भारतीय विद्यार्थियों के लिए सही प्रकार की अमेरिकी डिग्री अनूठे अवसरों के द्वार खोल सकती है। यहां जानिए कि आपके लिए किस तरह की पढ़ाई सबसे बेहतर रहेगी।
अप्रैल 2022
फोटोग्राफ: साभार बर्नार्ड कॉलेज
वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, वास्तुकार, प्रोग्रामर, इंजीनियर, कलाकार, मानवविज्ञानी- एक अमेरिकी विश्वविद्यालय से डिग्री के साथ भारतीय विद्यार्थी तमाम तरह के आकर्षक कॅरियर और शानदार पेशे के लिए एक मजबूत दावेदार बन जाते हैं। लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए आप सही डिग्री के रास्ते का चुनाव कैसे करते हैं, बहुत कुछ इसी पर निर्भर करता है।
संभव है कि बैचलर ऑफ आर्ट्स या बैचलर ऑफ साइंस, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन या डॉक्टर ऑफ फाइन आर्ट्स के बीच चुनाव करना थोड़ा कठिन लगे, लेकिन आपको सही रास्ता बताने के लिए बहुत सारे लोग और संसाधन मौजूद हैं।
अंडरग्रेजुएट डिग्रियां
कई विद्यार्थियों को कम उम्र में ही यह बात समझ में आ जाती है कि उनके लिए कॅरियर का कौनसा रास्ता बेहतर होगा, लेकिन बहुतों को यह नहीं पता होता। अगर आप अमेरिका में अंडरग्रेजुएट शिक्षा की तलाश कर रहे हैं तो बर्नार्ड कॉलेज में रिक्रूटमेंट और सलेक्शन डायरेक्टर रूबी भट्टाचार्य के अनुसार, बहुत-से संस्थानों के लिए अनिर्णय की स्मस्या दरअसल कोई समस्या है ही नहीं।
उनका कहना है, ‘‘हालांकि अमेरिका में ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो विद्यार्थियों से यह पूछते हैं कि उनके दिलचस्पी के विषय कौनसे हैं, लेकिन अमेरिका के सबसे पसंदीदा विश्वविद्यालयों में इस बात की संभावना ज्यादा होती हैं कि विद्यार्थियों किसी विशिष्ट विषय के लिए दाखिला नहीं दिया जाता। विद्यार्थियों को कॉलेज या विश्वविद्यालय में दाखिला दे दिया जाता है, फिर पंजीकरण के पहले या दूसरे साल के भीतर शैक्षिक योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाता है। ऐसे कई तरह से अंडरग्रेजुएट यूनिवर्सिटी दाखिले ग्रेजुएट दाखिलों से भिन्न होते हैं।’’
सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय दाखिले के निदेशक प्रणव प्रधान के अनुसार, ‘‘कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान जैसे विषय भारत के विद्यार्थियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। मैं विद्यार्थियों को किसी भी एक विषय के चुनाव के वक्त अपना दिमाग खुला रखने की सलाह देता हूं। किसी भी पो्रग्राम का चयन करते समय विद्यार्थियों के कौशल, शैक्षणिक दिलचस्पी और कॅरियर लक्ष्य ही प्राथमिक तौर पर निर्धारक कारक होने चाहिए।’’
अगर आप स्नातक अंडरग्रेजुएट डिग्री हासिल करने के लिए दाखिला लेना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि आपको पड़ताल करनी होगी और गलतियां भी हो सकती हैं। प्रधान के अनुसार, ‘‘अमेरिकी शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी ताकत विद्यार्थियों को मिलने वाला इसका लचीलापन है।’’ अगर अध्ययन में शामिल कोई पाठ्यक्रम अनुपयुक्त लग रहा है तो विद्यार्थियों को पहले कदम के रूप में सबसे पहले अपने शैक्षिक सलाहकारों और प्रोफेसरों से मिलना चाहिए। अगर ज़रूरी हो तो वे विषय को बदल सकते हैं या फिर किसी दूसरे संस्थान में स्थानांतरित भी हो सकते हैं।
