
दलदली भूमि का संरक्षण ज़रूरी
तटीय और भूभाग पर मौजद दलदली क्षेत्र अमेरिका के 5.5 प्रतिशत इलाके पर है। जानिए कि अमेरिका की संघीय और राज्य सरकारें इन्हें संरक्षित करने के लिए क्या कर रही हैं।

(फुल)ब्राइट भविष्य
फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप हासिल करने वाले तीऩ फेलो ने भारत में शोध के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया और साथ ही एक्सचेंज कार्यक्रम के माध्यम से मिलने वाले अतुलनीय अनुभव पर चर्चा की।

विकास के साथ वन्यजीव संरक्षण
अमेरिकी और भारतीय शोधकर्मी उन तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं जिससे वन्यजीवों के गलियारों का इस तरह से संरक्षण किया जा सके कि बाघों के जीवित रहने और उनके पनपने के लिए जरूरी गतिशालता पर असर न पड़े।

कचरा प्रबंधन से बेहतर समुदाय
विटमन कॉलेज की पूर्व विद्यार्थी गौरी मिराशी का लक्ष्य है सदाजीवी शहर बनाना। इसके लिए वह समुदायों को इस तरह से सशक्त बनाती हैं कि वे अपने परिवेश के साथ तालमेल बनाते हुए रहें।

लखनऊ के ऊर्जा कुशल हरित…
यूएसएड, लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर ऐसे घरों का निर्माण कर रहा है जो पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा की कम खपत करने वाले हैं।

पैकेजिंग के टिकाऊ विकल्प
इकोविया और धारक्षा इकोसॉल्यूशंस ने ई-कॉमर्स उद्योग के लिए प्लास्टिक पैकेजिंग के टिकाऊ विकल्प तैयार किए हैं।

पर्यावरण अनुकूल एयरकंडीशनिंग
जैसे-जैसे गर्मियों में तापमान बढ़ रहा है, ईईएसएल के बेहद प्रभावी एयरकंडीशनिंग कार्यक्रमों का मकसद ऊर्जा की कम खपत में ज्यादा शीतलता देने वाले उपकरणों को प्रोत्साहित करने का है।

बदलाव की पहल
पॉवर की अनोखी पहल से महिलाएं अपने भविष्य की कमान अपने हाथों में ले रही हैं और वह भी पर्यावरण अनुकूल रास्तों को अपना कर।

भोजन का भविष्य
भोजन की सदाजीवी आदतों के विकल्प तैयार करने के लिए द गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया, कुछ नया करने वालों और बाजार के शीर्ष नेतृत्व के साथ मिलकर पौधों पर आधारित मीट के विकल्प को तैयार करने में जुटा है।

अब कचरे से बनेंगीं ईंटें!
नेक्सस से प्रशिक्षण पाने वाले स्टार्ट-अप अंगिरस ने बेकार समझकर फेंक दिए जाने वाले पदार्थों का इस्तेमाल करते हुए कम उत्सर्जन वाली ईंटें तैयार कर चिकनी मिट्टी की पारंपरिक ईंटों का विकल्प प्रस्तुत किया है।

नवतकनीकों का सम्मान
द वर्ल्ड फूड प्राइज़ विश्व में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, उपज या उपलब्धता को बढ़ाने के लिए नवाचारों को मान्यता देता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है।

शहरों में गर्मी की तपन
शोधकर्ताओं ने गर्मी के दबाव और कार्बन उत्सर्जन के बीच रिश्तों की पड़ताल की है और यह भी समझने का प्रयास किया है कि शहरी क्षेत्रों में गर्मी की तपन का अहसास क्यों ज्यादा महसूस किया जाता है।

वन प्रबंधन का प्रभावी तरीका
कुशल वन प्रबंधन के जरिए सदाजीवी वन, आर्थिक अवसर और सामुदायिक आजीविका के साधनों का विकास होता है।

खाद्य पदार्थ: नई पहल
खाद्य पदार्थों की बर्बादी से विश्व में भूख की समस्या और गहराती है और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि होती है जो जलवायु संकट का बड़ा कारण है।

शहरों में स्वच्छ हवा
वायु प्रदूषण की रोकथाम कर पिछले दशकों में शिकागो, लॉस एंजिलीस और न्यू यॉर्क ने अपनी दास्तां को तब्दील कर दिया है।

