मीडिया स्टडीज़ विषय में असिस्टेंट प्रो़फेसर हैं।
टिप्पणियाँ