ग्रेजुएट डिग्रियां
एक बार जब भारतीय विद्यार्थियों के पास बैचलर डिग्री हो जाती है, तो प्रधान कहते हैं कि बहुत से विद्यार्थी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम)जैसे विषयों में मास्टर्स करने का विकल्प चुनते हैं। वह कहते हैं, ‘‘कंप्यूटर साइंस और डेटा साइंस जैसे विषय शीर्ष विकल्प होते हैं। इसके अलावा अंतर-विषयक और टेक्नोमैनेजमेंट प्रोग्राम भी तेजी से लोकप्रिय होते जा रहे हैं।’’
एनवाईयू के टैंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एडमिशन एंबेसेडर अभ्युदय पई का कहना है कि शानदार कॅरियर के लिए स्पेशल मास्टर्स डिग्री का होना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उनके अनुसार, ‘‘अगर आप सबसे ज्यादा स्माअर् हैं, तब भी आपको अपने ज्ञान के आधार को मूर्त रूप देने के लिए एक ठोस डिग्री की जरूरत पड़ती है। इसीलिए मैं गंभीरता से सलाह देता हूं कि विद्यार्थियों के पास बैचलर के बाद उच्च डिग्री होनी चाहिए। यह आपके ज्ञान के आधार को विस्तार देने का जरिया तो है ही, साथ ही यह नेटवर्किंग और दूसरे क्षेत्रों में अपनी दिलचस्पी को तलाशने का एक अद्भुत अवसर भी है।’’
मास्टर्स डिग्री का विकल्प चुनने से विद्यार्थियों को अंडरगेजुएट डिग्री से कहीं आगे विषय केंद्रित अध्ययन का अनूठा अवसर मिलता है। पई बताते हैं कि कई विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, कंप्यूटेशनल बायोलॉजी, रोबोटिक्स और मैकेट्रोनिक्स जैसे लोकप्रिय विषयों में मास्टर्स प्रोग्राम अलग से उपलब्ध हैं।
कई विद्यार्थी गैर-स्टेम विषयों में दिलचस्पी रखते हैं और मास्टर्स डिग्री विभिन्न विषयों के गहराई से अध्ययन का अवसर प्रदान करती है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, एरिजोना में भारतीय विद्यार्थियों के ग्रेजुएट दाखिले को देखने वाली रिक्रूटमेंट एडवाइज़र निकी चोकशी कहती हैं कि, भारतीय विद्यार्थियों के बीच वास्तुकला और डिजाइन विशेष रूप से लोकप्रिय पाठ्यक्रम है। वह स्पष्ट करती हैं कि, अकेले एरिजोना राज्य में 450 से अधिक मास्टर्स और अन्य ग्रेजुएट सर्टिफिकेट हासिल करने के अवसर मौजूद हैं। इनमें बिजनेस मैनेजमेंट, ग्लोबल हेल्थ, मानव संसाधन प्रबंधन, सोशल वर्क, शिक्षा, ललित कला, संगीत और कई अन्य विषय शामिल हैं।
कुछ विद्यार्थियों के लिए सिर्फ मास्टर्स डिग्री पर्याप्त नहीं होती, उनके लिए डॉक्टरेट डिग्री का रास्ता मौजूद है। डॉक्टरेट हासिल करने के लिए कई और वर्षों तक पढ़ाई के अलावा थीसिस के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत होती है। लुज़ियाना विश्वविद्यालय के लाफायेट ग्रेजुएट स्कूल के द्वारा 2021 में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, डॉक्टरेट डिग्री हालि करने वाले विद्यार्थी, अनुसंधान के माध्यम से नई खोज कर सकते हैं और अपने विषय क्षेत्र के विशेषज्ञ बनने के अलावा एकेडमिक और व्यावसायिक दोनों ही दृष्टि से अपने कॅरियर को आगे ले जा सकते हैं और बेहतर कमाई कर सकते हैं। डॉक्टरेट के लिए उच्च स्तर की प्रतिबद्धता के अलावाविद्यार्थियों को तब तक इस रास्ते पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए जब तक कि उनमें विषय केंद्रित अध्ययन पर सालों पढ़ाई करने का जुनून न हो।
सीखना और चुनना
