कार्बन पर काबू की तकनीक

कार्बन कैप्चर और कार्बन रिमूवल में क्या अंतर है? इन दोनों उभरती तकनीकों के बारे में यहां विस्तार से बताया गया है।

नोलानी किर्शनर

जून 2022

कार्बन पर काबू की तकनीक

फोटोग्राफः ब्रायन हर्बर्ट © एपी इमेजेज

 

कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के पर्यावरण का प्राकृतिक अंश है लेकिन इसकी अधिकता बेहद खतरनाक है और इससे जलवायु पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।

जब औद्योगीकरण का दौर शुरू हुआ था, उसके मुकाबले आज वातावरण में 47 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता है। इससे तापमान बढ़ता है, समुद्र का अम्लीकरण होता है और मौसम की चरम स्थितियां देखने को मिलती है।

वैश्विक तापमान वृद्धि के प्रभाव को उलटने के लिए कार्बन कैप्चर तकनीक जरूरी है। 22 अप्रैल को जलवायु संबंधी मामलों में राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने कहा, ‘‘अगर हम 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल कर भी लेते हैं या हम वहां तक पहुंच भी जाते हैं, तब भी हमें वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करना होगा और इसका तात्पर्य है कि इसके लिए हमें अभिनव तकनीक की जरूरत पड़ेगी।’’

कार्बन संग्रहण बनाम कार्बन अवशोषण

दुनिया भर के देश कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने और दूसरी ग्रीनहाउस गैसों के वायुमंडल में प्रवेश को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं। फिर भी, वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता मौजूद रहेगी।

ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि, वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को खत्म करने के लिए क्या किया जा सकता है? कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल में प्रवेश से रोकने और वहां पहले से मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के विभिन्न तरीके हैं।

जब औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गंदे ईंधन का इस्तेमाल किया जाता हैं, तब उनके धुएं के गुबार कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं। अमेरिका में सालाना जितनी कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है, यह उसका 16 प्रतिशत है।

Animated image showing carbon dioxide levels over Earth (NASA)

एक वायुुमंडलीय मॉडल में कार्बन ऑब्जर्वेटरी से प्राप्‍त आंकडो़ के इंटीग्रेशन के बाद पृथ्वी के विभिन्न भागों पर कार्बनडाइऑक्साइड के स्तर को प्रदर्शित किया गया है। (नासा)

कार्बन कैप्चर तकनीक इस गैस के उत्पादन के साथ ही उसके वायुमंडल में जाने से पहले ही उसमें से कार्बन डाइऑक्साइड को अलग कर देती है। कैप्चर की गई कार्बन डाइऑक्साइड को अक्सर निर्माण सामग्रियों या फिर भूमिगत भूगर्भीय भंडारों में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाता है।

कार्बन कैप्चर तकनीक नई उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करती है जबकि कार्बन रिमूवल तकनीक वातावरण में पहले से मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने का काम करती है।

तेजी से विकसित होती तकनीकें

कार्बन कैप्चर तकनीक जलवायु संकट की मौजूदा चुनौतियों से निपटने के एक प्रभावी तरीके के रूप में विकसित हो रही है।

2020 तक, दुनिया भर में ऐसी 24 ऑपरेशनल सुविधाएं सफलतापूर्वक काम में जुटी हैं। इन सुविधाओं में से आधी तो अकेले अमेरिका में हैं।

कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल तकनीक का भी तेजी से चलन बढ़ रहा है क्योंकि अमेरिकी उद्यमी जलवायु संकट की मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए पुरानी तकनीकों के साथ इस नई तकनीक को भी जोड़ रहे हैं।

मियामी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिवर्ष एक अरब मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड को अलग करने के अपने प्रोजक्ट प्रपोजल के लिए मस्क फाउंडेशन की एक्सप्राइज़ को हासिल किया। उनका प्रस्ताव घुलने वाली ऐसी टेबलेट के बारे में था जो समुद्र में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करती है।

केरी के अनुसार, ‘‘स्पष्ट रूप से हमें जो कुछ भी हासिल करना है उसके लिए नवप्रवर्तन सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित होने जा रही है।’’

आलेख सौजन्य: शेयर अमेरिका  



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