बेंगलुरू के एक स्टार्ट-अप रेनक्यूब ने सौर पैनलों की क्षमता में बढ़ोतरी का तरीका विकसित किया है। जब सौर पैनल अपनी पूर्ण क्षमता पर काम नहीं कर रहे हों तो नई तकनीक से साल भर में सौर पैनलों की क्षमता को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
मार्च 2021
रेनक्यूब तकनीक प्रोटोटाइप। इस स्टार्ट-अप ने मोशन फ्री ऑप्टिकल ट्रैकिंग तकनीक विकसित की है जिससे सौर पैनल पर सूर्य की रोशनी की दिशा में तब्दीली लाकर उसकी क्षमता में अच्छी बढ़ोतरी की जा सकती है। फोटोग्राफ: साभार रेनक्यूब
बेंगलुरू के एक स्टार्ट-अप रेनक्यूब ने सौर पैनलों की क्षमता में बढ़ोतरी का तरीका विकसित किया है। इसमें पैनल पर सूर्य की रोशनी को नई दिशा दी जाती है और इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है।
मौजूदा समय में स्थापित तय कोण पर झुके सौर पैनल सिर्फ दोपहर के समय ही सर्वाधिक बिजली उत्पन्न करते हैं। दिन में बाकी अवधि के दौरान ये अपनी पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पाते। उदाहरण के लिए, हो सकता है सुबह नौ बजे सौर पैनल सिर्फ 50 प्रतिशत बिजली ही उत्पन्न कर पा रहे हों। रेनक्यूब ने पैनल पर सूर्य की रोशनी की दिशा बदलने के लिए मोशन फ्री ऑप्टिकल ट्रेकिंग नामक विधि विकसित की है। ऐसे समय जब सौर पैनल अपनी पूर्ण क्षमता पर काम नहीं कर रहे हों तो सूर्य के प्रकाश की दिशा में तब्दीली लाकर साल भर में सौर पैनलों की क्षमता को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाई जा सकती है।
रेनक्यूब सौर अनुसंधान एवं विकास कंपनी है और इसकी स्थापना वर्ष 2017 में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अत्याधुनिक उत्पाद विकसित करने के उद्देश्य से की गई थी। इस स्टार्ट-अप को नई दिल्ली के अमेरिकन सेंटर स्थित नेक्सस स्टार्ट-अप हब में प्रशिक्षण मिला।
स्पैन ने रेनक्यूब के सह-संस्थापक और प्रिंसिपल इंजीनियर लक्ष्मी संथानम का इंटरव्यू लिया कि कंपनी सौर ऊर्जा के भविष्य को किस प्रकार से आकार दे रही है। संथानम यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी से नेटवर्क सिक्योरिटी में पीएच.डी. हैं। उन्हें क्वालकॉम, इंटेल और सिस्को समेत कई कंपनियों में 10 साल से अधिक का अनुभव है।
उनके साथ इंटरव्यू के प्रमुख अंश:
रेनक्यूब के अस्तित्व में आने की क्या दास्तां है और इसकी स्थापना किन सिद्धांतों के आधार पर हुई?
