संगीत के सुरों से एकजुटता

वन बीट एक्सचेंज प्रोग्राम हर वर्ष दुनिया भर के संगीतकारों को साथ लेकर अभूतपूर्व प्रोजेक्ट को तैयार करने के साथ टिकाऊ दोस्ती के लिए मंच देता है।

स्टीव फ़ॉक्स

जनवरी 2023

संगीत के सुरों से एकजुटता

गौरी जयाकुमार (बाएं), जो पल्पी शिल्पी के नाम से काम करती हैं, ने अक्टूबर-नवम्बर 2022 में वनबीट एक्स में भाग लिया। स्मोकी द घोस्‍ट के नाम से काम करने वाली सुमुख मैसूर ने अप्रैल-मई 2022 में वनबीट 9 में भाग लिया। (फोटोग्राफः अलेक्सिया वेबस्टर और साभार सुमुख मैसूर)

साल 2012 से अमेरिकी विदेश विभाग के वन बीट प्रोग्राम ने सैकड़ों युवा अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों का अमेरिका में स्वागत किया है ताकि वे एक साथ सीख सकें, संगीत साझा कर सकें और उत्कृष्ट संगीत को तैयार कर सकें।

विभाग के ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स की पहल पर इस कार्यक्रम को फाउंड साउंड नेशन द्वारा संचालित किया जाता है, जो न्यू यॉर्क सिटी स्थित कला को समर्पित एक अलाभकारी संगठन है। वन बीट की रचना युवा संगीतकारों को दूसरी संस्कृतियों के बारे में जानने और सीमाओं एवं भाषाओं से कहीं आगे, उनके बीच ताकतवर संबंध बनाने में मदद के लिए की गई है।

2022 के अंत में वन बीट कार्यक्रम की 10वीं वर्षगांठ पर 25 संगीतकारों और वन बीट कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 15 देशों के पूर्व सहभागियों ने वन बीट एक्स नाम से समारोह का आयोजन किया।

स्पैन ने वन बीट एक्स में हिस्सा लेने वाली अभिनव भारतीय संगीतकार गौरी जयाकुमार और अप्रैल-मई 2022 में वन बीट-9 के प्रतिभागी सुमुख मैसूर से उनके अनुभवों के जानने की कोशिश की।

अंतरराष्ट्रीय प्रेरणा

जयाकुमार, गोवा स्थित क्यूरेटर, संगीत निर्माता और डीजे हैं जो पल्पी शिल्पी के नाम से काम करती हैं। वह अपनी संगीत शैली को ‘‘अनगढ़, ऐंद्रिय और नर्वस एनर्जी’’ के रूप में निरूपित करती हैं। मैसूर, बेंगलुरू स्थित रैपर हैं और वह स्मोकी द घोस्ट के नाम से प्रदर्शन करते हैं। उनका कहना है, ‘‘मेरा संगीत पूरी तरह विरोध का संगीत है।’’

दोनों ही कलाकारों का कहना है कि वे वन बीट के जीवंत और रचनात्मक समुदाय में शामिल होकर और विभिन्न देशों के हुनरमंद संगीतकारों और संस्कृतियों से जुड़ कर उत्साहित महसूस करते हैं।

वन बीट एक्स, ताओस, न्यू मेक्सिको में अक्टूबर 2022 में आयोजित किया गया और यह तीन ह़फ्तों तक चला। इसमें संगीतकारों ने एक साथ मिलकर न्यू मेक्सिको के इतिहास और संस्कृति के बारे में जाना एवं इलाके के प्राकृतिक पर्यावरण से प्रेरित कहानियों को साझा किया। उन्होंने ऐसे संवादों से अभिप्रेरित होकर सहयोग संगीत भी तैयार किया। स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक संगठनों की सहभागिता से संगीतकारों ने अपने कार्य को लोक प्रदर्शनों, विचार-विमर्श और दूसरे आयोजनों के माध्यम से साझा किया। उदाहरण के लिए न्यू मेक्सिको के अल्बुकर्क में, वन बीट एक्स संगीतकारों ने आधे दिन के लोक उत्सव का आयोजन किया जिसमें आर्ट इंस्टैलेशन और लाइव कंसर्ट शामिल थे।

पहली मीटिंग से लेकर फाइनल प्रदर्शन तक, जयाकुमार वन बीट एक्स के प्रतिभागियों से बहुत गहरे तक प्रेरित हुईं। उनका कहना है, ‘‘ऐसे शानदार और हुनर के मंजे हुए कलाकारों के बीच होना बेहद सुखद था लेकिन वे अपने ज्ञान को लेकर बेहद विनम्र थे। कई वर्षों में पहली बार, मैंने सामूहिक विचारों की महत्ता और अपनेपन का अहसास किया और जाना कि किसी समुदाय को पोषित और सशक्त करने का क्या अर्थ है।’’

