सशक्तिकरण के मिशन पर
भारत की पहली महिला एमबीए सरपंच और इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम की पूर्व प्रतिभागी छवि राजावत ने राजस्थान में अपने पैतृक गांव में लाए गए बदलाव के अनुभवों को साझा किया।
नेतृत्व की राह
डॉ. रूहा शादाब का लेड बाय फाउंडेशन मुस्लिम महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के लिए सशक्त बना कर समावेशिता और कॅरियर में उनकी उन्नति की राह को आसान बना रहा है।
शांति को प्रोत्साहन की पहल
भारत और अमेरिका के युवा स्कॉलर अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा प्रायोजित गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज इनिशिएटिव के माध्यम से नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और समावेशन को प्रोत्साहित करने के लिए काम करते हैं।
पुरुषों की भी बड़ी भूमिका
भारत यात्रा पर आए अमेरिकी वक्ता जैक्सन काट्ज़ का कहना है कि जेंडर आधारित हिंसा को रोकने में पुरुषों की भी अहम भूमिका है।
सामाजिक बदलाव की कला
वुमेन इन इंडिया सोशल ऑंट्रेप्रिन्योरशिप नेटवर्क की प्रतिभागी जिज्ञासा लाब्रू की संस्था स्लैम आउट लाउड कलात्मक शिक्षा के माध्यम से वंचित वर्ग के बच्चों को सशक्त बनाने के काम में जुटी है।
गांधी-किंग विरासत से नेतृत्व की…
गांधी-किंग फेलोशिप के तहत भारत और अमेरिका के 20 युवा नागरिक लीडर एक मंच पर आकर, उदाहरण पेश कर नेतृत्व की राह पर अग्रसर होते हैं।
पूर्वाग्रहों से मुक्त क्लासरूम!
दिल्ली के स्कूली शिक्षक कक्षाओं में ऐसा माहौल बनाने को प्रयासरत हैं जहां जेंडर को लेकर कोई पूर्वाग्रह न हो।
बदलाव की दास्तां
थिएटर अलायंस, स्टोरी सेंटर और शक्ति वाहिनी के बीच हुई अंतरराष्ट्रीय सहभागिता ने मानव तस्करी के चंगुल से मुक्त युवतियों से जुड़ी दास्तां को कुछ ऐसा मोड़ दिया जिससे कि वे बदलाव की मिसाल बन सकें।
शहरों में बेहतर सुरक्षा
सेफसिटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यक्तियों और समुदायों को अपने साथ हुई बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने का मौका देता है ताकि दुनिया को सभी के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके।
महिला सशक्तिकरण
आपको सबको अधिक ज़रूरत किस चीज़ की है? कई बार, एक साधारण सवाल किसी बड़े विचार का आधार बन जाता है, जिसके चलते महिला सशक्तिकरण और अवसरों की उपलब्धता जैसे मौके पैदा होते हैं।
हिंसा के चक्र को तोड़ना
मीडिया के साथ कला और तकनीक के कुशल इस्तेमाल से ब्रेकथ्रू एक संस्कृति को बदलने में जुटा है और महिलाओं और लड़कियों के महत्व को सामने रख रहा है।
विविधताओं का प्रतिनिधित्व
फुलब्राइट-नेहरू स्कॉलर मंजुला भारती के कार्यों में पहचान में उलझी भावनाओं की जटिलता और समान अवसरों की प्राप्ति की यात्रा की झलक मिलती है।
लोकतंत्र का हृदय स्थल
युवा नेतृत्व परिवर्तन का वाहक होता है, कमजोर समुदायों को सशक्त करता है और एक ऐसे भविष्य का निर्माण करता है जहां सभी की आवाज़ मायने रखती है।
मानव तस्करी से बचाव
दिल्ली की अलाभकारी संस्था शक्ति वाहिनी ने हजारों बच्चों को शोषण और मानव तस्करी के खतरे से बचाने में मदद की है।
अंग्रेजी सीखो, बराबरी बढ़ाओ
एक जीवंत अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के रास्ते अंग्रेजी भाषा की क्षमता को और अधिक विस्तार देने के साथ भारत में महिलाओं, ट्रांसजेंडर और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के अधिकारों का साथ दिया जा रहा है।
गेमिंग से सशक्तिकरण!
दुनिया भर में हो रहे विभिन्न शोधों से पता चलता है कि इंटर-एक्टिव गेमों से विद्यार्थियों का ध्यान खींचने और प्रभावी तरीके से उन्हें सीखने के लिए के लिए प्रेरणा मिलती है।
बाल विवाह के खिलाफ अभियान
जिन समुदायों में बाल विवाह का चलन है, उनमें परिवारों पर इस परंपरा को जारी रखने के लिए ज़बर्दस्त सामाजिक दबाव होता है।
महिलाओं की दास्तां अब एप…
फ़िल्म निर्माता आनंदना कपूर द्वारा फुलब्राइट-नेहरू रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत विकसित इंटरएक्टिव मोबाइल डॉक्यूमेंट्री एप महिला अधिकारों के इर्द-गिर्द संवाद में मदद करता है।
महिलाओं के लिए रोज़गार में…
यूएसएड के एनजेंडरिंग यूटिलिटीज प्रोग्राम के तहत ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों से संपर्क कर वहां महिलाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा ह
सार्थक भविष्य की उम्मीद
एयरस्वी में भागीदारी करने वाली क्षमा हस्तक सार्थक फ़ाउंडेशन के ज़रिये समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रही हैं।
महिला-पुरुष समानता के लिए डिजिटल…
फुलब्राइट-नेहरू फेलो मीना पिल्लै इस बात की पड़ताल कर रही है कि डिजिटल संचार माध्यमों के विकास से सामाजिक कार्यकर्ता किस तरह महिला अधिकारों के लिए काम कर पा रहे हैं।