मिलिए, नेक्सस की पूर्व प्रतिभागी जेनिफर पांडियन से। वह एक ऐसे स्टार्ट-अप की संस्थापक हैं, जो शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ हवा से पीने योग्य पानी निकालता है।
जुलाई 2024
जेनिफर पांडियन (दाएं) चेन्नई में थेल्स क्लीनटेक के एटमॉस्फेरिक मॉयस्चर एक्सट्रेक्शन सिस्टम के पायलट इंस्टैलेशन के अवसर पर। (फोटोग्राफः साभार थेल्स क्लीनटेक )
वर्ष 2021 का साल जेनिफर पांडियन के लिए एक निर्णय लेने वाला था। उनके सामने दुविधा थी कि वह शोध के क्षेत्र में कॅरियर बनाएं या फिर एक उद्यम शुरू करें। दूसरे विकल्प को चुनते हुए उन्होंने चन्नई स्थित स्टार्ट-अप थेल्स क्लीनटेक की स्थापना की जो शून्य कार्बन उत्सर्जन का दावा करते हुए हवा से पीने योग्य पानी निकालने के लिए पेटेंटेड तकनीक का इस्तेमाल करता है।
जेनिफर बताती हैं, ‘‘पृथ्वी पर महज़ एक प्रतिशत पानी ही पीने योग्य पानी के रूप में उपलब्ध है। लेकिन वायुमंडल पृथ्वी पर मीठे पानी के पूरे भंडार का चार गुना से अधिक प्रदान कर सकता है और यह एक बारहमासी स्रोत है। इसलिए ऐसी तकनीकों का पता लगाना जरूरी है जो हवा से पानी को स्थायी रूप से निकालती हैं और भूजल को संरक्षित करती हैं।’’
थेल्स क्लीनटेक अमेरिकी दूतावास, नई दिल्ली के नेक्सस स्टार्ट-अप हब के 19वें समूह का हिस्सा था और उसने नेक्सस स्टार्ट-अप ग्रांट के रूप में 10,000 डॉलर की राशि हासिल की।
पांडियन को हाल ही में होनोलूलू के ईस्ट-वेस्ट सेंटर में 2024 चेंजिंग फेसेज़ ऑफ वुमेन लीडरशिप सेमिनार के लिए चुना गया। 12 दिनों का यह व्यावसायिक प्रशिक्षण आर्थिक विकास, रोज़ृगार सृजन और समुदायों के सशक्तिकरण में योगदान देने में नवाचार और उद्यमिता की भूमिका पर केंद्रित था।
प्रस्तुत है पांडियन से साक्षात्कार के अंश:
कृपया हमें थेल्स क्लीनटेक की वायु से जल तकनीक के बारे में और जानकारी दें और बताएं कि इसमें ऐसी क्या खास बात है जो इसे अलग बनाती है?
हमारी तकनीक एटमॉस्फेरिक मॉयस्चर एक्सट्रेक्शन (एएमई), हीट एक्सचेंज की अवधारणा पर काम करती है और प्रकृति के नियमों के हिसाब से चलती है। उदाहरण के लिए, जब किसी कार का एयरकंडीशनर अंदर की खिड़कियों पर बहुत ठंडी हवा फेंकता है और बाहर की हवा गर्म होती है तो आपको कांच की सतह पर पानी की बूंदें दिखाई देती हैं जहां ठंडी हवा और गर्म हवा का संपर्क होता है। यह हीट एक्सचेंज के कारण होता है और यहां विभिन्न विधियां और प्रक्रियाएं घटित होती हैं।
रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) जैसी पारंपरिक प्रक्रियाओं के माध्यम से भूजल जैसे उपलब्ध स्रोतों से पानी को फिल्टर करने की तुलना में हमारी स्वमित्व वाली तकनीक का उपयोग करके हवा से पानी निकालना किफायती है। अधिकतर आरओ प्लांट भूजल स्रोत पर निर्भर होते हैं और इसे टैंकरों में प्रसंस्करण इकाई तक पहुंचाते हैं। उन्हें भूजल दोहन के लिए जमीन के मालिक को पैसा देना पड़ता है, उपकरणों पर खर्च करना होता है और इसके बाद भी वे केवल एक तिहाई पानी को ही इस्तेमाल में ला पाते हैं। उन्हें अपशिष्टों के ट्रीटमेंट, पैकेजिंग और पानी के वितरण के लिए अलग से पैसा खर्चना पड़ता है। फिल्टर होने के बाद भी पानी में भारी धातु, आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे प्रदूषक तत्व हो सकते हैं। हमारी तकनीक न केवल पैसा बचाती है बल्कि कार्बन न्यूट्रल और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित भी है।
आप यह कैसे सुनिश्चित करती हैं कि हवा से निकाला गया पानी साफ है और इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है?