रेनक्यूब सौर शोध एवं विकास उपक्रम है, जिसकी स्थापना सिस्को में काम करने वाले कुछ पूर्व कर्मियों ने की और उनका विज़न नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नवप्रवर्तित उत्पाद तैयार करना था। हम कुछ नया बनाना चाहते थे और शुरुआत ताप को बिजली (सोलर थर्मल) में बदलने को लेकर की। लेकिन इसकी अधिक लागत आर्थिक दृष्टि से कामयाब नहीं हो पाई। हमने देखा कि पारंपरिक फोटोवोल्टेइक सिस्टम के तहत ऑप्टिकल ट्रैकिंग का काम असंभव था।
हमने इसे चुनौती के तौर लिया और इस समस्या के समाधान के लिए अंतर-विषयक दृष्टिकोण अपनाया। टीम ने सोलर और ऑप्टिक्स के क्षेत्र में अपनी सॉ़फ्टवेयर विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर अपना खास सॉ़फ्टवेयर तैयार किया। हमारा सॉ़फ्टवेयर सोलर ग्लास का एडवांस्ड अलगोरिथ्म के माध्यम से सर्वाधिक अनुकूल डिज़ाइन तैयार करता है। इसका इस्तेमाल कर हमने 200 से अधिक डिज़ाइन तैयार किए, दूसरे औद्योगिक सॉ़फ्टवेयर में उनको परखा और हमने भौतिक तौर पर जो भी प्रोटोटाइप बनाया, उस दौरान इसे लगातार बेहतर बनाया।
आप मोशन फ्री ऑप्टिकल ट्रैकिंग उन लोगों को कैसे समझाएंगे जो आपके काम से अभी परिचित नहीं हैं?
जैसे सूरजमुखी आकाश में सूर्य की गति कि अनुरूप अपनी दिशा बदलता है, उसी तरह रेनक्यूब सौर पैनलों के लिए नई तरह का ग्लास प्रदान करता है, जो सूर्य की गति के अनुरूप व्यवस्थित होता है। हमारा ग्लास यह काम बिना किसी इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या सॉ़फ्टवेयर उपकरणों के माध्यम से करता है और स्थैतिक स्थिति में सूर्य की अधिक रोशनी को संग्रहीत कर पाता है। इससे सौर पैनल में बिजली उत्पादन 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
रेनक्यूब की स्थापना के बाद से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आपने क्या बड़े बदलाव देखे हैं?
सौर ऊर्जा बाज़ार बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और अभी भी यह तेज़ विकास के दौर में है, जिससे कि यह वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट बिजली उत्पादन के भारत सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर सके। हमारा विश्वास है कि बाइफेसियल सोलर पैनल और ग्लास ऑन ग्लास मॉड्यूल के विकास की बड़ी संभावनाएं हैं और हम फोटोवोल्टेइक के क्षेत्र में इन उभरते रुझानों के साथ रेनक्यूब तकनीक को समन्वित करने को लेकर उत्साहित हैं।
क्या आप नेक्सस स्टार्ट-अप हब में अपने अनुभव के कुछ खास पहलू हमसे साझा कर सकते हैं? आपको अपने स्टार्ट-अप को शुरु करने और इसे चलाने को लेकर क्या अंतर्दृष्टि मिली?
नेक्सस स्टार्ट-अप हब के आठ ह़फ्ते के गहन इनक्यूबेशन पाठ्यक्रम में हमारे जैसे शुरुआती स्टार्ट-अप के लिए व्यापक और संपूर्ण पाठ्यक्रम था। प्रोग्राम की गुणवत्ता, डिलिवरी, मेंटरिंग सेशन और पिच टे्रनिंग बहुत बढि़या थी। स्टार्ट-अप हब की टीम का आकार आदर्श है जिससे कि हर पिच और प्रजेंटेशन पर वैयक्तिक फीडबैक दे सकें। हमारे कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए फीडबैक सेशन भी बहुत मददगार रहे।
मोशन फ्री ऑप्टिकल ट्रैकिंग तकनीक के शुभारंभ का अनुभव कैसा रहा और रेनक्यूब का भविष्य किस तरह से देखते हैं?
हम उत्पाद को विकसित करने के शुरुआती चरण में हैं और कई शीर्षस्थ ग्लास और फोटोवोल्टेइक निर्माताओं के साथ कार्यरत हैं। आने वाले महीनों में परीक्षण का काम तय है, जिसको लेकर हम सब बहुत उत्साहित हैं। हमें उम्मीद है कि आखिर में दुनिया भर में हर सोलर पैनल में रेनक्यूब की तकनीक की मौजूदगी होगी।
जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं। वह सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।
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