वर्जीनिया यूनिवर्सिटी की भारतीय विद्यार्थी शफ़क़ ज़हरा बता रही हैं कि किस तरह से समावेशी समुदायों और परामर्शदाताओं ने स्टेम शोध के क्षेत्र में उनकी यात्रा को प्रशस्त किया।
मई 2024
शफ़क़ ज़हरा यूनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जीनिया की एक प्रयोगशाला में। (फोटोग्राफः शफ़क़ ज़हरा)
वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूवीए) में बायोइंफॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता के रूप में मैं उस जीवंत और मददगार शैक्षिक समुदाय का हिस्सा होने के कारण खुद को किस्मती समझती हूं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम- साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) के क्षेत्र में विविधता और समावेशन को तरजीह देता है। इस क्षेत्र मे महिलाओं को सशक्त बनाने वाले समावेशी समुदायों और बेशकीमती सहायता नेटवर्क ने यूवीए में मेरे सफर और कॅरियर को गहराई से आकार दिया है।
विश्वविद्यालय समावेशिता की संस्कृति को अपनाता है जहां भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले शोधकर्ता सहयोग और कुछ नया गढ़ने के लिए आते हैं। यह एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देता है जो समानता और पारस्परिक सम्मान को महत्व देता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी तरह की आवाजों को सुना जाए और उन्हें महत्व दिया जाए। मैंने विभिन्न डायवर्सिटी वर्कशॉप, नेटवर्किंग प्रोग्रामों और जुड़ाव समूहों में भाग लिया है जो सभी क्षेत्रों में सार्थक संबंधों का निर्माण करते हैं।
मार्च में वुमेंस हिस्ट्री मंथ के दौरान समूचे अमेरिका में विज्ञान और चिकित्सा समेत जीवन के सभी पहलुओं में महिलाओं की उपलब्धियों की पहचान और उन्हें सम्मान दिया जाता है। इस वर्ष, हमने इस दौरान राष्ट्रीय थीम ‘‘वुमेन हू एडवोकेट फॉर इक्विटी, डायवर्सिटी एंड इनक्लूजन’’ के तहत जश्न मनाया ताकि यूवीए हेल्थ के मसले पर इतिहास से लेकर मौजूदा समय तक उसकी स्थिति में महिलाओं के समर्पित प्रयासों का सम्मान किया जा सके। यूवीए हेल्थ और पूरे अमेरिका में स्वास्थ्य देखभाल में हमारी विरासत असाधारण महिलाओं द्वारा परिभाषित की गई है, जिन्होंने न केवल चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सुधार किया, बल्कि वे समानता की दृढ़ समर्थक भी रहीं।
हेल्थ केयर के क्षेत्र में अगर ऐतिहासिक हस्तियों का उल्लेख किया जाए तो उनमें अमेरिकी सेना में पहली महिला सर्जन एवं महिला अधिकारों की पैरोकार डॉ. मैरी एडवर्ड्स वॉकर एवं मेडिकल डिग्री लेने वाली पहली नेटिव अमेरिकी महिला डॉ. सुसान लॉ ़फ्लेश पिकोटे शामिल हैं जिन्होंने आरक्षित वर्ग तक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने पर काम किया। इसके अलावा, यूवीए स्कूल ऑफ मेडिसिन की ग्रेजुएट डॉ. विवियन पिन का योगदान भी उल्लेखनीय है जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में ऑफिस ऑफ रिसर्च ऑन वुमेंस हेल्थ की पहली पूर्णकालिक निदेशक बनीं।
यूवीए में मेरा अनुभव- समावेशी समुदायों और मेंटर्स के साथ जुड़ाव- इन सबने मुझे मूल्यवान कौशल से तो लैस किया ही, साथ ही इसके कारण मेरे नेटवर्क में विस्तार हुआ और मैं अपनी पेशेवर आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए ताकतवर बनीं। मैं यूवीए में चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्र में 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने को लेकर काफी उत्सुक हूं। इस आयोजन की मेजबानी चिकित्सा एवं विज्ञान पर बनी यूवीए की समिति और मैक्सिन प्लैटज़र लिन महिला केंद्र मिलकर करने वाले हैं। यूवीए के गर्मजोशी से स्वागत करने वाली और समावेशी संस्कृति का यहां मेरे पड़ाव पर गहरा असर पड़ा है। मैं जैसे-जैसे अपने कॅरियर में आगे बढ़ूंगी मैं, स्टेम क्षेत्र में विविधता और मेंटरशिप को प्रोत्साहित करने के लिए खुद को समर्पित रखूंगी।
शफ़क़ ज़हरा वर्जीनिया विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता हैं और बायोइंफॉर्मेटिक्स में विशेषज्ञता हासिल कर रही हैं।
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