पई का कहना है कि, जब आपके सामने डिग्री हासिल करने के विषयों के चुनाव की बात आती है तो ढेरों विकल्प सामने होते हैं जो आपको भ्रम में भी डाल सकते हैं। इसीलिए विद्यार्थियों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए किस क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी है। पई के अनुसार, ‘‘अपना समय और प्रयास एक ऐसी चीज में लगाएं जिससे आप अपने पूरे कॅरियर में सीखते रहें। यही आपका जुनून है। जुनून से आशय अपनी दिलचस्पी वाले विषय क्षेत्र में कभी न बंद होने वाली सीखने की क्षमता से है।’’
वह आगे कहते हैं कि एक बार जब आपको इस बात की पहचान हो जाती है कि आपको कौन सी चीज़ आकर्षित करती है, तो एक ऐसे विश्वविद्यालय और डिग्री का चुनाव करें जो आपकी प्रतिबद्धता पर खरे उतरें।
विशेषज्ञों की राय में किसी पाठ्यक्रम या डिग्री को चुनते वक्त केवल उसकी रैंकिंग, प्रतिष्ठा या साख को ध्यान में रखना या फिर अभिभावकों के दबाव में विषय का चुनाव उचित नहीं होता। भट्टाचार्य के अनुसार, ‘‘ये वजहें यह सुनिश्चित नहीं करतीं कि एक कॉलेज या विश्वविद्यालय आपको उस तरह का अनुभव या अवसर उपलब्ध करा पाएगा जो एक व्यक्ति के रूप में अपकी सफलता के लिए जरूरी है। अमेरिका मे प्रकाशित सभी रैंकिंग लाभकारी संस्थाओं से कराई जाती है, सरकार यह काम नहीं करती। वे यह दावा नहीं कर सकते कि अमेरिका में सीखने और आगे बढ़ने की दृष्टि से फलां विश्वविद्यालय आपके और आपकी जरूरतों के लिए उपयुक्त होगा या नहीं।’’
वह आगे कहती हैं, ‘‘आप इस बारे में चिंतन करें कि आपको सफल होने के लिए क्या चाहिए और यह सुनिश्चित कर लें कि आपको शोध करना है। अगर आपके दिमाग में कोई सवाल है तो आपको सीधे विश्वविद्यालय के प्रवेश कार्यालय पहुंचना चाहिए। हम यहां दाखिले से संबंधित आधिकारिक सूचना देकर आपकी मदद के लिए मौजूद हैं। आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हम आपके दाखिले पर विचार के बारे में सोचने के लिए हैं, न कि आपके माता-पिता के।’’
अगर विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के डिग्री स्तर के निर्धारण में परेशानी हो रही है, तो चोकशी की सलाह है कि उन्हें सीधे विश्वविद्यालय के दाखिला प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए, उनका काम ही मार्गदर्शन और सलाह देना है। चोकशी के अनुसार, ‘‘अक्सर ऐसे हालात में विद्यार्थी ऑनलाइन फोरम की तरफ रुख करते हैं और वहां उपलब्ध जानकारी से नतीजे निकालते हैं जो न तो सटीक होती है और न ही नवीनतम।’’ उनका सुझाव है कि, स्थानीय स्तर पर मौजूद एजुकेशनयूएसए के कार्यालय से संपर्क करने पर भी काफी मदद मिल सकती है।
उच्च शिक्षा के लिए विकल्पों के चुनाव के वक्त छात्रों पर कितना भी दबाव क्यों न हो, लेकिन उनके लिए अपने उद्देश्यों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होता है। भट्टाचार्य के अनुसार, ‘‘बहुत बार गहरी सांस लें और आपके जीवन के अगले अध्याय में जो कुछ आने वाला है, उसे लेकर रोमांचित और उत्साहित होने के लिए वक्त निकालें।’’
माइकल गलांट गलांट म्यूज़िक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। वह न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।
Computer science
Suhail saini
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