अमेरिका में शिक्षा पाने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में भारतीयों की संख्या अच्छी-खासी है। वे अपने संस्थानों को अहम और विविध नज़रिया प्रदान करते हैं
जुलाई 2021
आयोवा में ड्रेक यूनिवर्सिटी अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को को काम करके सीखने के अवसर, प्रोफ़ेशनल तैयारी और अन्य मदद मुहैया कराती है। फोटोग्राफ साभार: ड्रेक यूनिवर्सिटी
कोरोना महामारी ने अरबों लोगों के जीवन और योजनाओं को अस्त-व्यस्त कर दिया जिसमें अमेरिका में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं। लेकिन ऐसे संकट से जब विभिन्न देश जूझ रहे हैं तो अब अमेरिकी कॉलेज और विश्वविद्यालय दुनिया भर के विद्यार्थियों का अपने यहां स्वागत करने के लिए फिर से तैयार हैं।
अमेरिका आने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में भारतीय काफी संख्या में हैं। अमेरिका में विभिन्न स्थानों के छोटे-बड़े संस्थान भारत के स्कॉलरों के अनूठे योगदान का महत्व समझते हैं। पेन्सिलवैनिया के एक निजी लिबरल आर्ट संस्थान जूनियाटा कॉलेज में विद्यार्थी दाखिला से संबद्ध सीनियर एसोसिएट डीन रेजिनाल्ड ओनिडो के अनुसार, ‘‘भारतीय विरासत वाले हमारे विद्यार्थी समुदाय में समृद्ध संस्कृति और जीवंतता का योगदान देते हैं।’’
कैलिफोर्निया के एक पब्लिक कम्युनिटी कॉलेज लास पोसितस कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सिंडी बालेरो के अनुसार, ‘‘अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय भविष्य में वैज्ञानिक, शोधार्थी, उद्यमी और वैश्विक लीडर बनेंगे।’’ लास पोसितस के बहुत-से विद्यार्थियों ने कभी भी अमेरिका के बाहर यात्रा नहीं की है, इसीलिए उनका कहना है कि ‘‘भारत से आने वाले विद्यार्थियों के कारण वह मूल्यवान अवसर पैदा होता है जब हमारी कक्षाओं में दूसरी संस्कृतियों और विविध समूहों को एक साथ आने का मौका मिलता है। संस्कृतियों, मूल्यों और जीवन शैली के आदान-प्रदान से न सिर्फ विद्यार्थियों को फायदा होता है बल्कि इससे हर उस किसी को लाभ होता है जो ऐसे विद्यार्थियों के संपर्क में आता है।’’
टेक्सस की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी, जो एक पब्लिक यूनिवर्सिटी है, के अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी और स्कॉलर सर्विस ऑफिस में डायरेक्टर जिन झांग के अनुसार, ‘‘भारतीय विद्यार्थी न सिर्फ शानदार शैक्षिक उपलब्धियां, मजबूत शोध कौशल और जबरदस्त मेहतन और लगन लेकर आते हैं बल्कि वे अपने साथ एक समृद्ध संस्कृति भी लेकर आते है।’’ इस विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में भारतीयों की संख्या दूसरे नंबर है।
ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में भारतीय विद्यार्थी एसोसिएशन नए भारतीय विद्यार्थियों का स्वागत करती है और उन्हें परिसर की ऐसी गतिविधियो में शामिल करती है जिनसे भारतीय परंपराओं और संस्कृति को प्रोत्साहन मिलता है। झांग के अनुसार, ‘‘हम खुशकिस्मत हैं कि हमारे पास इतना समृद्ध भारतीय समुदाय है। यहां हर साल दिवाली और स्वतंत्रता दिवस पर उत्सव मनाया जाता है जिसमें खूबसूरत नृत्यों का प्रदर्शन, तबला वादन और अन्य संगीत के अलावा स्वादिष्ट भारतीय भोजन के साथ और भी बहुत कुछ होता है।’’