हमारी मशीन में दो चरणों वाला एयर फिल्टर सिस्टम है। एकत्र किया गया पानी भी फिल्टरेशन के कई चरणों से गुजरता है और फिर खनिजयुक्त किया जाता है। पानी प्रदूषक तत्वों से मुक्त होता है क्योंकि इसका जमीन से कोई संपर्क नहीं है। इनबिल्ट सेंसर रीयल टाइम में लगातार हवा और पानी की गुणवतता की निगरानी करते हैं जिससे हमें सुरक्षा और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रमाणन भी प्रदान करते हैं कि मशीन को स्वच्छ वातावरण में रखा गया है।
क्या आप थेल्स क्लीनटेक द्वारा हासिल की गई कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों को हमसे साझा कर सकती हैं?
तीन वर्षों के भीतर हमने हवा से पानी बनाने की विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए दो महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पेटेंट हासिल किए हैं। हमें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा इंडिया वॉटर-पिच-पायलट-स्केल चैलेंज के माध्यम से भारत में स्मार्ट सिटीज़ के लिए प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन सहभागी के रूप में चुना गया है। कार्यक्रम के तहत, हमने 2023 में चेन्नई में पायलट एएमई प्लांट शुरू किया जिसमें रोजाना 2000 लीटर पानी का उत्पादन होता था। इस साल, हम स्मार्ट सिटीज़ में 20 और इंस्टैलेशन के साथ अपने दायरे को विस्तार देने के चरण में प्रवेश कर रहे हैं।
वैश्विक जल सुरक्षा के मामले में थेल्स क्लीनटेक को आप किस तरह से योगदान देते हुए देखती हैं?
हमने पहले ही समुद्र की तापीय ऊर्जा का इस्तेमाल करते हुए एएमई प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी पर अनुसंधान शुरू कर दिया है जिसमें डीसेलिनेशन के स्तर की इसकी परिचालन लागत के एक हजारवें हिस्से के साथ तुलना की जाती है। पेटेंट दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। हम जल्द ही प्रूफ ऑफ कॉंसेप्ट तैयार करने और एक स्केल मॉडल बनाने की योजना बना रहे हैं। हालांकि प्रौद्योगिकी की अपनी महती भूमिका है लेकिन सामूहिक संवेदनशीलता, उपभोग की संस्कृति और नीतिगत हस्तक्षेप जैसे दूसरे कारक भी खासकर जल सुरक्षा के मामले में खासा महत्व रखते हैं।
क्या आपकी तकनीक, विश्व के अलग-अलग वातावरण और क्षेत्रों में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है?
यह तकनीक उन ऊष्णकटिबंधीय और तटीय क्षेत्रों में अपनी अधिकतम दक्षता के साथ काम कर सकती है जहां सापेक्ष नमी का स्तर 50 प्रतिशत से अधिक है और तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। दूसरी जगहों पर मौसमी परिवर्तन के आधार पर दक्षता और जल उत्पादन स्तर अलग-अलग हो सकते हैं।
नेक्सस स्टार्ट-अप हब में आपका अनुभव कैसा रहा और यहां मिले प्रशिक्षण से आपको क्या खास सीखने को मिला?
चूंकि, इनक्यूबेशन का यह मेरा पहला अनुभव था, लिहाजा मेरी यात्रा पर इसका खास असर पड़ा। शीर्ष उद्योगों के दिग्गजों ने सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक तौरतरीके सिखाए, विषयवस्तु के विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण टूल्स आजामते हुए एक नया दृष्टिकोण सामने रखा। इनोवेटिव वर्कशॉप और खासतौर पर परामर्श सत्र वे अमूल्य संसाधन थे जिन्होंने मेरे कारोबारी नजरिए को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। नेक्सस वह स्थान रहा है जहां हम साथी संस्थापकों के बीच विचारों पर मंथन, निवेशकों से मुलाकात, मार्गदर्शन हासिल करने और एक-दूसरे के उत्साहवर्धन के साथ आपसी सहयोग करने का काम करते थे।
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