क्षमा फर्नांडिस के नेतृत्व में चलने वाली कंपनी नॉर्दर्न आर्क कैपिटल भारत में वंचित परिवारों और व्यवसायों को वित्तीय सहायता तक पहुंच उपलब्ध कराती है।
अक्टूबर 2021
एक अभिनव वित्तीय प्लेटफॉर्म नॉर्दर्न आर्क कैपिटल के सीईओ के रूप में फर्नांडिस ने अपने उपभोक्ताओं के लिए 950 अरब रुपयों से ज्यादा का फंड एकत्र किया है जिसके कारण 28 राज्यों और सात केंद्रशासित प्रदेशों की 4 करोड़ भारतीय महिलाओं के जीवन पर असर पड़ा है। फोटोग्राफ: साभार क्षमा फर्नांडिस
भारत की सफल महिला सीईओ के बारे में चार लेखों की शृंखला का यह तीसरा लेख है।
साल 2009 की बात है जब क्षमा फर्नांडिस और उनके जैसी सोच रखने वाले लोगों का छोटा समूह साथ आया। उनके लिए चुनौती थी कि किस तरह से भारत में हर किसी को वित्तीय सेवाओं की ताकत और क्षमता का फायदा उठाने का मौका उपलब्ध कराया जा सके और उनकी सहभागिता के नतीजे अब सबके सामने हैं।
एक अभिनव वित्तीय प्लेटफॉर्म नॉर्दर्न आर्क कैपिटल के सीईओ के रूप में फर्नांडिस ने अपने उपभोक्ताओं के लिए 950 अरब रुपयों से ज्यादा का फंड एकत्र किया है जिसके कारण 28 राज्यों और सात केंद्रशासित प्रदेशों की 4 करोड़ भारतीय महिलाओं के जीवन पर असर पड़ा है। फर्नांडिस के अनुसार, ‘‘हमने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जो वंचित परिवारों और कारोबारों की वित्तीय संस्थाओं तक पहुंच बनाने का काम करता है। हमने विभिन्न क्षेत्रों, भौगोलिक परिसीमाओं और शर्तों पर कर्ज लेने वालों और देने वालों को एकसाथ लाने का काम किया।’’
फर्नांडिस की, वित्तीय सेवाओं तक भारतीयों की पहुंच बढ़ाने की गहरी प्रेरणा देखने में भले साधारण लगे लेकिन यह है काफी सशक्त। उनका कहना है, ‘‘मैंने गरीबी को बहुत करीब से देखा है और उन लोगों के जीवन की गवाह रही हूं जिनके पास किसी तरह का कोई सहारा भी नहीं था। नॉर्दर्न आर्क ने मुझे वह ताकत और क्षमता दी कि मैं उस दुनिया को बेहतर बना सकूं।’’
फर्नांडिस की परवरिश गोवा में मछुवारों के गांव में हुई जहां उन्होंने गांव के स्कूल में पुरानी किताबों से पढ़ाई की। अपनी अध्ययन यात्रा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने पीएच.डी. की डिग्री हासिल की। उनका कहना है, ‘‘ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि मुझे सही समय पर सही अवसर मिल पाया।’’ उन्होंने नॉर्दर्न आर्क में इस उम्मीद के साथ काम नहीं शुरू किया कि वह उसका नेतृत्व करेंगी बल्कि उसके पीछे उनकी सोच हाशिए पर पड़े लोगों और वंचित समुदायों के सामने खड़ी वित्तीय चुनौतियों का समाधान निकालने की थी। उनका कहना है, ‘‘पैसों तक पहुंच से लोगों को ताकत मिलती है और उनके सपनों को पंख मिलते हैं। सम्मानजनक और व्यावसायिक दृष्टि से टिकाऊ तरीके से पैसों की उपलब्धता बदलाव की वजह बन सकती है।’’
सबसे पहले, फर्नांडिस ने नॉर्दर्न आर्क के चीफ रिस्क ऑफिसर के रूप में काम शुरू किया। यह एक ऐसी भूमिका थी जिसमें वंचित समुदायों को कर्ज उपलब्ध कराने के तरीकों के बारे में उन्होंने डेटा एनालिक्टिस में अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया। उन्होंने 2012 में सीईओ के दायित्व को संभाला और कंपनी को अवसर व समानता उपलब्ध कराने वाले क्षेत्र में एक दमदार चेहरा बनाने में सहायता दी।
मार्च 2021 में नॉर्दर्न आर्क को अमेरिकी इंटरनेशनल डवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) से 5 करोड़ डॉलर का ऋण हासिल हुआ जिसका इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं को कर्ज देने के अलावा खुदरा ग्राहकों को भी प्रत्यक्ष तौर पर वित्तीय मदद में किया जाना था। यह कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद किसी वैश्विक वित्तीय संस्थान द्वारा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के क्षेत्र में दी जाने वाली पहली विशेष सुविधा थी। अमेरिकी सरकार के वित्तीय संस्थान डीएफसी ने निजी क्षेत्र के साथ सहभागिता में उन वित्तीय चुनौतियों का समाधान तलाशने की कोशिश की जिनसे आज की विकासशील दुनिया जूझ रही है।
डीएफसी के कार्यवाहक सीईओ देव जगादेसन के अनुसार, ‘‘पूरी दुनिया में समुदाय खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता, और आर्थिक समावेश के मसले पर तमाम चुनौतियों को झेल रहे हैं। ये चुनौतियां तब और विकट हो जाती हैं जब यह मसला ग्रामीण क्षेत्रों और महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों से जुडा होता है।’’ उनका कहना है, ‘‘नॉर्दर्न आर्क में डीएफसी का निवेश एक तरह से महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में निवेश है और लैंगिक समानता के लिए प्रतिबद्धता को लेकर अमेरिकी समर्थन का सशक्त संदेश है।’’
हालांकि फर्नांडिस नॉर्दर्न आर्क की सफलता को लेकर काफी उत्साहित हैं, लेकिन वह मानती हैं कि अभी और काम किया जाना बाकी है। वह बताती हैं कि सिर्फ आठ प्रतिशत भारतीय बालिगों ने बैंकों, कंपनियों और संस्थाओं से कर्ज लिया है- कर्ज की बढ़ती उपलब्धता से परिवारों, समुदायों और छोटे उद्योगों को मजबूती मिलती है और उन्हें फलने- फूलने का अवसर मिलता है। फर्नांडिस का कहना है, ‘‘मैं हमेशा ही उन संभावनाओं के बारे में सोचती रहती हूं जब सभी के लिए समान और प्रभावी वित्तीय कज़र् तक पहुंच का अवसर उपलब्ध हो। मैं हमेशा इस बारे में सोचती हूं कि इसका प्रत्येक व्यक्ति और राष्ट्र के लिए क्या महत्व है। इससे मुझे खुद भी ऊर्जा मिलती रहती है।’’
माइकल गलांट, गलांट म्यूजिक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। वह न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।
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