मैसूर के लिए फ्लोरिडा में वन बीट 9 में हिस्सा लेने का अनुभव बहुत ही उत्साहजनक था। वह बताते हैं कि, ‘‘मैं इसी बारे में सोचता रहा कि मैं कितने और गाने बनाने जा रहा हूं और मैं कैसे अपने संगीत को बेहतर बनाऊं, लेकिन शुरुआती कुछ दिन तो हमने एक-दूसरे को जानने में ही बिता दिए।’’ हालांकि, शुरुआत में वह काफी अभिभूत महसूस कर रहे थे लेकिन जल्दी ही उन्हें महसूस हुआ कि ‘‘यह अपने मन में बदलाव का बेहद ही शांत तरीका है। वन बीट में हर किसी के साथ होने का मुझे बहुत सकारात्मक फ़ोकस मिला, हालांकि मैंने ऐसी उम्मीद की नहीं थी।’’

दूरगामी प्रभाव

वन बीट के अपने अनुभवों की यादें धुंधली पड़ने के लंबे समय बाद भी जयाकुमार और मैसूर दुनिया भर में इसकी अनुगूंज का अहसास करा रही हैं। जयाकुमार के अनुसार, ‘‘ये तीन ह़फ्ते कल्पना लोक में जाने की तरह थे। यह मेरे मस्तिष्क के तारों और कैमिस्ट्री के पुन: जोड़ने की तरह था, और यह तो सिर्फ वक्त ही बता सकता है कि इस तरह के प्रसंग और अनुभव भविष्य में किस तरह से अपना प्रभाव डालेंगे।’’

जयाकुमार को उम्मीद है कि वह भारत में भविष्य में वन बीट सरीखा आयोजन या कुछ ऐसा जो मजेदार, संगीतमय और प्रेरक हो, आजोजित कर पाएंगी। वह कहती हैं, ‘‘मुझे आशा है कि हम जल्द ही उस तरह के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाने की स्थिति में होंगे और विचारों, सहयोग और फंडिंग के विकल्पों को खोल सकेंगे।’’

मैसूर के लिए, ‘‘सामुदायिकता किसी भी दूसरी चीज़़ के मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण है। अमेरिका हिप-हॉप का उद्गम स्थल है, और वन बीट में हिस्सा लेने के बाद, मैं इस ज्ञान को भारत ले जाकर उसे रैपर समुदाय से साझा करूंगा।’’

वह कहते हैं, ‘‘बेंगलुरू एक स्टार्ट-अप सिटी है। मेरी योजना हिप-हॉप को बढ़ावा देने के लिए एक्सीलरेटर शुरू करने की है जिससे इस समुदाय को शिक्षित करने के साथ इसकी मदद भी हो सके। मुझे उम्मीद है कि इससे भारत में अगले अगले सबसे बड़े रैपर का उदय होगा।’’

हर जगह के संगीतकारों और कलाकारों के लिए जो भविष्य में वन बीट समारोह में हिस्सा लेना चाहते हैं, जयाकुमार की बेबाक सलाह है, ‘‘आवेदन करिए, आप जो हैं, वैसे ही दिखें, बड़े सपने देखिए, अपने काम की फेहरिस्त तैयार कीजिए और इसके लिए चल पडि़ए।’’

माइकल गलांट लेखक, संगीतकार और उद्यमी हैं और न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।

साल 2012 से अमेरिकी विदेश विभाग के वन बीट प्रोग्राम ने सैकड़ों युवा अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों का अमेरिका में स्वागत किया है ताकि वे एक साथ सीख सकें, संगीत साझा कर सकें और उत्कृष्ट संगीत को तैयार कर सकें।

विभाग के ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स की पहल पर इस कार्यक्रम को फाउंड साउंड नेशन द्वारा संचालित किया जाता है, जो न्यू यॉर्क सिटी स्थित कला को समर्पित एक अलाभकारी संगठन है। वन बीट की रचना युवा संगीतकारों को दूसरी संस्कृतियों के बारे में जानने और सीमाओं एवं भाषाओं से कहीं आगे, उनके बीच ताकतवर संबंध बनाने में मदद के लिए की गई है।