आयोवा में मध्य आकार के निजी विश्वविद्यालय ड्रेक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और प्रशासक विश्व नागरिकता के अपने मिशन पर गर्व महसूस करते हैं जिसमें भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यूनिवर्सिटी के ग्लोबल इंगेजमेंट एंड इंटरनेशनल प्रोग्राम की कार्यकारी निदेशक एनिक कील के अनुसार, ‘‘दुनिया भर के विद्यार्थियों का स्वागत करना हमारे प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय विद्यार्थी ड्रेक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में अपने अहम और विविध नज़रिये को भी लेकर आते हैं।’’
कील के अनुसार, ‘‘दुनिया के विभिन्न देशों के विद्यार्थियों के कक्षा में होने से अलग-अलग नजरिए और जीवन के अनुभव के साथ विद्यार्थियों के बीच संवाद का मौका पैदा होता है। वैश्विक शिक्षा के इस माहौल से अहम चिंतन कौशल के विकास के साथ नज़रिये का विस्तार और कहीं ज्यादा समावेशी परिसर और सामुदायिक माहौल को तैयार करने में मदद मिलती है।’’
शिक्षा और स्थान
जब भारतीय अमेरिका में शिक्षा के लिए तैयारी करते हैं तो उनके लिए कॉलेज या यूनिवर्सिटी के चुनाव जैसा ही महत्वपूर्ण उस अमेरिकी समुदाय का चुनाव भी होता है, जहां रह कर उन्हें पढ़ाई करनी है। हालांकि न्यू यॉर्क और लॉस एंजिलीस जैसे बड़े शहरों के बारे में दुनिया को जानकारी है, लेकिन भारतीय विद्यार्थियों को इन मशहूर शहरी केंद्रों तक ही अपने विकल्पों को सीमित नहीं करना चाहिए।
कील के अनुसार, ‘‘छोटे अमेरिकी शहर जैसे डि मोइन भी आसान पहुंच वाले हैं, जहां कुछ करने और प्रभाव छोड़ने के बहुत-से मौके उपलब्ध हैं। हमें पेशेवर तैयारियों की अहमियत की समझ है और इसीलिए हम डिग्री प्रोग्राम को दौरान और उसके भी आगे व्यावहारिक शिक्षा के अनुभवों पर ध्यान देते हैं। चाहे आपकी दिलचस्पी डेटा एनेलेटिक्स में हो या फार्मेसी में, हमारे पास प्रायोगिक शिक्षा के अवसर उपलब्ध हैं और निश्चित रूप से जब आप ग्रेजुएट होंगे तो आपकी शैक्षणिक योग्यता में काफी बेहतरी होगी।’’
लास पोसितस की लोकेशन भी भारतीय विद्यार्थियों के लिए बेहतरीन है। बालेरो के अनुसार, ‘‘सैन फ्रांसिस्को और सिलिकॉन वैली जैसे विश्व विख्यात स्थानों से हमारी निकटता के कारण हमें शानदार तकनीकी संगठनों तक बेहतर पहुंच हासिल हो जाती है। झांग के अनुसार, ‘‘ठीक इसी तरह से ह्यूस्टन शहर को विश्व की ऊर्जा राजधानी के रूप में जाना जाता है और वह स्पेस सिटी के नाम से भी विख्यात है क्योंकि वहां नासा का मुख्यालय है। वहां अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए बहुत-सी इंटर्नशिप और शोध के अवसर उपलब्ध हैं। हम अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को व्यावहारिक रूप में ज्ञान अर्जित करने और अपने रेज्यूम को बेहतर बनाने के लिए इन मौकों का फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’’
सफलता के चरण
