इंटरनेट पर भ्रामक जानकारियां कई तरीकों से फैलाई जाती हैं। भ्रामक जानकारियों के इतिहास, इनके प्रभाव और आपको मिलने वाली न्यूज़फीड में इसकी पहचान करने के लिए यह वीडियो देखें।
मई 2023
आपके न्यूज़फीड में अचानक भ्रामक जानकारियों के उभरने से ऐसा लग सकता है कि यह नई चीज़ है, लेकिन वास्तव में सदियों से लोगों को प्रभावित करने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है।
अतीत के मुकाबले आज भ्रामक जानकारियों के तौरतरीके इनकी गति और आधिक्य के लिहाज से अलग हैं। सोशल मीडिया की मदद से गलत जानकारियों के माध्यम से भ्रामक आंकड़े, झूठे दावे और बिल्कुल झूठी बातें फैल सकती हैं। इससे लोगों का भरोसा कम हो सकता है और लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।
अधिकतर अराजक हेडलाइन मनोरंजक हो सकती हैं और उन्हें पहचानना आसान हो सकता है, लेकिन अक्सर आपको आश्वस्त करने वाली रिपोर्टें सबसे अधिक भ्रामक होती हैं और सबसे दूर तक इनका प्रसार होता है। लेकिन असत्य या भ्रामक जानकारियों की पहचान करना उतना सरल काम नहीं है, जितना आप सोचते हैं। कोई जानकारी जितनी अधिक वास्तविक लगती है, उतनी ही तेज़ी से भ्रामक जानकारी का प्रसार होता है।
भ्रामक जानकारियों के प्रसार को रोकने की राह में पहला कदम है इनकी पहचान करना और इनके असली प्रभाव को जानना। भ्रामक जानकारियां कई स्वरूपों में प्रसारित होती रहती हैं, लेकिन इनका पता लगाने के तरीके हैं।
यहां प्रस्तुत वीडियो में समाचारों और जानकारियों के विश्लेषण और उनकी पुष्टि करने से जुड़े पांच नुस्खे दिए गए हैं।
साभारः शेयरअमेरिका
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