2022 के अंत में वन बीट कार्यक्रम की 10वीं वर्षगांठ पर 25 संगीतकारों और वन बीट कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 15 देशों के पूर्व सहभागियों ने वन बीट एक्स नाम से समारोह का आयोजन किया।

स्पैन ने वन बीट एक्स में हिस्सा लेने वाली अभिनव भारतीय संगीतकार गौरी जयाकुमार और अप्रैल-मई 2022 में वन बीट-9 के प्रतिभागी सुमुख मैसूर से उनके अनुभवों के जानने की कोशिश की।

अंतरराष्ट्रीय प्रेरणा

जयाकुमार, गोवा स्थित क्यूरेटर, संगीत निर्माता और डीजे हैं जो पल्पी शिल्पी के नाम से काम करती हैं। वह अपनी संगीत शैली को ‘‘अनगढ़, ऐंद्रिय और नर्वस एनर्जी’’ के रूप में निरूपित करती हैं। मैसूर, बेंगलुरू स्थित रैपर हैं और वह स्मोकी द घोस्ट के नाम से प्रदर्शन करते हैं। उनका कहना है, ‘‘मेरा संगीत पूरी तरह विरोध का संगीत है।’’

दोनों ही कलाकारों का कहना है कि वे वन बीट के जीवंत और रचनात्मक समुदाय में शामिल होकर और विभिन्न देशों के हुनरमंद संगीतकारों और संस्कृतियों से जुड़ कर उत्साहित महसूस करते हैं।

वन बीट एक्स, ताओस, न्यू मेक्सिको में अक्टूबर 2022 में आयोजित किया गया और यह तीन ह़फ्तों तक चला। इसमें संगीतकारों ने एक साथ मिलकर न्यू मेक्सिको के इतिहास और संस्कृति के बारे में जाना एवं इलाके के प्राकृतिक पर्यावरण से प्रेरित कहानियों को साझा किया। उन्होंने ऐसे संवादों से अभिप्रेरित होकर सहयोग संगीत भी तैयार किया। स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक संगठनों की सहभागिता से संगीतकारों ने अपने कार्य को लोक प्रदर्शनों, विचार-विमर्श और दूसरे आयोजनों के माध्यम से साझा किया। उदाहरण के लिए न्यू मेक्सिको के अल्बुकर्क में, वन बीट एक्स संगीतकारों ने आधे दिन के लोक उत्सव का आयोजन किया जिसमें आर्ट इंस्टैलेशन और लाइव कंसर्ट शामिल थे।

पहली मीटिंग से लेकर फाइनल प्रदर्शन तक, जयाकुमार वन बीट एक्स के प्रतिभागियों से बहुत गहरे तक प्रेरित हुईं। उनका कहना है, ‘‘ऐसे शानदार और हुनर के मंजे हुए कलाकारों के बीच होना बेहद सुखद था लेकिन वे अपने ज्ञान को लेकर बेहद विनम्र थे। कई वर्षों में पहली बार, मैंने सामूहिक विचारों की महत्ता और अपनेपन का अहसास किया और जाना कि किसी समुदाय को पोषित और सशक्त करने का क्या अर्थ है।’’

मैसूर के लिए फ्लोरिडा में वन बीट 9 में हिस्सा लेने का अनुभव बहुत ही उत्साहजनक था। वह बताते हैं कि, ‘‘मैं इसी बारे में सोचता रहा कि मैं कितने और गाने बनाने जा रहा हूं और मैं कैसे अपने संगीत को बेहतर बनाऊं, लेकिन शुरुआती कुछ दिन तो हमने एक-दूसरे को जानने में ही बिता दिए।’’ हालांकि, शुरुआत में वह काफी अभिभूत महसूस कर रहे थे लेकिन जल्दी ही उन्हें महसूस हुआ कि ‘‘यह अपने मन में बदलाव का बेहद ही शांत तरीका है। वन बीट में हर किसी के साथ होने का मुझे बहुत सकारात्मक फ़ोकस मिला, हालांकि मैंने ऐसी उम्मीद की नहीं थी।’’

दूरगामी प्रभाव

वन बीट के अपने अनुभवों की यादें धुंधली पड़ने के लंबे समय बाद भी जयाकुमार और मैसूर दुनिया भर में इसकी अनुगूंज का अहसास करा रही हैं। जयाकुमार के अनुसार, ‘‘ये तीन ह़फ्ते कल्पना लोक में जाने की तरह थे। यह मेरे मस्तिष्क के तारों और कैमिस्ट्री के पुन: जोड़ने की तरह था, और यह तो सिर्फ वक्त ही बता सकता है कि इस तरह के प्रसंग और अनुभव भविष्य में किस तरह से अपना प्रभाव डालेंगे।’’

