अमेरिकी विश्वविद्यालयों के लचीले पाठ्यक्रम के कारण विद्यार्थी अपने विषय और कॅरियर के निर्णय जानकारी के आधार पर कर पाते हैं।
मार्च 2023
अमेरिकी विश्वविद्यालयों के लचीले पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को अपना पसंदीदा विषय चुनने से पहले कई तरह के विषयों से रूबरू होने का मौका मिल सकता है।
क्या कॉलेज के युवा विद्यार्थियों से यह जानने की उम्मीद की जा सकती है कि वे किस तरह के कॅरियर को अपनाना चाहते हैं? क्या यह बेहतर होगा कि किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले उन्हें विभिन्न विषयों से रूबरू होने का मौका मिले? क्या ऐसा संभव है कि अगर वे एक से अधिक मेजर यानी प्रमुख विषय पढ़ना चाहें, तो ऐसा कर पाएं?
अमेरिकी विश्वविद्यालय इस बात को समझते हैं कि कुछ विद्यार्थियों के लिए कॉलेज की शुरुआत से ही किसी एक विषय क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्ध हो जाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसी कारण वे विद्यार्थियों को लचीले पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हैं जिससे कि वे अपनी दिलचस्पी, लक्ष्य और सोच के अनुरूप विषयवस्तु और अकादमिक अनुभव को गढ़ सकें। चार साल के पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालय शुरुआत के दो साल में विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों से परिचित कराते हैं जिससे कि उन्हें अपने प्रमुख विषय के साथ पूरक विषयों के चुनाव में आसानी हो सके।
विकल्पों की अधिकता
मुंबई में अमेरिका-भारत एजुकेशनल फाउंडेशन (यूएसआईईएफ) में एजुकेशनयूएसए की वरिष्ठ सलाहकार देबोरा रोसैरियो के अनुसार, ‘‘विद्यार्थी ने प्रारंभ में जिस प्रमुख विषय को पढ़ना शुरू किया, अगर उसमें उसकी दिलचस्पी नहीं रहे, तो वे अपना मेजर यानी प्रमुख विषय बदल सकते हैं। विद्यार्थी किसी विश्वविद्यालय में विषय को लेने के बारे में बिना कोई फैसला लिए या बिना उसकी घोषणा किए भी प्रवेश ले सकते हैं, वे शुरुआत में विभिन्न विषयों को आजमा सकते हैं और बाद में किसी प्रमुख विषय का चुनाव कर सकते हैं। कुछ विषयों में, विद्यार्थी अपने प्रमुख विषय के स्वरूप का निर्धारण विश्वविद्यालय में किसी प्रोफेसर के मार्गदर्शन में खुद कर सकते हैं।’’
लचीले पाठ्यक्रम से कई तरह के अन्य फायदे भी हैं।
* विद्यार्थी प्रमुख विषय का चुनाव करने से पहले विभिन्न विषयों और दिलचस्पी के क्षेत्रों की पड़ताल कर सकते हैं। इससे उनको अपने विकल्पों की छंटाई और भविष्य के बारे में ज्यादा जानकारीपूर्ण फैसला लेने का मौका मिलता है।
* प्रमुख विषय के अध्ययन में जरूरी पाठ्यक्रमों के अलावा विद्यार्थी को अपने चुने गए विषय क्षेत्र से संबंधित वैकल्पिक पाठ्यक्रम के अध्ययन से प्रमुख विषय के बारे में ज्ञान को और गहराई मिलती है।
* व्यक्तिगत लक्ष्यों और अभिरुचियों के अनुरूप विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रमों को जोड़ कर विद्यार्थी को नया मेजर चुनने का मौका मिलता है।
* विद्यार्थी अपनी दिलचस्पी के अनुरूप किसी पूरक विषय की पड़ताल कर सकता है जिससे अतिरिक्त ज्ञान और कौशल उपलब्ध हो पाता है।
* किसी शिक्षक के निर्देशन में स्वतंत्र रूप से किसी शोध प्रोजेक्ट पर काम किया जा सकता है जिससे शोध अनुभव के साथ अपने विषय क्षेत्र में योगदान किया जा सकता है।
* एक ही समय में दो डिग्रियों के लिए पढ़ाई हो सकती है। उदाहरण के लिए, इंजीनियरिंग डिग्री और पर्यावरण विज्ञान पर डिग्री की पढ़ाई एक साथ की जा सकती है।
* अपने अध्ययन क्षेत्र में इंटर्नशिप या को-ऑप प्रोग्रामों के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव हासिल किया जाता है।
* विद्यार्थी भविष्य के कॅरियर के बारे में स्थायी निर्णय से जुड़े दबाव और चिंता को कम कर सकते हैं।
* सर्वांगीण शिक्षा और बहुमुखी प्रतिभा को प्रोत्साहन, जो रोजगार के बाजार में बहुत फायदेमंद हो सकता है। नियोक्ता ऐसे ग्रेजुएट को पसंद करते हैं जिनके पास विस्तृत ज्ञान के साथ और कई क्षेत्रों में कार्य करने का कौशल हो।
लचीला होने का मतलब बिना सोचेसमझे नहीं है। वे विश्वविद्यालय जो विद्यार्थियों को लचीले पाठ्यक्रमों का विकल्प देते हैं, वे उन्हें एक मजबूत शैक्षिक आधार भी उपलब्ध कराते हैं।
हैदराबाद में यूएसआईईएफ की रीजनल ऑफिसर सुजाना मेरेड्डी स्पष्ट करती हैं, ‘‘अमेरिका में चार वर्षीय पाठ्यक्रम वाले कई विश्वविद्यालयों में लिबरल आर्ट पाठ्यक्रम को पढ़ाया जाता है, जिसमें पहले दो वर्षों में विद्यार्थियों को मानविकी, नैचुरल साइंस, सोशल साइंस और गणित जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विषयों का अध्ययन करना होता है। इस दृष्टिकोण के चलते विद्यार्थियों के शैक्षिक आधार को विस्तार मिलता है और उनके अहम चिंतन, लेखन और संवाद कौशल के विकास में सहायता मिलती है।’’
विद्यार्थियों और उनके परिजनों के लिए यह महत्वपूर्ण होता है कि वे लचीले पाठ्यक्रम वाले विश्वविद्यालयों और पाठ्यक्रम किस हद तक लचीले हैं, इस बात का पता पहले से लगा लें। कुछ कॉलेजों के पास इसको लेकर तयशुदा फॉर्मूले होते हैं जबकि कुछ दूसरे कॉलेज विद्यार्थियों को अपने अध्ययन क्षेत्र से संबंधित पाठ्यक्रम का निर्धारण खुद करने की अनुमति देते हैं।
स्टीव फ़ॉक्स स्वतंत्र लेखक हैं और पूर्व अखबार प्रकाशक और रिपोर्टर हैं। वह वेंचुरा, कैलिफ़ोर्निया में रहते हैं।
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