जलवायु परिवर्तन से जूझने के…
जलवायु परिवर्तन के हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी पर पड़ते प्रभाव को इंटरएक्टिव दास्तां के स्वरूप में प्रस्तुत कर लोगों में जागरूकता और कार्रवाई को प्रेरित किया जा सकता है।

सूखे से मुकाबला
दिल्ली, चेन्नई, कराची, मैड्रिड और इस्तांबुल जैसे विशाल शहरों में पहले से ही सूखे का बड़ा खतरा महसूस हो रहा है और अगले कुछ वर्षों में कई और क्षेत्रों में यह समस्या पैदा हो सकती है।

यही समय है जलवायु पर…
जलवायु परिवर्तन पर बने एक अंतर-सरकारी पैनल की रिपोर्ट के अनुसार यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए तो भविष्य में अत्यधिक गर्मी, आग लगने और बाढ़ जैसे मौसम के अति प्रभाव देखने को मिलेंगे।

मूंगा चट्टानों का अध्ययन
आफरीन हुसैन हवाई में अपनी फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फेलोशिप के दौरान कोरल नर्सरी से नमूने एकत्र करती हुईं। फोटोग्राफ साभार: आफरीन हुसैन

जलवायु परिवर्तन से बचाव
राष्टपति जो बाइडन अप्रैल 2021 में व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से जलवायु पर आयोजित वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए। फोटोग्राफ: इवान वुचि©एपी इमेजेज

आपके भोजन से जुड़ी है…
इस वर्ष वर्चुअल जयपुर साहित्य महोत्सव में अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एक सत्र में लेखक जोनाथन सैफरन फोर और पत्रकार जेफरी गेटलमैन के बीच चर्चा हुई कि किस तरह से हमारी दैनिक गतिविधियां जलवायु परिवर्तन को रोकने के प्रयासों में प्रभावी साबित हो सकती हैं।

हरित बदलाव का अभियान
पर्यावरण संगठन स्वेच्छा अमेरिकी विदेश विभाग की मदद से तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ लोगों को प्रेरित कर भारत में पर्यावरण बदलाव के लिए माहौल बना रहा है।

खाद्य पदार्थों की बर्बादी से…
खाने की बर्बादी को कम करके, संसाधनों के संरक्षण के साथ पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाया जा सकता है।

शहर बदलेंगे, तभी बचेंगे
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शहरों में स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अनुकूलन रणनीति अपनाने की ज़रूरत है।

सौर क्षमता को नई दिशा
रेनक्यूब तकनीक प्रोटोटाइप। इस स्टार्ट-अप ने मोशन फ्री ऑप्टिकल ट्रैकिंग तकनीक विकसित की है जिससे सौर पैनल पर सूर्य की रोशनी की दिशा में तब्दीली लाकर उसकी क्षमता में अच्छी बढ़ोतरी की जा सकती है। फोटोग्राफ: साभार रेनक्यूब

जलवायु परिवर्तन से निपटने के…
डॉ. सोन्जा क्लिंस्की ने आईआईटी दिल्ली में स्कूल ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी के संस्थापक प्रमुख प्रोफ़ेसर अंबुज सागर से गठजोड़ किया। एकेडमिक जरनल का ऐसा विशेषांक निकालने के लिए जो जलवायु परिवर्तन पर क्षमता निर्माण और विकास नीति पर केंद्रित हो। फोटोग्राफ: डॉ. क्लिंस्की (बाएं) और प्रोफेसर सागर (दाएं)

शुद्ध हवा के लिए साथ-साथ
भारत में वायु प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर है और यह लगातार बनी हुई है। इससे लाखों लोगों की सेहत पर असर पड़ता है। लेकिन एक नई अभिनव साझेदारी स्थानीय स्तर पर वायु की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता के प्रयासों के माध्यम से इस बड़े मसले से जूझने के संकेत दे रही है।

वन संपदा का संरक्षण
यूएसएड की मदद से शुरू फॉरेस्ट-प्लस का मकसद वनों के प्रबंधन के अलावा जलवायु में बदलाव को रोकना, जैव विविधता का संरक्षण और आजीविका लाभ में बढ़ोतरी करना है।