जयाकुमार को उम्मीद है कि वह भारत में भविष्य में वन बीट सरीखा आयोजन या कुछ ऐसा जो मजेदार, संगीतमय और प्रेरक हो, आजोजित कर पाएंगी। वह कहती हैं, ‘‘मुझे आशा है कि हम जल्द ही उस तरह के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाने की स्थिति में होंगे और विचारों, सहयोग और फंडिंग के विकल्पों को खोल सकेंगे।’’

मैसूर के लिए, ‘‘सामुदायिकता किसी भी दूसरी चीज़़ के मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण है। अमेरिका हिप-हॉप का उद्गम स्थल है, और वन बीट में हिस्सा लेने के बाद, मैं इस ज्ञान को भारत ले जाकर उसे रैपर समुदाय से साझा करूंगा।’’

वह कहते हैं, ‘‘बेंगलुरू एक स्टार्ट-अप सिटी है। मेरी योजना हिप-हॉप को बढ़ावा देने के लिए एक्सीलरेटर शुरू करने की है जिससे इस समुदाय को शिक्षित करने के साथ इसकी मदद भी हो सके। मुझे उम्मीद है कि इससे भारत में अगले अगले सबसे बड़े रैपर का उदय होगा।’’

हर जगह के संगीतकारों और कलाकारों के लिए जो भविष्य में वन बीट समारोह में हिस्सा लेना चाहते हैं, जयाकुमार की बेबाक सलाह है, ‘‘आवेदन करिए, आप जो हैं, वैसे ही दिखें, बड़े सपने देखिए, अपने काम की फेहरिस्त तैयार कीजिए और इसके लिए चल पडि़ए।’’

माइकल गलांट लेखक, संगीतकार और उद्यमी हैं और न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।

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कलाकारों से मिलिए

पल्पी शिल्पी

पल्पी शिल्पी ने एक पत्रकार के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया, लेकिन एक संगीत संस्थान के लिए छोटी-सी स्कॉलरशिप जीतने के बाद उनका पूरी तरह से रुझान संगीत की तरफ हो गया।

उनका कहना है, ‘‘एक बिजनेस पत्रकार के रूप में मेरे ढेर सारे लेखन ने मुझे एक गीतकार के रूप में गढ़ने में मेरी बहुत सहायता की। मैंने ऐसे बोलों पर फोकस किया जो करारे जैसे थे- बहुत लंबे नहीं लेकिन बहुत चुलबुले।’’

अपने लिखे संगीत का वर्णन करते हुए वह कहती हैं, ‘‘बेहद स्पष्ट और संवाद में प्रभावी।’’ हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से, ‘‘जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ रही है, मेरा झुकाव परिवेश और विस्तारित सुर स्थलों की तरफ बढ़ रहा है। मैं खुद ही वहां पर खो जाने के लिए आतुर हूं बजाए इसके कि मैं वहां खुद के लिए कोई रास्ता निकालने की तरकीब सोचूं।’’

स्मोकी द घोस्ट

सामाजिक तौर पर एक जागरूक रैपर के रूप में स्मोकी द घोस्ट अपने संगीत का इस्तेमाल ऐसे सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मसलों की पड़ताल के लिए करते हैं जो विवादास्पद हो सकते हैं और जिन पर चर्चा मुश्किल होती है।

वह स्पष्ट करते हैं, ‘‘मैंने बाल्डेस्ट ऑफ द बाल्ड नाम के एक गाने की रिकॉर्डिंग की जो गंजे होने के मुद्दे पर केंद्रित था। भारत में, गंजे होने का मतलब है मानो किसी की मौत हो गई हो या फिर वास्तव में कुछ बहुत बुरा हो गया है या फिर आप अब कभी दोबारा आकर्षक नहीं दिखने वाले। मेरे गीत में उस पितृसत्तात्मक  दबाव की पड़ताल है जो पुरुष को यह बताती है कि उसे अपने गंजेपन पर शर्मिंदा होना चाहिए और वे उन चीजों के बारे में बात भी नहीं कर सकते।’’

वह कहते हैं कि इस गीत का बढि़या फ़ीडबैक मिला। ‘‘मुझसे बहुत से लोगों ने कहा कि मैं वही बात कह रहा हूं जो वे बहुत समय से कहना चाह रहे थे, लेकिन महसूस करते हैं कि वे ऐसा कर नहीं सके।’’

– मा.ग.



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