अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित क्वाड लीडर्स लीड ऑन-डिमांड कार्यक्रम के प्रतिभागी गौरव सैनी क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ाने में क्वाड की भूमिका के बारे में बता रहे हैं।
फ़रवरी 2024
गौरव सैनी (दाएं) विदेश नीति और टकराव समाधान विशेषज्ञ हैं। 2023 में उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित क्वाड लीडर्स लीड ऑन डिमांड (एलएलओडी) एक्सचेंज प्रोग्राम में हिस्सा लिया। (फोटोग्राफः साभार गौरव सैनी )
गौरव सैनी, विदेश नीति और टकराव समाधान विशेषज्ञ हैं। वह नई दिल्ली स्थित काउंसिल फॉर स्ट्रैटेजिक एंड डिफेंस रिसर्च में फेलो होने के साथ प्रमुख संचालक ऑपरेशंस और स्ट्रैटेजी का काम भी देखते हैं। 2023 में उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित क्वाड लीडर्स लीड ऑन डिमांड (एलएलओडी) एक्सचेंज प्रोग्राम में हिस्सा लिया और मार्च में वॉशिगटन, डी.सी और सैन फ्रांसिस्को की 10 दिनों की यात्रा पर गए।
एलएलओडी प्रोग्राम का प्रशासन वर्ल्ड लर्निंग संभालता है और उसकी कोशिश क्वाड सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों के संदेशों को सुसंगत बनाने की दृष्टि से एक थिंक टैंक के निर्माण और उसे सशक्त बनाने पर होती है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच क्वाड साझेदारी के वास्तविक लाभों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इसकी भूमिका के बारे में इससे जुड़े पक्षों को बेहतर जानकारी देना है।
एक्सचेंज विजिट के दौरान, सैनी और अन्य प्रतिभागियों ने कौशल-निर्माण और चर्चा सत्रों, बैठकों और विचार-मंथन सत्रों के माध्यम से क्वाड से संबंधित कई विषयों के बारे में संचार और आउटरीच रणनीतियों का खाका तैयार किया। उन्होंने विदेश विभाग के अधिकारियों के साथ भी बातचीत की और अमेरिकी इंस्टीट्यूट ऑफ पीस और हूवर इंस्टीट्यूशन का दौरा भी किया।
प्रस्तुत है उनसे इंटरव्यू के मुख्य अंश:
आपको क्या लगता है, हिंद–प्रशांत क्षेत्र में बेहतर सुरक्षा, समृद्धि और आपस में जुड़ाव बढ़ाने के लिए क्वाड किस तरह से योगदान दे सकता है?
क्वाड में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को कई तरीकों से आकार देने की अपार क्षमता है। पहला, संयुक्त सैन्य अभ्यासों, खुफिया जानकारियों को साझा करके और समुद्री सुरक्षा पहल जैसे सहयोगी प्रयासों के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सकता है। इससे क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावी तरीके से सशक्त किया जा सकता है और बाधारहित व्यापार एवं आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सकता है।
इसके अलावा, क्वाड की संयुक्त आर्थिक ताकत बुनियादी ढांचे के विकास, तकनीकी इनोवेशन और व्यापार सुविधा को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय समृद्धि की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे के विकास संबंधी परियोजनाओं में निवेश करके आपसी संपर्कों को बेहतर बनाया जा सकता है जो आर्थिक विकास और क्षेत्रीय एकीकरण का एक महत्वपूर्ण कारक है।
क्वाड के लिए किस तरह के अवसर और चुनौतियां नज़र आती हैं?
चुनौतियों से निपटने के लिए क्वाड सामूहिक रूप से प्रत्येक सदस्य देश की अनूठी शक्तियों, जैसे जापान की तकनीकी विशेषज्ञता, भारत के डेमोग्रेफिक डिविडेंड, ऑस्ट्रेलिया की संसाधन प्रचुरता या अमेरिका के नवाचार का फायदा उठा सकता है। इसके अतिरिक्त, लोकतांत्रिक मूल्यों और नियम आधारित व्यवस्था पर क्वाड का जुड़ाव एक ऐसे ढांचे को विकसित कर सकता है जो संप्रभुता, पारदर्शिता और समावेशिता का सम्मान करता हो।
अलग-अलग हितों को संतुलित करने जैसी चुनौतियों पर काबू करने के साथ क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को बनाए रखना और ऐतिहासिक तनावों से पार पाना भी ज़रूरी है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि क्वाड में एक समावेशी व्यवस्था बनी रहे और वह किसी टकराव वाले गुट में बदलने से बचा रहे।
कृपया कुछ ऐसे उदाहरणों को साझा करें जहां क्वाड के चलते हिंद–प्रशांत क्षेत्र में सकारात्मक बदलावों की जमीन तैयार हुई।
चारों साझेदारों की एकजुट ताकत ने नौकरशाही के स्तर पर सभी क्षेत्रों में फौरी और भविष्य के संकटों का जवाब देने के लिए एक ढांचा तैयार किया है। जलवायु, महत्वपूर्ण और उभरती तकनीक, साइबर, स्वास्थ्य सुरक्षा साझेदारी, बुनियादी ढांचे और अंतरिक्ष जैसे मसलों पर नेतृत्व स्तरीय छह कार्यसमूहों के माध्यम से क्वाड ने क्षेत्रीय ताकतों को यह दिखाया है कि उसने उन मुद्दों में निवेश किया है जो क्षेत्र को प्रभावित करते हैं।
समूह ने चीन केंद्रित अवधारणाओं से अलग सावधानी के साथ जन केंद्रित और गैर पारंपरिक सुरक्षा खतरों पर ध्यान दिया है। इसके अलावा, इसने समुद्री क्षेत्र के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इंडो-पैसेफिक पार्टनरशिप, स्टेम फेलोशिप और इंडोपैसेफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) जैसी सकारात्मक पहलों को शुरू किया।
क्वाड ने जिन मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, वे क्षेत्र के देशों की समस्याओं से जुड़े हुए हैं।
कृपया क्वाड के संदर्भ में अमेरिका और भारत के बीच सहयोग के बारे में अपने विचारों को साझा करें।
क्वाड के लिहाज से अमेरिका और भारत के संबंध पारस्परिक रूप से एक दूसरे के लिए फायदेमंद हैं। जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात हैं, तो यह और मजबूत हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे। क्वाड में एक साथ काम करना आपसी हित के क्षेत्र में सहयोग को और ज्यादा पूरक बनाता है। क्वाड के भीतर अमेरिका के लिए भारत की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दूसरी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के साथ एक सेतु के रूप में कार्य करता है।
भविष्य में क्वाड और हिंद–प्रशांत क्षेत्र से संबंधित किस तरह की भूमिका की योजना आप अपने लिए बना रहे है?
मेरी योजनाओं में क्षेत्रीय लिहाज से क्वाड के महत्व की मुखर पैरवी शामिल है। इन प्रयासों में क्वाड पॉडकास्ट शुरू करना, दूसरे क्वाड देशों के विशेषज्ञों के साथ एक शोध और संवाद परियोजना शुरू करना और उसके आगे, एक क्वाड मॉनीटर यानी क्वाड की प्रगति पर निगाह रखने के लिए एक माइक्रोसाइट का निर्माण शामिल है।
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