प्रकृति से प्यार की नई…
भारत के बटऱफ्लाई मैन इसाक केहिमकर ने फुलब्राइट फेलोशिप के दौरान अमेरिकी गैरसरकारी संस्थाओं का अध्ययन किया था। अपने काम के साथ ही वह यह भी बता रहे हैं कि इस दौरान उन्होंने क्या सीखा।

कचरे से फैशन उत्पाद
लिफाफा ने नवप्रवर्तित उत्पादन प्रक्रिया को अपनाते हुए, कचरा बीनने वालों से साझेदारी करके प्लास्टिक कचरे से स्टाइलिश हैंड बैग और दूसरे उत्पादों को तैयार किया है।

शुद्ध हवा की तकनीक
नेक्सस से प्रशिक्षित स्टार्ट-अप शिलिंग्स एयर वायु प्रदूषण खत्म करने के लिए ऐसे उत्पाद और सेवाएं देने का काम करती है जो किफायती होने के साथ साफ हवा का आकलन करने में भी मदद देते हैं।

कचरा-मुक्त जीवनशैली
टेककैंप साउथ एशिया में भागीदारी करने वालीं सहर मंसूर के स्टार्ट-अप बेयर नेसेसिटीज द्वारा ऐसे निजी और घरेलू देखभाल उत्पाद बनाए जाते हैं जो पर्यावरण अनुकूल हैं और जिनमें बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग का इस्तेमाल होता है।

कृषि कचरे से प्लेट-कटोरी!
नई दिल्ली की एक स्टार्ट-अप कंपनी क्रिया लैब्स कृषि कचरे को मूल्यवान संसाधन में तब्दील कर उससे पर्यावरण अनुकूल कागज़ के साथ ही प्लेट और कटोरी भी बना रही है।

प्रदूषण से कलाकृतियां
ग्रैविकी लैब्स प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक कणों को कलाकारों के काम आने वाली चीज़ों में तब्दील कर देती है।

प्रदूषण थामो, सेहत बचाओ
फुलब्राइट-नेहरू फेलो जोशुआ आप्टे का ऑस्टिन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास का रिसर्च ग्रुप शहरी इलाकों के वायु प्रदूषकों, आबादी से उनके संसर्ग और मानव स्वास्थ्य के बीच के संबंधों को समझने के संयुक्त प्रयासों में भागीदारी कर रहा है।

फोटोलाइट से साफ हवा
आदर्श शुक्ला अपनी फोटोलाइट कोटिंग का इस्तेमाल कर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद कर रहे हैं।

आसवन तकनीक में हरित पहल
श्रेया दवे अपनी नई तकनीक के ज़रिये खाद्य एवं पेय पदार्थ उद्योग में रसायनों को अलग करने पर खर्च ऊर्जा में 90 प्रतिशत की कमी ला सकती हैं।

फूलों ने दिखाई डगर
‘‘हेल्प अस ग्रीन’’ फूलों और कृषि अवशेषों को संसाधित कर कई तरह के उत्पाद तैयार करता है जिनमें थर्मोकोल का पर्यावरण अनुकूल विकल्प भी शामिल है।

कचरे को मिली नई मंज़िल
जैपर मशीन कूड़े को बायोडिग्रेडेबल और नॉन बायोडिग्रेबल श्रेणी में अलग-अलग छांट देती है। बायोडिग्रेडेबल कूड़े से कम्पोस्ट बनाया जाता है, जबकि नॉन- बायोडिग्रेडेबल कूड़ा अंत में रिसाइकिल कूड़े के साथ बाहर निकल जाता है।

बाघों को बचाने का विज्ञान
फुलब्राइट-नेहरू फेलो उमा रामाकृष्णन आनुवंशिकी का इस्तेमाल कर भारत में बाघों के संरक्षणके काम में जुटी हैं।

मन बदलो, पर्यावरण बचाओ
ऐसे कौन से पूर्वाग्रह हैं जो संसाधनों और खासतौर पर जल और ऊर्जा संसाधनों के इस्तेमाल के बारे में लोगों के फैसले तय करते हैं? इंडियाना यूनिवर्सिटी में अपने शोध में शाहज़ीन ज़ेड. अट्टारी इसी विषय की पड़ताल कर रही है।