दुनिया के दूसरे कोने पर पढ़ाई के लिए जाना थोड़ा भय जरूर उत्पन्न करता है लेकिन अमेरिकी संस्थाएं इस पारगमन को सुगम बनाने के लिए जीतोड़ कोशिश करती हैं। जूनियाटा में भारतीय विद्यार्थियों के लिए तैनात दाखिला अधिकारी मितुल सेठ के अनुसार, ‘‘जूनियाटा में गर्मजोशी के साथ स्वागत करने वाले लोग हैं, इसलिए भारतीय विद्यार्थी उम्मीद कर सकते हैं कि उनकी यात्रा उत्साह से भरपूर और परिवर्तनकारी होगी। भारतीय विद्यार्थी उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें अपने सलाहकारों, शिक्षकों, मित्रों और समूचे समुदाय से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने में प्रोत्साहन और मदद मिलेगी।’’
दूसरे संस्थान भी दूसरे देशों से आने वाले विद्यार्थियों की इसी तरह से सहायता करते हैं। बालेरो के अनुसार, ‘‘हम विद्यार्थियों की सफलता के प्रति समर्पित हैं और हम कम खर्च में सुरक्षित और स्वागती माहौल में उन्हें गुणात्मक शिक्षा मुहैया कराते हैं। हमारे यहां अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियां के लिए समर्पित कोऑर्डिनेटर है जो दाखिले से ग्रेजुएशन और यूनिवर्सिटी ट्रांसफर तक विद्यार्थी के निकट संपर्क में रह कर काम करते हैं।’’
अमेरिका में पढ़ाई को सफलता से जारी रखने के लिए, सेठ की भारतीय विद्यार्थियों को सलाह है कि वे अमेरिकी संस्कृति को जानने और समझने के लिए प्रयास करें और साथ ही वे स्थानीय निवासियों और समुदायों के साथ जितना अधिक हो, संपर्क को बढ़ाएं। अमेरिकियों और भारतीयों के बीच निजता और निजी दायरे को लेकर अलग-अलग धारणाएं हो सकती हैं, इसलिए ऐसे मसलों को सावधानी और ध्यानपूर्वक देखने की जरूरत है।
अमेरिका में अधिकतर पढ़ाई के दौरान भारतीय विद्यार्थियों के लिए सेठ नेटवर्किंग को सबसे अहम मानते हैं। उनके अनुसार, ‘‘कॉलेज या कॉलेज के बाहर जितना ज्यादा उनका नेटवर्क मजबूत होगा, उतनी ही बेहतर उनकी स्थिति होगी। अच्छे नेटवर्क वाले विद्यार्थी को जरूरत के समय लोगों से मदद मिलने की बेहतर उम्मीद रहती है। अपने सहपाठियों, शिक्षकों, मिंत्रों, वरिष्ठ विद्यार्थियों और हर किसी से जो आपके इर्दगिर्द है, अच्छे संबंध बनाने से न सिर्फ विद्यार्थी को अमेरिका में अच्छा लगेगा बल्कि उससे उसे अपने विकास के लिए मददगार लोगों की तलाश में मदद भी मिलेगी।’’
चाहे बड़े शहर में पढ़ रहे हों या छोटे कस्बे में, बड़े विश्वविद्यालय में या छोटे कॉलेज में, भारतीय विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के संदर्भ में अन्वेषण और रोमांच की भावना को बनाए रखना चाहिए। बालेरो के अनुसार, ‘‘अमेरिका में पढ़ाई भारतीय विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा को सीखने का शानदार मौका देने के साथ एक नए देश में जीवन के अनुभव के बीच अमेरिकी संस्कृति में घुलने-मिलने का मौका भी उपलब्ध कराती है।’’ वहीं, सेठ का कहना है, ‘‘विद्यार्थियों को अपना दिमाग खुला रखना चाहिए और अपने आराम-क्षेत्र से बाहर आकर कोशिश करनी चाहिए।’’ कील भी कुछ इसी तरह की भावना का इजहार करती हैं। उनका कहना है, ‘‘आइए और खुद देखिए अनुभव जनित शिक्षा और सशक्त सामुदायिक भावना के विलक्षण अवसर को, जिसे आपकी प्रतीक्षा है।’’
माइकल गलांट गलांट म्यूज़िक के संस्थापक और सीईओ हैं। वह न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।
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